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Sesonal diseases in rajasthan

Outbreak of seasonal diseases started in Rajasthan

10.08.2022
राजस्थान में बारिश के साथ मौसमी बीमारियों का दौर शुरू हो गया है। जयपुर समेत राज्य के सभी हॉस्पिटल की ओपीडी में इन दिनों वायरल फीवर के केस तेजी से बढ़ रहे है। राजस्थान के सबसे बड़े हॉस्पिटल एसएमएस में इन दिनों ओपीडी में मरीजों की संख्या 9 हजार के पार पहुंच गई है। वायरल फीवर, खांसी-बुखार, जुकाम के अलावा डेंगू-मलेरिया के केस भी सामने आ रहे है। मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट राजस्थान के मुताबिक पिछले एक सप्ताह में पूरे राज्य में 88 केस डेंगू के डिटेक्ट हुए है, जिसमें से 2 मरीजों की मौत हो गई।जयपुर एसएमएस के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर और यूनिट हेड डॉ. पुनीत सक्सेना की माने तो अभी वायरल फीवर, सामान्य बुखार, खांसी-झुकाम के केस बढ़ रहे है। इनमें कई कुछ केस डेंगू-मलेरिया के भी, लेकिन अभी ये बहुत कम है। उन्होंने बताया कि लोगों को भीड़-भाड़ वाले एरिया में मास्क लगाकर जाना चाहिए, जिससे लोग संक्रमित बीमारियों से बचने में तो मदद मिलेगी, कोरोना से भी खुद को बचाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि जैसे बारिश का दौर धीमा पड़ेगा मच्छर बढ़ेंगे और फिर डेंगू-मलेरिया व चिकनगुनिया के केस भी बढ़ने लगेंगे।

बच्चों में उल्टी-दस्त की शिकायतें आने लगी
मौसम की इस बीमारी से बच्चे भी तेजी से चपेट में आ रहे है। जयपुर के जेके लॉन हॉस्पिटल में अब ओपीडी में भीड़ बढ़ने लगी है। इसमें ज्यादातर मामले सामान्य बुखार और खांसी-जुकाम के अलावा उल्टी-दस्त के भी मरीज है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर और जेके लॉन रेयर डिजीज सेंटर में नियुक्त डॉ. प्रियांशु माथुर की माने तो इन दिनों कुछ बच्चों के हाथ-पैर में दाने की भी शिकायतें देखने को मिल रही है। हालांकि ये सभी अभी सामान्य वायरल वाले ही केस है, इनमें कोई नया वायरल का केस सामने नहीं आया है।

प्रतापगढ़ जिले में दो गुने हुए डेंगू के मरीज
राजस्थान में जिलेवार स्थिति देखे तो प्रतापगढ़ जिले में डेंगू तेजी से बढ़ रहा है। 27 जुलाई तक प्रतापगढ़ में डेंगू के प्रतापगढ़ 25 केस सामने आए थे, जो 5 अगस्त तक बढ़कर 61 हो गए। वहीं अलवर में पिछले एक सप्ताह में 2 डेंगू के केस डिटेक्ट हुए है और दो ही मौत हुई है। प्रतापगढ़, अलवर के अलावा डेंगू प्रभावित जिलाें में कोटा, दौसा, करौली, भरतपुर और जयपुर भी है।

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Orders for transfer and posting

Medical Health and Family Welfare Services Rajasthan issued orders for posting and transfer of center employees

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निर्माण केंद्र कर्मचारियों का पदस्थापन स्थानांतरण प्रशासनिक अति आवश्यकताओं को देखते हुए लोकहित में उनके नाम सन्मुख निम्नांकित स्थानों पर तुरंत प्रभाव से करने के दिए आदेश

OFFICIAL ORDE HERE

567 Dt.05.08.2022 Website

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orders for medical institutions

Medical and Health Services Rajasthan gave orders to medical institutions under the organization of Amrit Mahotsav of Independence

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला में प्रदेश में 13 अगस्त से 16 अगस्त तक हर घर तिरंगा कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश के चिकित्सा विभाग में व्यापक जन सहभागिता के साथ ऐतिहासिक स्वरूप देखकर आयोजन किए जाने के लिए दिशानिर्देश किए जारी।

ORDERS HERE

729 dt 05.08.2022

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Amendment orders

Medical and Health Department, Government of Rajasthan gave orders for amendment

राजस्थान सरकार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के समसंख्यक स्थानांतरण आदेश दिनांक 3.08.2022 में निम्नानुसार एतद् द्वारा तुरंत प्रभाव से संशोधन करने के दिए आदेश

OFFICIALS ORDERS HERE

Correction order 04-08-2022

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Corona in rajasthan

Corona rising in Rajasthan

राजस्थान में कोरोना मरीजों और इससे होने वाली मौतों की संख्या भी एक महीने में डबल हो गई है। जून के मुकाबले जुलाई में दोगुना तेजी से संक्रमण बढ़ा है। वहीं अगस्त के पहले 3 दिन में भी लगातार बड़ी संख्या में मरीज मिल रहे हैं। इसे देखते हुए हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल मीणा ने राज्य में सैंपलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। जयपुर, जोधपुर जैसे शहरों में जहां पॉजिटिविटी रेट तेजी से बढ़ी है, वहां ज्यादा फोकस रहेगा। पिछले 48 घंटे में 5 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले एक महीने की मौत का आंकड़ा 20 का रहा है। कोरोना मरीजों की संख्या भी बीते 33 दिनों में 6000 को पार कर गई है। तेजी से बढ़ रहे मरीज सरकार के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं।

राजस्थान में आज 343 केस
राजस्थान में आज कोरोना के 343 केस आए हैं, हालांकि किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। जयपुर में सबसे ज्यादा 109 केस मिले हैं। ये तीसरा दिन है। जब जयपुर में लगातार 100 से ज्यादा केस आए हैं। अलवर में 35, दौसा 31, उदयपुर 27, जोधपुर 24, अजमेर, भीलवाड़ा में 14-14, राजसमंद में 12, जालोर 11, बांसवाड़ा और कोटा 10-10, चित्तौड़गढ़ में 8, जैसलमेर, नागौर, सवाई माधोपुर और सिरोही में 6-6, बाड़मेर और झालावाड़ में 4-4, बीकानेर, चूरू और सीकर में 2-2 केस है। राज्य में अब एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 2209 हो गई। जबकि झुंझुनूं, बूंदी और पाली ऐसे जिले हैं, जहां अभी एक भी एक्टिव केस नहीं है।

दो दिन में पांच मौत
मौसमी बीमारियों के मरीजों के साथ राजस्थान में कोरोना पॉजिटिव बढ़ रहे हैं। अगस्त के शुरुआती दो दिनों में प्रदेश में पांच लोगों की मौत कोरोना से हुई है। वहीं, 598 पॉजिटिव मिले हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में ये अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। मंत्री ने सभी जिला सीएमएचओ को अपने-अपने यहां कोविड की सैंपलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा है कि- खांसी, जुकाम ,बुखार के मरीज कोविड टेस्ट जरूर करवाएं।

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Jhunjhunu 3rd place in infants unit

Jhunjhunu third place out of 70 infant units of Rajasthan: 89.34 percent numbers found for better health services

बीडीके अस्पताल की नवजात शिशु इकाई ने प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। शिशु रोग इकाई को तीसरा स्थान उनकी बेहतर सुविधाओं, बेहतर देखभाल की वजह से मिला है। पूरे राज्य में संचालित 70 नवजात शिशु रोग इकाइयों में से दिए जाने वाली बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं में 89.34 प्रतिशत अंकों के साथ झुंझुनूं ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। हनुमानगढ़ ने 93.5 स्कोर के साथ प्रथम तथा बूंदी ने 89.34 स्कोर के दूसरा स्थान प्राप्त किया। पीएमओं डॉ. वीडी बाजिया ने बताया कि एसएनसीयू स्टाफ व शिशु रोग विभाग के डाॅक्टर्स की मेहनत से यह स्थान मिला है। उन्होंने बताया कि उनके कठिन परिश्रम और लगन की वजह से ही नवजात शिशु रोग इकाई को यह सम्मान मिला है। डॉ बाजिया ने समस्त चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ की सराहना की तथा निरंतर रोगियों को को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने का संकल्प लिया।शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जितेन्द्र भाम्बू ने बताया कि नवजात शिशु इकाई में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा प्रतिदिन परामर्श देने, रेजिडेंट्स डॉक्टर एवं प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ द्वारा निरंतर मॉनिटरिंग करने से सेवाओं में काफी सुधार हुआ है। मई माह में भी नवजात शिशु इकाई तृतीय स्थान पर रही है।पीएमओ एवं वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ वीडी बाजिया बताते हैं कि नवजात शिशु की सही समय पर जांच, उपचार,फोलोअप एवं कम्युनिटी स्तर पर टेस्टिंग, ट्रेसिंग से ही शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। नवजात के सर्वाइवल में प्रशिक्षित चिकित्सकों एवं स्टाफ की अहम भूमिका है।

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negative reports of monkeypox

Relief in Rajasthan, report of both the suspects of monkeypox negative

राजस्थान में मिले मंकीपॉक्स के दोनों संदिग्धों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। दोनों संदिग्धों को सोमवार को जयपुर के आरयूएचएस में बने मंकीपॉक्स आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। अतिरिक्त निदेशक (स्वास्थ्य) रविप्रकाश शर्मा ने बताया कि मंकीपॉक्स के दोनों मामलों में रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज की सीनियर प्रोफेसर ने कहा कि जिन मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव है, उनमें से एक भरतपुर का रहने वाला है। हालांकि, उसकी प्रोफाइल के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। दूसरा युवक किशनगढ़ (अजमेर) का रहने वाला है। दोनों मरीजों के सैंपल सोमवार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज की लैब में भेजे गए थे। यहां सैंपल नेगेटिव मिलने के बाद भी उन्हें पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजे जाएगा।सिम्प्टम्स देखकर किया था एडमिट भरतपुर के युवक को संदिग्ध मानते हुए सोमवार सुबह आरयूएचएस में भर्ती किया गया था। इसे हल्का बुखार होने के साथ ही शरीर पर कुछ ही दाने थे। वहीं, बेंगलुरु में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले किशनगढ़ के 20 साल के युवक को रविवार देर रात एडमिट किया था। उसे बुखार होने के साथ शरीर पर जगह-जगह दाने हो रहे थे। इसे देखते हुए किशनगढ़ में डॉक्टरों ने इसे संदिग्ध मानते हुए जयपुर रेफर कर दिया।

तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
जिन लोगों के बुखार, गर्दन में गांठे, पूरी बॉडी पर चिकनपॉक्स जैसे दाने की समस्या आ वह तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। डॉ. शर्मा ने बताया कि इस केस में मरीज के प्राइवेट पार्ट और मल द्वार के आसपास एनोजेनाइटल पेन होता है।उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मंकीपॉक्स के लक्षण 6 से 13 दिन के अंदर दिखाई देने लगते हैं। हालांकि कई बार 5 से 21 दिन का समय भी ले सकता है। संक्रमित होने पर अगले 5 दिन के अंदर बुखार, सिरदर्द, थकान और पीठ में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं।

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Monkeypox in rajasthan

two suspected cases of monkey pox in rajasthan

02.08.2022

राजस्थान में मंकी पॉक्स के दो संदिग्ध केस सामने आए हैं। दोनों को जयपुर के RUHS हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। उनके शरीर पर दाने नजर आ रहे हैं। एक अजमेर के किशनगढ़ और दूसरा भरतपुर जिले का रहने वाला है। सोमवार को भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट आज आएगी।RUHS के अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह ने बताया कि एक 20 साल का युवक किशनगढ़ से रविवार देर रात रेफर होकर आया था। वह बेंगलुरु में पढ़ाई करता है। उसे बुखार आने व शरीर पर दाने दिखने के बाद संदिग्ध मानते हुए जयपुर रेफर किया गया। सतर्कता बरतते हुए मरीज को आइसोलेट किया है। उसके सैंपल मंकी पॉक्स की जांच के लिए SMS मेडिकल कॉलेज भिजवाए है। मरीज की अभी कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी सामने नहीं आई है। उन्होंने बताया रिपोर्ट आने के बाद ही कंफर्म होगा कि मंकी पॉक्स का वायरस है या चिकन पॉक्स। ऐसे में हमने सामान्य ट्रीटमेंट शुरू कर दिया है।RUHS से मिली रिपोर्ट के मुताबिक एक अन्य युवक भी सोमवार सुबह भर्ती हुआ है, जो भरतपुर का रहने वाला है। इसके हल्का बुखार होने के साथ ही शरीर पर कुछ ही दाने थे। संदिग्ध मानते हुए भर्ती किया गया है। डॉक्टर की मानें तो दोनों युवकों की तबीयत स्थिर है।

6वीं मंजिल पर बना है वार्ड
जयपुर के RUHS हॉस्पिटल में प्रशासन ने ओमिक्रॉन वाले मरीजों की तर्ज पर मंकी पॉक्स के संदिग्ध अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाया है। यह हॉस्पिटल की छठवीं मंजिल पर है। इस मंजिल पर वार्ड के अलावा कुछ प्राइवेट रूम भी हैं। इन्हीं जगहों पर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।

कोरोना की तरह हवा में नहीं फैलता ये संक्रमण
जयपुर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. रमन शर्मा की मानें तो ये संक्रमण कोरोना की तरह हवा में नहीं फैलता। उन लोगों को खास बचने की जरूरत है जो विदेश से यात्रा करके आए हैं। उन्होंने बताया कि वे लोग ज्यादा सतर्क रहे, जो अफ्रीकी देशों से यहां आ रहे हैं। जिन लोगों के बुखार, गर्दन में गांठे, पूरी बॉडी पर चिकन पॉक्स जैसे दाने की समस्या आ रही है तो वह तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।डॉ. शर्मा ने बताया कि इस केस में मरीज के प्राइवेट पार्ट और मल द्वार के आसपास एनोजेनाइटल पेन होता है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मंकी पॉक्स के लक्षण 6 से 13 दिन के अंदर दिखाई देने लगते हैं। हालांकि कई बार 5 से 21 दिन का समय भी ले सकता है। संक्रमित होने पर अगले 5 दिन के अंदर बुखार, सिरदर्द, थकान और पीठ में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं।

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Monkeypox reports available in 24 hours

Reports of monkeypox in Rajasthan will be available within 24 hours

देश-दुनिया में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के बाद अब राजस्थान में भी सतर्कता बढ़ा दी है। इसके लिए जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में इस बीमारी की जांच के लिए लैब शुरू कर दी है। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ. राजीव बगरहट्टा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में लोगों को इस बीमारी से अवेयर करने के लिए कैंपेन चलाने का निर्णय किया।डॉ. बगरहट्‌टा ने बताया कि राज्य सरकार ने मंकीपॉक्स के बारे में पहले ही गाइडलाइन जारी कर दी है। हम अपने स्तर पर अब लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे। वहीं हमने अपने यहां इस वायरस की जांच की फैसेलिटी भी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि अगर जयपुर में कोई केस मंकीपॉक्स का आता है तो उसके लिए RUHS में अलग से डेडिकेटेड वार्ड बना रखा है, जहां मरीज को भर्ती किया जा सकेगा।आपको बता दें कि देश में अब तक मंकीपॉक्स के 4 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 3 मरीज केरल में और 1 दिल्ली में मिला है। अब तक 4 संदिग्ध केस भी सामने आ चुके हैं। सभी के सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भिजवाए गए है, हालांकि, अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है।
*अब पुणे नहीं भेजने पड़ेंगे सैंपल
डॉ. बगरहट्‌टा ने बताया कि अब लैब खुलने के बाद हमे यहां कलेक्ट किए जाने वाले सैंपल को जांच के लिए पुणे की लैब में नहीं भेजने पड़ेंगे। हमने मेडिकल कॉलेज में ही इसकी व्यवस्था शुरू कर दी है। सैंपल कलेक्शन का काम एसएमएस मेडिकल कॉलेज में ही है। उन्होंने बताया कि जयपुर के अलावा अन्य दूसरे बड़े शहरों में भी सैंपल कलेक्शन सेंटर खोले जाएंगे, इसके लिए हेल्थ डिपार्टमेंट को पत्र लिखेंगे, ताकि सैंपल जांच के लिए जयपुर भेजे जा सके।

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Covid in rajasthan

Corona would be active again in Rajasthan, positivity rate above 10 percent

28.07.2022
देश-दुनिया में कोरोना का संक्रमण फिर फैलने लगा है। राजस्थान में भी कोरोना के केसों में पिछले मौजूदा महीने में इजाफा देखने को मिला। इसी का नतीजा है कि राज्य में पिछले 27 दिन में 4497 केस मिले है, जबकि 12 मरीजों की मौत हो चुकी है। ये पिछले 4 महीने में मिले केसों में सर्वाधिक है। पिछले एक सप्ताह की रिपोर्ट देखे तो 5 ऐसे जिले है जिनकी एक सप्ताह की औसत पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ऊपर चली गई।
मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट की रिपोर्ट देखे तो 20 से लेकर 26 जुलाई तक राजस्थान के सभी 33 जिलों में 38,389 लोगों के सैंपल लिए गए और उनकी जांच की गई, जिसमें से 1644 लोगों के सैंपल पॉजिटिव मिले है। राज्य में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट अभी 4.28 फीसदी है, जो भारत की सप्ताहिक औसत टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 4.57 से थोड़ी ही कम है। जानकारों की माने तो वर्तमान में जितने भी कोविड के मरीज आ रहे है, वह हल्के लक्षण वाले है। जिनमें केवल खांसी, बुखार या जुकाम के ही लक्षण है।
6 हजार से भी कम टेस्ट

राज्य में हर रोज औसतन 5484 टेस्ट हो रहे है, जो राज्य की कुल टेस्ट क्षमता का महज 6 फीसदी है। राज्य में वर्तमान में सभी जिलों में कोविड टेस्ट की लैब मौजूद है और हर रोज एक लाख टेस्ट करने की क्षमता राज्य में है। अगर टेस्ट की संख्या बढ़ती है तो कोविड पॉजिटिव मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो सकता है।

ये जिले अब भी सुरक्षित
बूंदी, झुंझुनूं, पाली इन जिलों में पिछले एक सप्ताह में एक भी केस नहीं मिला है। वहीं करौली, सवाई माधोपुर, धौलपुर ऐसे जिले है जहां केवल एक-एक केस मिला है। सबसे ज्यादा 365 केस जोधपुर जिले में मिले है, जबकि 332 केस के साथ जयपुर दूसरे नंबर पर है।

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