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सैकड़ों चिकित्सक बेरोजगार, नहीं निकलेगी कोई भर्ती

सैकड़ों चिकित्सक बेरोजगार, नहीं निकलेगी कोई भर्ती

राजस्थान में एक जमाना था जब हजार चिकित्सकों कि भर्ती परीक्षा होती तो पांच सौ चिकित्सक परीक्षा देने आते थे, फिर पदस्थापन के बाद करीब चार सौ लोग उस जगह पर जाने का मन बनाते थे, जगह पर जाने के बाद वहां के हालातों से जूझने के बाद करीब सौ लोग भाग खड़े होते थे और तीन सौ चिकित्सक ही सेवा देते थे, उस समय पैसा भी कम मिलता था, समय के साथ सेलरी बढ़ी जो कि आज के दिन नियुक्ति के प्रथम माह में 56100/- है, प्रोबेशन भी एक साल का है उसके बाद स्थाई हो जाने पर सेलरी काफी बढ़ जाती है, साथ ही सेवारत चिकित्सकों को सेवाकाल के अनुसार उच्च शिक्षा (पीजी) में नीट परीक्षा के प्राप्तांकों पर 10-20-30% बोनस अंकों की व्यवस्था भी है, यानी नौकरी अच्छी है |

पिछले कुछ सालों में इसी कारण भर्तियों में भीड़ बढ़ गयी और चयन मुश्किल होने लगा, पदस्थापन में भी दिक्कतें आने लगी, आज के दिन राजस्थान में हालात ये हैं कि चिकित्सा अधिकारीयों के स्वीकृत पद 6200 हैं और प्रदेश में कार्यरत चिकित्सा अधिकारीयों की संख्या 7500 है, ये अतिरिक्त चिकित्सक UTB (Urgent Temporary Basis) वाले हैं, देखें तो हालात ये हैं कि आगामी कई वर्षों तक राजस्थान सरकार को चिकित्सा अधिकारीयों की कोई भी भर्ती नहीं निकालनी है |

बहुत से नए चिकित्सक MBBS करने के उपरांत इंतजार कर रहे हैं कि कब सरकारी सेवा की राह खुले और वे सेवा में आवें लेकिन राह कठिन है |

विकल्प –

  1. स्वीकृत चिकित्सा अधिकारीयों के पद 6200 से बढाकर 10000 किये जावें एवं भर्ती निकाली जावे |
  2. करीब 1500 चिकित्सा अधिकारीयों की पदोन्नति वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के पद पर होनी करीब एक साल से बकाया है, अगर इनकी पदोन्नति हो जाए तो ये MO के 1500 पद खाली हो जायेंगे और भर्ती की राह खुलेगी, लेकिन सरकार पदोन्नति करने में असफल रही है, कारण पता नहीं |
  3. UTB पर कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी ज्वाइन की जा सकती है लेकिन वो रिक्त पदों पर ज्वाइन करवाते हैं, जिनकी संख्या भी काफी कम है |

देखना दिलचस्प रहेगा कि कम चिकित्सकों का रोना रोने वाली सरकार हजारों बेरोजगार चिकित्सकों को कैसे रोजगार देती है और प्रदेश कि ग्रामीण जनता को चिकित्सा व्यवस्थाएं मुहैया करवाती है |

Rajasthan : DACP promotion chaos

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सरकारी डॉक्टरों पर बाबूराज…

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सैकड़ों चिकित्सक बेरोजगार, नहीं निकलेगी कोई भर्ती

सैकड़ों चिकित्सक बेरोजगार, नहीं निकलेगी कोई भर्ती

राजस्थान में एक जमाना था जब हजार चिकित्सकों कि भर्ती परीक्षा होती तो पांच सौ चिकित्सक परीक्षा देने आते थे, फिर पदस्थापन के बाद करीब चार सौ लोग उस जगह पर जाने का मन बनाते थे, जगह पर जाने के बाद वहां के हालातों से जूझने के बाद करीब सौ लोग भाग खड़े होते थे और तीन सौ चिकित्सक ही सेवा देते थे, उस समय पैसा भी कम मिलता था, समय के साथ सेलरी बढ़ी जो कि आज के दिन नियुक्ति के प्रथम माह में 56100/- है, प्रोबेशन भी एक साल का है उसके बाद स्थाई हो जाने पर सेलरी काफी बढ़ जाती है, साथ ही सेवारत चिकित्सकों को सेवाकाल के अनुसार उच्च शिक्षा (पीजी) में नीट परीक्षा के प्राप्तांकों पर 10-20-30% बोनस अंकों की व्यवस्था भी है, यानी नौकरी अच्छी है |

पिछले कुछ सालों में इसी कारण भर्तियों में भीड़ बढ़ गयी और चयन मुश्किल होने लगा, पदस्थापन में भी दिक्कतें आने लगी, आज के दिन राजस्थान में हालात ये हैं कि चिकित्सा अधिकारीयों के स्वीकृत पद 6200 हैं और प्रदेश में कार्यरत चिकित्सा अधिकारीयों की संख्या 7500 है, ये अतिरिक्त चिकित्सक UTB (Urgent Temporary Basis) वाले हैं, देखें तो हालात ये हैं कि आगामी कई वर्षों तक राजस्थान सरकार को चिकित्सा अधिकारीयों की कोई भी भर्ती नहीं निकालनी है |

बहुत से नए चिकित्सक MBBS करने के उपरांत इंतजार कर रहे हैं कि कब सरकारी सेवा की राह खुले और वे सेवा में आवें लेकिन राह कठिन है |

विकल्प –

  1. स्वीकृत चिकित्सा अधिकारीयों के पद 6200 से बढाकर 10000 किये जावें एवं भर्ती निकाली जावे |
  2. करीब 1500 चिकित्सा अधिकारीयों की पदोन्नति वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के पद पर होनी करीब एक साल से बकाया है, अगर इनकी पदोन्नति हो जाए तो ये MO के 1500 पद खाली हो जायेंगे और भर्ती की राह खुलेगी, लेकिन सरकार पदोन्नति करने में असफल रही है, कारण पता नहीं |
  3. UTB पर कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी ज्वाइन की जा सकती है लेकिन वो रिक्त पदों पर ज्वाइन करवाते हैं, जिनकी संख्या भी काफी कम है |

देखना दिलचस्प रहेगा कि कम चिकित्सकों का रोना रोने वाली सरकार हजारों बेरोजगार चिकित्सकों को कैसे रोजगार देती है और प्रदेश कि ग्रामीण जनता को चिकित्सा व्यवस्थाएं मुहैया करवाती है |

Rajasthan : DACP promotion chaos

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सरकारी डॉक्टरों पर बाबूराज…

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Medical Council of India Gazette notification for Rural area

Medical Council of India Gazette notification for Rural area

नीट पीजी में प्रवेश हेतु सेवारत चिकित्सकों को बोनस अंकों का प्रावधान एमसीआई द्वारा किया गया है, संशय यह था कि किन इलाकों में कार्यरत चिकित्सकों को यह लाभ दिया जाए ? चूँकि संविधान के अनुसार हेल्थ एक स्टेट सब्जेक्ट है यानि सभी पालिसी स्टेट को बनानी होती हैं | हर स्टेट के अपने अलग क्राइटेरिया हैं | ज्यादातर जगहों को ग्रामीण, दुर्गम, दूरस्थ, पहाड़ी, ट्राइबल, रेगिस्तानी आदि इलाकों में विभाजित किया गया है | 2018 से पूर्व में एमसीआई ने केवल दुर्गम अथवा दूरस्थ इलाकों को ही बोनस अंक के योग्य माना था लेकिन 05.04.2018 के गैजेट नोटिफिकेशन में इसे ग्रामीण अथवा दुर्गम अथवा दूरस्थ कर दिया गया है | यानि जो भी ग्रामीण भत्ते के हक़दार हैं वे बोनस अंको के भी हक़दार हैं | ग्रामीण क्षेत्रों को परिभाषा राज्य के अधीन आती है जिसके अन्तर्गत आने वाले संस्थाओं को हर वर्ष नोटिफाई किया जाना होता है क्यूंकि कई जगह नए संस्थान खुल जाते हैं तथा कुछ संस्थान ग्रामीण की परिभाषा से बाहर भी हो सकते हैं |

What is Rural Area & Allowance in Rajasthan ?

MCI Rural Gazette notification attached below –

Post MBBS Diploma

30 Medical Teachers terminated

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उत्तरप्रदेश के विभिन्‍न…

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नीट पीजी काउंसलिंग और वकीलों की चांदी

नीट पीजी काउंसलिंग और वकीलों की चांदी

मेडिकल पीजी की एक सीट करोड़ रुपये की मानी जाती है, सो साफ़ है कि हर सीट के लिए घमासान होता है, ब्रांच का लालच हो या पीजी का तमगा, ख़ास तो होता ही है, अगर इसके लिए पढाई के साथ कुछ क़ानूनी लड़ाई में पैसे खर्च हो जाएँ तो भी कम ही हैं | लगभग हर साल ही काउंसलिंग कोर्ट में घसीटी ही जाती है, कोर्ट यानी वकील, वकील यानि मोटी फीस, वो भी नकद में | हर वकील सोचता है कि डॉक्टरों के पास पैसों की क्या कमी ? सो तैयार रहते हैं, हालांकि सरकारी ग्रामीण भत्ताधारी चिकित्सकों के पास कहाँ पैसा है लेकिन वकील उनकी तुलना जयपुर के एसएमएस वाले मोटे डॉक्टरों से करते हैं, सो बेचारे सरकारी डॉक्टर चंदा चपाटी करके ये फीस चुकाते हैं | पिछले तीन साल में केस जयपुर से दिल्ली तक गए और फीस लाखों से करोड़ों तक गयी | इसी बीच जयपुर में कुछ युवा वकीलों ने मेडिकल लाइन में ही कैरियर बनाने कि ठानी और वे दिल्ली की सभी सुनवाइयों में खुद के खर्चे पर जाने लगे, मकसद यह दिखाना कि हम मेडिकल के केसों के जानकार हैं, पधारो म्हारे ऑफिस, कई कॉलेज वाले छात्र उनके यहाँ पधारने लगे | एक युवा वकीलन ने तो मेडिकल कॉलेज हॉस्टल के आस पास फ्रेशर ढूंढने कि कोशिश करी ताकि एक बार कैसे भी मामले को खुद के पैसे खर्च करके भी कोर्ट में पटक दिया जाए ताकि फिर एक बार माहौल बन जाए तो वो दिल्ली तक जाए, कैरियर भी बने और कैशियर भी | यानि जबरदस्ती शुरुआत की कोशिश की जा रही है जबकि राजस्थान में कोई किसी भी तरह का केस बनता ही नहीं, गिने चुने सेवारतों के काम चलाऊ नंबर आये हैं, फील्ड से ज्यादातर लोग कॉलेजों में जा चुके हैं, अब बचे ही बहुत कम हैं, जो हैं वे भी एक दो साल में ही आये हैं | अतः सावधान रहें, चांदी बचा कर रखें |

Post MBBS Diploma

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Impact of Tamilnadu High Court decision in Rajasthan about NEET PG bonus marks

तमिलनाडु नीट पीजी बोनस अंक डिसीजन और राजस्थान

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के गैजेट नोटिफिकेशन की अनुपालना में सेवारत चिकित्सकों को पीजी कोर्सेज में प्रवेश हेतु लगने वाली नीट परीक्षा में उनके प्राप्तांकों के प्रतिशत के रूप में बोनस अंक दिए जाते हैं | राजस्थान राज्य में कार्यरत सेवारत चिकित्सकों को 1 साल के 10% तथा अधिकतम 3 साल के 30% अंक बोनस के रूप में दिए जाते हैं | पिछले साल के मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के गैजेट नोटिफिकेशन के अनुसार सभी रूरल/ग्रामीण सेवारत चिकित्सकों को बोनस अंक का हक़ है, चूँकि राजस्थान ऐसा राज्य है जिसमें पहले से ही इलाकों को पहाड़ी, दुर्गम, दूरस्थ और ग्रामीण (Hilly/Difficult/Remote/Rural) में बांटने के बजाय केवल ग्रामीण क्षेत्र में ही बांटा गया है जिसका आधार केवल ग्रामीण भत्ते (Rural Allowance) को माना गया है यानी जिसे यह भत्ता देय है वह बोनस अंक का हकदार है |

देखा जाए तो यह एक बड़ी पालिसी है जो एमसीआई के गैजेट और  ग्रामीण भत्ते पर टिकी है, साथ ही पिछले सालों के सुप्रीम कोर्ट के फैसलों में भी इन दोनों को ही सही ठहराया गया है, ऐसी स्थिति में राजस्थान में 10-20-30 बना रहेगा, वो भी हर स्थिति में |

तमिलनाडु हाईकोर्ट की कमेटी ने किया बोनस अंक प्रक्रिया में बदलाव

What is Rural Allowance in Rajasthan ?

MCI “Rural” word Gazette Notification is here

नीट पीजी 2019 के रिजल्ट के बाद सेवारत चिकित्सकों में क्यों है सन्नाटा ?

Post MBBS Diploma

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NOC for employees of Department of medical and health

All type NOC for employees of Department of medical and health

राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा नियम 1963 के अन्तर्गत समस्त संवर्गों के चिकित्सकों द्वारा Higher study application / Interview / Examination/ Selection / Foreign visit आदि के प्रकरणों के समस्त No Objection Certificate राज्य सरकार स्तर से ही जारी किये जायेंगे | अनुमति लिए बिना उक्त कार्य करने पर कार्यवाही होगी |

प्रीपीजी 2019 : सेवारत कोटे के पात्र चिकित्सकों के आवेदन

प्रीपीजी 2019 : सेवारत चिकित्सकों के पक्ष में बड़ा कदम

हर वर्ष सेवारत चिकित्सकों के कोटे से पीजी में प्रवेश हेतु उनकी सेवा सत्यापित करवाई जाती है, इस बार इसे थोड़ा जल्दी करवाया जा रहा है |
सेवा सत्यापन हेतु निर्धारित फोर्मेट में सेवा अवधि की गणना करते हुए इसे सम्बंधित अधिकारी (CMHO/PMO) से VERIFIED करवाकर अडिशनल डायरेक्टर गेजेटेड को दो मूल कॉपी में जमा करवाना होता है तथा तीसरी प्रति पर रिसीव दी जाती है ताकी अभ्यर्थियों के पास प्रमाण रहे, कई अधिकारीयों द्वारा वेरिफाइड के बजाय फॉरवर्ड किये जाने के कारण दुबारा से जमा करवाने के आदेश जारी किये हैं, कुछ जिलों में सेवारत चिकित्सकों के आवेदनों पर अधिकारीयों द्वारा सेवा सत्यापित करने में आनाकानी की शिकायतें आने पर 22 जनवरी की वीसी में मिशन निदेशक एनएचएम एवं निदेशक जन-स्वास्थ्य द्वारा स्पष्ठ निर्देशित किया गया कि किसी भी सेवारत चिकित्सक के कैरियर प्रोग्रेशन में आड़े ना आयें, चूँकि नए चिकित्सकों की प्राथमिकता पीजी करना है और यह उनका हक़ है, इसमें सभी अधिकारी इसमें सहयोग करें | इसके बाद अंतिम तिथि को भी बढ़ा दिया गया तथा साथ ही हड़ताल अवधि की EOL अवकाश को भी पीजी सेवा अवधि में सम्मिलित करने का संशोधित आदेश जारी कर दिए गए हैं, जिससे चिकित्सक राहत में आये हैं, 24 जनवरी 2019 सेवारत आवेदन जमा करवाने की अंतिम डेडलाइन है सो सभी सेवारत चिकित्सक इस सीमा में ही अपना आवेदन जमा करवाना सुनिश्चित कर लें |

हड़ताल अवधि की छुट्टियाँ होंगीं सेवारत कोटे के कार्यकाल में सम्मिलित –

Amarnath Yatra Duty for Doctors

Amarnath Yatra Duty for Doctors

प्रतिवर्ष कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में अमरनाथ यात्रा जून-जुलाई-अगस्त माह में होती है, यह रक्षाबंधन के दिन संपन्न विधिवत मानी जाती है (60 Days), इसमें देश विदेश से यात्री अमरनाथ नामक गुफा में प्राकृतिक रूप से बनने वाले शिवलिंग के दर्शनार्थ जाते हैं, वर्ष 2018 में 285006 यात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किये | इस यात्रा के दो रास्ते हैं, एक पहलगाम से गुफा (करीब 40 किमी) दूसरा बालटाल से गुफा (करीब 15 किमी), दोनों रास्ते दुर्गम हैं जिनमें पैदल या खच्चर की सहायता से जाया जा सकता है, इन दोनों रास्तों में हर चार पांच किमी पर यात्रियों हेतु मेडिकल कैम्प बने होते हैं (कुल 28 कैम्प)जिनमें डॉक्टर सहित स्टाफ मय दवाइयां उपलब्ध रहता है, कश्मीर सरकार के पास पर्याप्त डॉक्टर/स्टाफ उपलब्ध ना होने की स्थिति में वे पड़ोसी राज्यों से इन्हें डेपुटेशन पर लेते हैं, यात्रा को ड्यूटी के हिसाब से दो चरणों में बांटा जाता है, एक एक महीना, जिनके लिए स्टाफ तैनात किया जाता है | सामान्यतया राजस्थान के स्टाफ को द्वितीय चरण में लगाया जाता है क्यूंकि उस समय वहां मौसम अनुकूल रहता है (करीब शून्य से ऊपर) | यात्रा में जाने हेतु किराया भत्ता, दैनिक भत्ता (दिन के हजार के करीब) राज्य सरकार के नियमानुसार देय होता है जो यात्रा पश्चात बिल प्रस्तुत करने पर दिया जाता है (बाबूराज) | श्रीनगर की फ्लाईट ले सकते हैं (किराया मेडिकल ऑफिसर्स को ट्रेन AC का ही मिलेगा), वहां से पहलगाम पहुंचें, अथवा ट्रेन से जम्मू वहां से बस/टेक्सी से अनंतनाग और फिर पहलगाम पहुंचें, बालटाल रूट वाले श्रीनगर से बालटाल जा सकते हैं वहां से (बालटाल और चन्दनबाड़ी के बाद) आगे अपने ड्यूटी स्थल तक पहुँचने के लिए पैदल चल सकते हैं अथवा खच्चर ले सकते हैं, ड्यूटी स्थल पर फार्मासिस्ट (इंचार्ज), नर्सिंग स्टाफ आदि करीब सात लोग होते हैं, यहीं पर जेके पुलिस/आर्मी/बीएसएफ/सीआरपीएफ की टुकड़ी और उनके भी डॉक्टर होते हैं, बड़ी जगहों तथा बेस अस्पतालों में एक से ज्यादा डॉक्टर रहते हैं लेकिन ज्यादातर जगह एक भी होता है, ज्यादातर मरीज हाइपोथर्मिया या सांस की दिक्कत वाले आते हैं, कुछ गिरकर चोट खाए, रेफ़र करके के लिए हेलिकोप्टर उपलब्ध है, स्टाफ भी यात्रा के दौरान बाबा के दर्शन करके आ सकता है (आना चाहिए) ड्यूटी दौरान खान पान हेतु सामग्री कश्मीर सरकार द्वारा मुहैया करवाई जाती है (चावल-दाल-राजमा-आदि) जिसे स्टाफ द्वारा ही बनाया जाता है (एक एमपीडब्लू नियुक्त), हालाँकि यह खाना राजस्थानियों को ज्यादा हजम नहीं होता है, सो वो आस पास चल रहे मुफ्त भंडारों का लाभ ले सकते हैं, कुल 28 कैम्प में से करीब 18 में ही भंडारा सुविधा है बाकी को थोड़ी दिक्कत आ सकती है, इसी तरह मोबाइल नेटवर्क भी कुछेक जगह ही है, वो भी BSNL Post-paid | मौसम और दृश्य शानदार हैं, बर्फ पिघल रही होती है, आप स्वर्ग में हैं, 12000 ft से ज्यादा ऊंचाई के कारण ओक्सिजन कम है, सो ज्यादा घूम नहीं सकते, बस टेंट में रहो, टेंट में हीटर-रजाई-गद्दे-किचन होंगें, जुगाड़ हो सके तो सप्ताह में एक बार नहा लो, एक जैकेट दो पाजामे चार टीशर्ट में महीना कट जायेगा, दाढ़ी वापस आकर बना लेवें, जै बाबा की बोलते रहो |

ड्यूटी, सेवा, घुमाई, सुकून, मेडिटेशन का बेजोड़ संगम है अमरनाथ यात्रा, जिन्दगी भर याद रहने वाला अनुभव | शादीशुदा एवं उम्रदराज (जिम्मेदार) साथीयों के बजाय कुंवारे लोग ज्यादा एन्जॉय मार सकते हैं, हालांकि गुटखा, तेलिय पदार्थ, मांस-मदिरा पूरी तरह प्रतिबंधित हैं |

वर्ष 2019 के दो चरणों में राजस्थान से प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले मेडिकल स्टाफ की लिस्ट जारी कर दी गयी है, जो कि नीचे संलग्न है –

ज्यादा जानकारी के लिए अमरनाथ श्राइन की वेबसाइट देखें – http://www.shriamarnathjishrine.com/

राजस्थान अमरनाथ यात्रा नोडल ऑफिसर हेल्प लाइन – 9782121971

इच्छुक स्टाफ अपने जिले के सीएमएचओ के मार्फ़त आवेदन करे अथवा हेल्पलाइन पर संपर्क करे |

Credit :

उपरोक्त जानकारी हमें, डॉ. जितेन्द्र बगडिया द्वारा दी गयी है, जिन्होंने यात्रा में अपनी सेवाएँ दी हैं |
पोस्ट – EAC, Poshpathri, Pahalgam Axis, 2nd round July-August 2014.

क्या है मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजना का अगला कदम ?

क्या है मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजना का अगला कदम ?

राजस्थान प्रदेश में निशुल्क दवा योजना को लागू करने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान डॉ. समित शर्मा का रहा है और फिर से डॉ. समित शर्मा चिकित्सा विभाग में लौटें हैं उनका मुख्य ध्यान निशुल्क दवा और जांच योजना पर है | जानकारों का मानना है कि योजना की अगली कड़ी में इन योजनाओं को अस्पतालों में चौबीस घंटे भी चलाया जा सकता है जिससे सभी भर्ती एवं आपातकाल के मरीजों को सम्पूर्ण दवाइयों व जांचों का लाभ मिलेगा, साथ ही चर्चा है कि घरों पर प्राइवेट प्रेक्टिस करने वाले सरकारी चिकित्सकों की पर्चियों से भी सरकारी अस्पतालों से चौबीस घंटे मुफ्त दवा ली जा सकेगी और जांचें भी करवाई जा सकेंगी, हालाँकि यह लागू होगी या नहीं, अथवा कब से होगी, इसके बारे में कहना जल्दबाजी होगा, लेकिन इसके लिए अतिरिक्त मैन-पॉवर की जरुरत होगी जिसकी तैनाती करना विभाग के लिए कोई मुश्किल काम नहीं है |

प्रदेश के अस्पतालों में चलेगा औचक निरीक्षण का दौर, मिशन निदेशक खुद उतरे मैदान में

कमान सम्हालते ही डॉ. समित शर्मा, मिशन निदेशक ने प्रदेश के सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने अपने क्षेत्र में अस्पतालों का सघन निरीक्षण करें ।

यह निरीक्षण उन अस्पतालों में व्यवस्था सुधारने की दिशा में होगा ।

मिशन निदेशक जयपुर के गणगौरी अस्पताल में निशुल्क दवा योजना की जानकारी लेकर निर्देश देते हुए –

मिशन निदेशक का मैसेज –

Good morning freinds,
As discussed yesterday, today all Directors, PDs, Additional and Joint directors, CMHOs , RCHOs , ADD/Dy CMHOs , DPMs ,BCMOs and DPCs etc (and MD, NHM also) will be visiting and monitoring our hospitals, CHCs, PHCs and Sub centres etc.
The objective is to monitor and improve the healthcare services in our state. This is a pious task. It is for supportive supervision and it’s not a fault finding exercise. Instead try to ‘catch’ them doing something ‘right’ and appreciate them and pat their back, instill confidence and a sense of responsibility in them.
The idea is to understand the genuine issues of the doctors and staff in field and to motivate, inspire and encourage them to provide quality healthcare services.
The focus can be on :
1. The healthcare facility starts delivering services as per the designated time. All doctors and staff are available (and providing services) during the work hours (and with Uniform and id card so the patient easily identifies them).
2. Get medicines from DDWs and make them available at all DDCs, a print of list of available medicine (with quantity) should be provided at the table of all doctors every Monday morning, before the opd starts. The idea is medicines are to be provided to all patients.
3. Availability of reagents, technician, equipment, x-ray films, ecg rolls etc so that patients can be properly investigated.
4. Properly arranged, neat and clean hospital specially opd , patient waiting area, labour room, wards and toilets.
5. Assured availability of quality health care services so that the patient feels satisfied and thanks us. (And we we too feel contented and thank God for choosing the noble profession for our life)
Believe me, together we will be creating history, in coming years. The concept of Health for all and universal health coverage is still largely in PSM books, together we can implement it on ground. It is an arduous task, but needs to be done, and of course attainable with hard work. Lakhs of poor and needy patients require our services to cure their suffering, pain and illness. God has entrusted this pious task to all of us.
So, please go ahead with a positive outlook and happy mood and make today a useful day.

A day worth living. A successful day of our life.

All the best.
Regards
Dr. Samit Sharma

CDC advisory – अमेरिकी लोग राजस्थान, गुजरात जाने से बचें

सीडीसी एडवाइजरी जारी – खतरनाक हो सकता है राजस्थान भ्रमण

अमेरिका की सेंटर्स फॉर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने गर्भवती महिलाओं के लिए अडवाइजरी जारी की है की वे भारत के राजस्थान और गुजरात प्रान्तों में ना जावें जहाँ हाल ही में जीका वायरस का अटैक हुआ है | हाल ही में अक्टूबर नवम्बर में राजस्थान में 159 जिका के कन्फर्म केस मिले थे | कुछ केस गुजरात बिहार मध्यप्रदेश से भी रिपोर्ट हुए थे |
नया साल इन स्टेट्स में टूरिज्म का पीक सीजन है और यही जीका के लिए सबसे बढ़िया मौसम है, इस आदेश से राजस्थान का चिकित्सा विभाग और पर्यटन विभाग सकते में है |

CDC alert classification –

  1. level 1 – usual precautions
  2. level 2 – enhanced protection
  3. level 3 – non-essential travel

इस अलर्ट को लेवल 2 में रखा गया है |

राजस्थान जीका आउटब्रेक और जिका के बारे में जानकारी यहाँ से लें –

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सीडीसी एडवाइजरी पर स्पष्टीकरण दिया है –
(बैठक में चेयर पर्सन श्री रोहित कुमार सिंह और डॉ. समित शर्मा )