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Tranfer of medical personnel

Orders for posting and transfer of medical personnel in Rajasthan

राजस्थान सरकार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निम्नांकित कर्मचारियों का पदस्थापन व स्थानांतरण प्रशासनिक अति आवश्यकता को देखते हुए लोगों के हित में जारी किया जाता है।

ATTACHED FILES

Order 528 date 26.07.2022

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Compulsion of government service reduced in medical colleges in raj.

After PG and superspeciality courses from medical colleges in Rajasthan, the compulsion of government service reduced

27.06.2022
प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों से पीजी व सुपरस्पेशिलिटी काेर्स के बाद पांच साल की सरकारी सेवा की बाध्यता घटाकर दाे साल कर दी गई है। अगले दाे माह में नीट पीजी की काउंसलिंग हाेनी है, ऐसे में स्टूडेंट्स काे मेडिकल काॅलेज के चयन में इसका लाभ मिलेगा।
इससे प्रदेश के कई स्टूडेंट्स दूसरे प्रदेशाें से पीजी कर रहे थे।
दूसरे प्रदेशाें के कम स्टूडेंट्स ही राजस्थान के कॉलेज चुनते थे। अब अनिवार्य राजकीय सेवा की अवधि 2 साल होने से राजस्थान में प्रवेश के लिए प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी क्याेंकि प्रदेश के स्टूडेंट्स यहां रुकेंगे। हालांकि करार सिर्फ 2 साल का हाेने पर सरकारी अस्पतालाें में डाॅक्टराें की कमी हाे सकती है। राजस्थान में पीजी की करीब 1300 सीटें हैं। नए नियम के बाद नीट-पीजी में होड़ बढ़ेगी लेकिन डाॅक्टर मिलने की उम्मीद कम ही है।

सवाल: क्या डॉक्टर सेवा जारी रखेंगे?
एमबीबीएस में 4 साल के बाद 3 साल पीजी करने में लगते हैं। सुपर स्पेशियलिटी कोर्स में 3-5 साल और लगते हैं। ऐसे में कई मेडिकाॅज सरकारी सेवा पूरी करने की बजाय निजी क्षेत्र में जा रहे थे। अब वे दाे साल बाद इसे जारी रखेंगे, इसमें संशय है।सरकारी सेवा अवधि 2 साल करने का आदेश।

प्रतिस्पर्धा: सितंबर में काउंसलिंग, स्टूडेंट्स ज्यादा होंगे
असम में 10 साल की राजकीय सेवा अनिवार्य है। राजस्थान व आंध्र में 5 साल व बिहार, झारखंड, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल में 3 साल है। पहले इन राज्यों के स्टूडेंट्स राजस्थान कम आ रहे थे। उलटे राजस्थान से पीजी के लिए बाहर जा रहे थे। अब राजस्थानी छात्र यहीं रुकेंगे, दूसरे प्रदेशाें से स्टूडेंट राजस्थान आएंगे। ऐसे में इस बार सितंबर में हाेने वाली नीट पीजी की काउंसलिंग में प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी।

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free treatment in Janaadhar card raj.

After making Jan Aadhaar mandatory for free treatment in government hospitals of Rajasthan, now patients are facing a lot of trouble.

21.07.2022
जन आधार नहीं है तो प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में न नि:शुल्क इलाज मिलेगा और न ही पैसे से। इससे राइट टू हेल्थ की मंशा पर ही सवाल उठ रहे हैं।बिना जन आधार के अस्पताल पहुंच रहे मरीजों से पहले शपथ पत्र लिया जा रहा है कि वे कार्ड बनवाएंगे, नहीं बनवाने पर भविष्य में नि:शुल्क इलाज से इनकार किया जा रहा है। यहां तक कि ओपीडी की पर्ची भी इस कार्ड के बिना नहीं काटी जा रही। कार्ड नहीं होने पर सशुल्क पर्ची कटवाने का विकल्प भी अभी तक शुरू नहीं किया गया है।इस कार्ड की अनिवार्यता का सर्वाधिक नुकसान वंचित और अति गरीब वर्ग को हो रहा है। वहीं, अन्य राज्यों से आकर रह रहे प्रवासी मजदूरों, शरणार्थियों और बेघरों के पास न तो यह कार्ड है और न ही उनके लिए इसे बनवाना आसान है।

सरकार का तर्क
जनआधार की अनिवार्यता से मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी राजस्थान योजना अधिक प्रभावी रहेगी

इससे मरीज को दिए जाने वाले इलाज व जांच का रिकॉर्ड रखा जा सकेगा

रेकॉर्ड के साथ बीमारियों का विश्लेषण किया जा सकेगा

किसी परिस्थिति में जन आधार नहीं है तो इलाज से पहले सहमति पत्र देना होगा कि वह भविष्य में यह कार्ड बनवाएगा, नहीं बनवा पाया तो भविष्य में इलाज मुश्किल।

उठ रहे सवाल
यह स्वास्थ्य समानता के सिद्धांत और भारत के संविधान में प्रत्येक नागरिक को दिए गए जीवन के अधिकार के खिलाफ है।

अधिकांश वंचित समुदाय के लोग बीमार होने पर घरेलू उपचार या झोलाछाप के पास जाते हैं। इनके पास यह कार्ड नहीं होता।

कार्ड वाले मरीज भी आपात स्थिति में यह कार्ड साथ नहीं ले जा पाते।

पहचान पत्र खो जाना और नष्ट हो जाना, ग्रामीण क्षेत्रों में आम बात है। ऐसे में उनके लिए मुफ्त इलाज मुश्किल हो रहा है।

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Signed with ktpl and rmscl in raj.

Contract signed between Kirloskar Technologies (KTPL) and Rajasthan Medical Services Corporation Limited (RMSCL) for Maintenance and Repair of Biomedical Equipments of Rajasthan

राज्य में ई-उपकरण कार्यक्रम 2015-16 से संचालित है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत वर्तमान में ई-उपकरण सॉफ्टवेयर में 1 लाख से भी अधिक से भी अधिक उपकरणों की इन्वेंटरी रजिस्टर्ड है। इसी क्रम में दिनांक 6-4-2022 में फॉर्म केटीपीएल और आरएमएससीएल के मध्य बायो मेडिकल उपकरणों के मेंटेनेंस व रिपेयर करने हेतु अनुबंधित हस्ताक्षर कर लिया गया है।

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Advantage of rghs scheme

Government employees will be able to take advantage of Rajasthan Government Health Scheme (RGHS)

20.07.2022
अब राज्य के सरकारी कर्मचारी व अधिकारियों को आरजीएचएस में प्राइवेट फार्मा पर मिलने वाली दवा उसी स्थिति में मिल सकेगी, जबकि सरकारी अस्पताल के मुख्यमंत्री निशुल्क दवा केंद्र की एनओसी होगी। सरकार के इस फैसले के खिलाफ अब राज्य के कर्मचारी संगठन लामबंद होने लगे हैं।राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि के तहत राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना की परियोजना निदेशक शिप्रा विक्रम की ओर से सभी ऑथराइज्ड फार्मा स्टोर्स को इस तरह का आदेश निकाला गया है।इसमें कहा गया है कि जो भी कर्मचारी यदि सरकारी अस्पताल में डॉक्टर को दिखाता है तो उसी अस्पताल की मुख्यमंत्री निशुल्क दवा केंद्र से ही वह पहले दवा लेगा। यदि वहां नहीं मिलती है और उसकी अनुपलब्धता की एनओसी दी जाती है तो उसी एनओसी के होने पर ही आरजीएचएस के तहत फार्मा स्टोर दवा दे सकेंगे। जबकि अधिकृत प्राइवेट अस्पतालों के लिए या सरकारी डॉक्टर को घर पर दिखाने के संबंध में ऐसा कोई आदेश नहीं निकाला गया है।

फैसले के विरोध में कर्मचारी संगठन,प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) सहित अन्य संगठनों ने सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि यह कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के साथ धोखा है। सरकार बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के लिए कर्मचारियों के वेतन से आरपीएमएफ के नाम पर मोटी रकम की वसूली कर रही है, इसके बाद भी यदि कर्मचारियों को आम जनता की तरह चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, तो कर्मचारियों के वेतन से की जा रही आरपीएमएफ कटौती का क्या औचित्य है? राठौड़ ने कहा कि यदि सरकार ने आदेश वापस नहीं लिया तो प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा।

घर पर देखने वाले डॉक्टर्स और निजी अस्पतालों को मिलेगा बढ़ावा
सरकार के फैसले के बाद अब सरकारी अस्पतालों में दवा की दुकानों पर लगने वाली कतार से बचने के लिए कर्मचारी वहां न जाकर या तो सरकारी डॉक्टर को फीस देकर घर पर दिखाएगा या सरकार की ओर से अधिकृत प्राइवेट अस्पताल में जाएगा। राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पारीक का कहना है कि ऐसा करके सरकार अप्रत्यक्ष रूप से प्राइवेट हॉस्पिटल्स को फायदा पहुंचाना चाहती है। यही नहीं, इस व्यवस्था से सरकारी डॉक्टर की निजी प्रेक्टिस को भी बढ़ावा मिलेगा।

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Hepatitis screening camp in Nagaur

Hepatitis screening and awareness camp organized under National Viral Hepatitis Control Program under Nagaur Nirogi Rajasthan Program

19/07/2022
निरोगी राजस्थान कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के तहत हेपेटाइटिस की जांच और जागरूकता अभियान एआरटी सेंटर, नागौर पर संचालित किया जा रहा है। इसी अभियान के तहत सोमवार को एआरटी सेंटर पर हेपेटाइटिस की जांच और जागरूकता शिविर एआरटी सेंटर के मेडिकल ऑफिसर डॉ. भरतसिंह के निर्देशन और मार्गदर्शन में एआरटी और सीएससी टीम नागौर के सहयोग से आयोजित किया गया। एआरटी काउंसलर गरीबराम ने बताया कि हेल्दी लिवर कैम्पेन के तहत सभी की जांच जा रही है, यदि किसी साथी की जांच अभी तक नहीं हुई तो आगे बढकर अपनी जांच करवाएं। जांच में पॉजिटिव आने पर सम्पूर्ण इलाज एआरटी सेंटर की देखरेख में ट्रीटमेंट सेंटर पर करवाया जाएगा। केयर एंड सपोर्ट सेंटर, नागौर से परियोजना समन्वयक राजू पाराशर, पीयर काउंसलर धर्माराम, आउटरीच वर्कर कुलदीप चोटिया एवं लैब टेक्नीशियन रणवीर सिंह, एआरटी डाटा मैनेजर लेखराम, सीसीसी बुलवंती ने सहयोगी स्टाफ़ के रूप शिविर में सहयोग दिया।

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Incresed the stipend of doctors

Rajasthan government increased the salary of resident doctors of Rajasthan and increased the stipend of intern doctors

राजस्थान सरकार ने राजस्थान में कार्य रेजिडेंट डॉक्टरों के वेतन में वृद्धि की और साथ ही साथ इंटर्न के लिए मौजूदा दर को संशोधित करने के लिए मंजूरी दी है। MBBS/BDS स्टूडेंट्स के लिए इंटर्न का वजीफा 7000 प्रतिमाह से बढ़ाकर 14000 प्रतिमा किया जाएगा। राजस्थान सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की दरें डीए में भी बढ़ोतरी की जाएगी

New doc 31-May-2021 1.13 pm

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Argument between health minister and a social worker

Argument between Rajasthan’s Medical Minister Parsadilal Meena and a female social worker over ERCP

18.07.2022
चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीना व एक महिला सामाजिक कार्यकर्ता के बीच ईआरसीपी को लेकर नोक-झोंक हो गई। महिला ईआरसीपी को लेकर मंत्री के आवास पर ज्ञापन देने पहुंची थी। इसी मामले को लेकर जब महिला काफी देर तक सवाल-जवाब करती रही तो मंत्री गुस्सा हो गए। इस पूरी घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।जानकारी के अनुसार खुर्रा गांव निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राजेश्वरी मीना मंडावरी में चिकित्सा मंत्री के आवास पर ज्ञापन देने पहुंची। उन्होंने ज्ञापन देकर ईआरसीपी की डीपीआर में संशोधन व इसेे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने की मांग की। जिस पर मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना केंद्र सरकार का काम है। प्रदेश सरकार ईआरसीपी को लेकर पूरी तरह गंभीर है। जब महिला ने मंत्री से कहा कि हमने आपको वोट दिया है। इसके बाद मंत्री कुर्सी से उठ गए और महिला से बाहर जाने को कह दिया। मंत्री का कहना था कि ज्ञापन लेते हुए शांतिपूर्ण तरीके से पूरी बात सुनी और सरकार का पक्ष भी रखा है। उसके बाद भी बिना वजह इस तरह बहस करना ठीक नहीं है। बाद में उन्होंने वहां मौजूद पुलिसकर्मी से महिला को वहां से हटाने के निर्देश दिए।

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list of medical doctors

Under the Rajasthan Medical and Health Service Rules, the final seniority list of the doctors selected for the post of Medical Officer regularly released.

18.07.2022
राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा नियम-1963 के नियम 27 के अनुसार नियमित रूप से चिकित्सा अधिकारी के पद पर चयनित चिकित्सकों की अंतरिम वरिष्ठता सूची दिनांक 1.04.2022 की स्थिति दर्शाते हुए एतद् द्वारा जारी की जाती है, यदि कोई अधिकारी इससे परिवर्धित हो तो वह अपना अभ्यावेदन इस सूची के जारी होने की तिथि से 15 दिवस की समयअवधि में निम्न हस्ताक्षरकर्ता को अवश्यमेव प्रस्तुत करें। निर्धारित अवधि के पश्चात प्राप्त होने वाले अभ्यावेदनो पर कोई विचार नहीं किया जावेगा और अंतरिम वरिष्ठता सूची जारी कर दी जावेगी

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Now, chc and phc will be entrusted to Panchayti raj.

Addressing the function, after laying the foundation stone of the buildings of 13 sub-health centers of Lalsot assembly constituency, Medical Minister Parsadi Lal Meena said, the responsibility of monitoring PHC, CHC will be entrusted to Panchayati Raj.

18.07.2022
उपखंड मुख्यालय पर पंचायत समिति के प्रांगण में 533 लाख रुपए की लागत से लालसोट विधानसभा क्षेत्र के 13 उप स्वास्थ्य केंद्रों के भवनों का शिलान्यास समारोह पूर्वक किया गया। शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि सरकार जल्द ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को पंचायत राज के अधीन करने की कार्यवाही करेगी। जिससे उप स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा सामुदायिक चिकित्सा केंद्र की प्रभावी मॉनिटरिंग सरपंच तथा प्रधान कर सकेंगे।इसके लिए जल्द ही आदेश जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि लालसोट में पांच थाने, पांच तहसील, पांच कॉलेज बनाने का लक्ष्य है, जो कमी होगी डेढ़ वर्ष में पूरी कर दी जाएगी। अभी लालसोट में एक और कॉलेज खोली जाएगी। ईआरसीपी राजस्थान के लोगों के लिए जीवनदायिनी है भारत सरकार का दबाव है की ईआरसीपी प्रोजेक्ट में से 2लाख हेक्टेयर भूमि सिंचाई के बिंदु को हटा दिया जाए मगर सरकार ऐसा नहीं करेगी। प्रधान नाथू लाल मीणा एडवोकेट ने कहा कि सरकार ने 10 करोड रुपए की लागत से ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों को मंजूरी दी है तथा 31 जुलाई तक 38 स्कूलों में आरओ लगवा दिए जाएंगे, ताकि बच्चों को फ्लोराइड पानी से मुक्ति मिल सके ।वही एक भी गांव को धीरे में नहीं रहने दिया जाएगा। गांवों में रोड लाइट का जाल बिछाया जाएगा।पूर्व चेयरमैन दिनेश मिश्र ने कहा कि लालसोट में 6 करोड़ रुपए की लागत से और सड़कों का निर्माण करवाया जा रहा है। प्रधान डॉक्टर को कौशल्या मीणा ने कहा कि लालसोट को मेडिकल बना दिया गया है। इस अवसर पर कार्यक्रम को डॉक्टर मोहन लाल मीणा, ब्लॉक अध्यक्ष जगदीश प्रसाद राडा, पूर्व सरपंच ईश्वर लाल मीणा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान पूर्व सरपंच दीपक पटेल, सरपंच प्रीतम सिंह, रामविलास खेमावास, उप प्रधान सूरज कटारा, उप प्रधान कैलाश दुसाद, आनंदी लाल मीणा, सहित अन्य लोग अतिथि रूप में मौजूद थे।

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