Posts

Medical and Health Minister took PCPNDT meeting, gave necessary guidelines

चिकित्सा मंत्री ने ली PCPNDT की बैठक, दिए जरूरी दिशा निर्देश


चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने दिनांक 24 जनवरी 2022 को, राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आमजन को जागरूक करने हेतु “PCPNDT एक्ट एवं मुखबिर योजना” विषय पर तैयार पोस्टर एवं फोल्डर का विमोचन किया I

श्री मीणा सोमवार को बालिका दिवस पर स्वास्थ्य भवन में आयोजित राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड द्वारा आयोजित पीसीपीएनडीटी की बैठक को संबोधित करते हुए कन्या भ्रूण हत्या और कन्या भ्रूण लिंग जांच के अवैध परीक्षण को रोकने के लिए प्रदेशभर के सोनोग्राफी सेंटर्स का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि निदेशालय स्तर पर अंतरजिला और प्रदेश स्तर पर कमेटी बनाकर सोनोग्राफी सेंटर्स का औचक निरीक्षण किया जाए ताकि भ्रूण हत्या पर अंकुश लग सके। उन्होंने कहा कि डिकॉय ऑपरेशन के दौरान दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो ताकि लोगों में डर बना रहे और वे किसी भी भ्रूण लिंग की जांच करने से डरें। उन्होंने कहा कि हालांकि पीसीपीएनडीटी सेल द्वारा प्रदेश में बेहतर कार्य किया जा रहा है। यही वजह है कि प्रदेश का महिला लिंगानुपात जो 2011 में 1000 पुरुषों के मुकाबले 900 था वहीं अब बढ़कर 945  हो गया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक सोनोग्राफी मशीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।  उन्होंने कहा कि भ्रूण लिंग जांच की सूचना देने वाले मुखबिर को राशि बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दी गई है। आमजन बिना किसी भय और दबाव के सूचना दे सकता है। उन्होंने इस कानून के प्रति लोगों को जागरूक करने और ज्यादा से ज्यादा ऑपरेशन व प्रभावी मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों द्वारा सोनोग्राफी सेंटर्स का निरीक्षण नहीं करने पर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।

चिकित्सा सचिव श्री आशुतोष एटी पेडणेकर ने सोनोग्राफी सेंटर्स पर सोनोलॉजिस्ट के नियमित प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए। वर्तमान में प्रदेश की छह मेडिकल कॉलेजों पर ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आगामी दिनों में प्रशिक्षण सेंटर भी बढ़ाए जाएंगे। उन्होंने सोनोग्राफी सेंटर्स पर मिले डाटा का विश्लेषण कर प्रभावी कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए।

मिशन निदेशक श्री जितेंद्र कुमार सोनी ने कहा कि विभाग द्वारा कार्य योजना बनाकर व्यापक स्तर पर प्रभावी मॉनिटरिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर तक लोगों को इस कानून के बारे में जागरूक किया जाएगा।

अब तक किए 161 डिकॉय आपरेशन

गौरतलब है कि प्रदेश में वर्तमान में 278 राजकीय एवं 3 हजार 667 निजी सहित कुल 3 हजार 945 सोनोग्राफी केन्द्र पंजीकृत हैं। इनमें से वर्तमान में 2 हजार 253 सोनोग्राफी केन्द्र क्रियाशील हैं। वर्ष 2021 में राज्य एवं जिला स्तर से 2 हजार 246 सोनोग्राफी केन्द्रों का निरीक्षण तथा कुल 6 डिकॉय आपरेशन किये गये हैं। अब तक कुल 161 डिकॉय आपरेशन किये गये हैं। वर्ष 2021 में तीन सहित अब तक 533 सील या सीजर की कार्यवाही सम्पादित की जा चुकी है।

टोल फ्री नंबर 104 या 108 व वाट्सएप नम्बर 9799997795

कोई भी व्यक्ति भ्रूण लिंग परीक्षण की सूचना या शिकायत टोल फ्री नंबर 104 या 108 व वाट्सएप नम्बर 9799997795 पर सूचना दे सकता है। सूचना पुख्ता होने पर पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। मुखबिर योजना के तहत सत्य सूचना पर 3 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान है।



AIIMS, Jodhpur Recruitment for Faculty Posts

AIIMS जोधपुर, फैकल्टी पदों पर भर्ती

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (AIIMS), जोधपुर ने फैकल्टी पदों को भरने के लिए योग्य व इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। कुल रिक्तियों की संख्या 84 है। योग्य अभ्यर्थी ऐम्स जोधपुर की आधिकारिक वेबसाइट aiimsjodhpur.edu.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2022 हैं।

AIIMS, Jodhpur Recruitment for 84 Faculty Posts

एम्स, जोधपुर में फैकल्टी के 84 पदों पर भर्ती

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (AIIMS), जोधपुर ने फैकल्टी पदों को भरने के लिए योग्य व इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। कुल रिक्तियों की संख्या 84 है। योग्य अभ्यर्थी ऐम्स जोधपुर की आधिकारिक वेबसाइट aiimsjodhpur.edu.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2022 हैं।

महिला रेप विक्टिम की मेडिकल जांच नहीं कर सकते पुरुष चिकित्सक

महिला रेप विक्टिम की मेडिकल जांच नहीं कर सकते पुरुष चिकित्सक

09.09.2019

राजस्थान : महिला रेप विक्टिम की मेडिकल जांच कौन चिकित्सक करेगा और कौन नहीं, इसके लिए उहापोह की स्थिति बनी हुई थी | कई बार पीडितायें भी पुरुष चिकित्सकों से चिकित्सकीय परिक्षण करवाने में असहज महसूस करती थी | ऐसे में नागौर जिला अस्पताल के फोरेंसिक एक्सपर्ट, डॉ. महावीर चोयल ने इस विषय में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से इस विषय में मार्गदर्शन माँगा तब विभाग ने यह निर्देश दिए हैं कि “महिला रेप विक्टिम्स की मेडिकल जांच केवल महिला चिकित्सकों द्वारा ही की जावे” |

डॉ. चोयल द्वारा माँगा गया मार्गदर्शन और विभाग के निर्देश संलग्न है |

⇓ Share post on Whatsapp & Facebook  ⇓

Rajasthan Government launched Jan Soochna Portal for public information

Rajasthan Government launched Jan Soochna Portal for public information

जन सूचना पोर्टल अपनी तरह का पहला ऐसा प्रयास है जिसमें सरकार द्वारा वार्ड/पंचायत में क्रियान्वित सभी योजनाओं की जानकारी एक ही जगह उपलब्ध करवाई जा रही है। यह सूचना के अधिकार, 2005 की धारा 4(2) को क्रियान्वित करता है: “प्रत्येक लोक अधिकारी का निरंतर यह प्रयास होगा कि वह उपधारा (1) के खंड (ख) की अपेक्षाओं के अनुसार, स्वप्रेरणा से, जनता को नियमित अन्तरालों पर संसूचना के विभिन्न साधनों के माध्यम से, जिनके अन्तर्गत इंटरनेट भी है, इतनी अधिक सूचना उपलब्ध कराने के लिये उपाय करे जिससे कि जनता को सूचना प्राप्त करने के लिये इस अधिनियम का कम से कम अवलंब लेना पड़े”।

The Government of Rajasthan is proud to launch the Jan Soochna Portal, conceptualized in collaboration with peoples’ campaigns of Rajasthan . The Portal which is the first public portal of its kind in the country, is an extension of a Janta Information System, and is aimed to disclose information in the public domain suo-moto as per Section 4(2) of the RTI Act (It shall be a constant endeavour of every public authority to take steps in accordance with the Act to provide as much information suo-moto to the public at regular intervals through various means of communication, including the internet, so that the public have minimum resort to the use of this Act to obtain information).

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की दो योजनाओं की पूर्ण जानकारी इस पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जाएगी –

  1. मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजना (MNDY/MNJY)
  2. आयुष्मान भारत महात्मा गाँधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना (AB MGRSBY)

Portal launching : 13 September 2019, Birla Auditorium, Jaipur (Raj.)

Nodal Officer (Department of Medical & Health) – Dr. Laxman Singh

Portal developer : Department of Information Technology & Communication (DoIT&C)

Kidney transplant waitlisting: A potentially better way to optimize the timing

The current kidney transplant waitlisting criterion is based…

Global study finds stable acute kidney injury mortality with shifting age patterns

A five-year study has revealed a stability in global acute kidney…

Conservative care vs. dialysis: Model shows which is better for individual advanced chronic kidney disease patients

It can be challenging to identify which patients with advanced…

Study finds outpatient dialysis program cuts emergency hospital visits in Texas

The cost of emergency dialysis is estimated to be eight times…

Poor olfaction linked to increased risk for coronary heart disease

Poor olfaction is associated with an increased risk for coronary…

⇓ Share post on Whatsapp & Facebook  ⇓

Medical and Health Minister took PCPNDT meeting, gave necessary guidelines

चिकित्सा मंत्री ने ली PCPNDT की बैठक, दिए जरूरी दिशा निर्देश


चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने दिनांक 24 जनवरी 2022 को, राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आमजन को जागरूक करने हेतु “PCPNDT एक्ट एवं मुखबिर योजना” विषय पर तैयार पोस्टर एवं फोल्डर का विमोचन किया I

श्री मीणा सोमवार को बालिका दिवस पर स्वास्थ्य भवन में आयोजित राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड द्वारा आयोजित पीसीपीएनडीटी की बैठक को संबोधित करते हुए कन्या भ्रूण हत्या और कन्या भ्रूण लिंग जांच के अवैध परीक्षण को रोकने के लिए प्रदेशभर के सोनोग्राफी सेंटर्स का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि निदेशालय स्तर पर अंतरजिला और प्रदेश स्तर पर कमेटी बनाकर सोनोग्राफी सेंटर्स का औचक निरीक्षण किया जाए ताकि भ्रूण हत्या पर अंकुश लग सके। उन्होंने कहा कि डिकॉय ऑपरेशन के दौरान दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो ताकि लोगों में डर बना रहे और वे किसी भी भ्रूण लिंग की जांच करने से डरें। उन्होंने कहा कि हालांकि पीसीपीएनडीटी सेल द्वारा प्रदेश में बेहतर कार्य किया जा रहा है। यही वजह है कि प्रदेश का महिला लिंगानुपात जो 2011 में 1000 पुरुषों के मुकाबले 900 था वहीं अब बढ़कर 945  हो गया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक सोनोग्राफी मशीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।  उन्होंने कहा कि भ्रूण लिंग जांच की सूचना देने वाले मुखबिर को राशि बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दी गई है। आमजन बिना किसी भय और दबाव के सूचना दे सकता है। उन्होंने इस कानून के प्रति लोगों को जागरूक करने और ज्यादा से ज्यादा ऑपरेशन व प्रभावी मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों द्वारा सोनोग्राफी सेंटर्स का निरीक्षण नहीं करने पर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।

चिकित्सा सचिव श्री आशुतोष एटी पेडणेकर ने सोनोग्राफी सेंटर्स पर सोनोलॉजिस्ट के नियमित प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए। वर्तमान में प्रदेश की छह मेडिकल कॉलेजों पर ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आगामी दिनों में प्रशिक्षण सेंटर भी बढ़ाए जाएंगे। उन्होंने सोनोग्राफी सेंटर्स पर मिले डाटा का विश्लेषण कर प्रभावी कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए।

मिशन निदेशक श्री जितेंद्र कुमार सोनी ने कहा कि विभाग द्वारा कार्य योजना बनाकर व्यापक स्तर पर प्रभावी मॉनिटरिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर तक लोगों को इस कानून के बारे में जागरूक किया जाएगा।

अब तक किए 161 डिकॉय आपरेशन

गौरतलब है कि प्रदेश में वर्तमान में 278 राजकीय एवं 3 हजार 667 निजी सहित कुल 3 हजार 945 सोनोग्राफी केन्द्र पंजीकृत हैं। इनमें से वर्तमान में 2 हजार 253 सोनोग्राफी केन्द्र क्रियाशील हैं। वर्ष 2021 में राज्य एवं जिला स्तर से 2 हजार 246 सोनोग्राफी केन्द्रों का निरीक्षण तथा कुल 6 डिकॉय आपरेशन किये गये हैं। अब तक कुल 161 डिकॉय आपरेशन किये गये हैं। वर्ष 2021 में तीन सहित अब तक 533 सील या सीजर की कार्यवाही सम्पादित की जा चुकी है।

टोल फ्री नंबर 104 या 108 व वाट्सएप नम्बर 9799997795

कोई भी व्यक्ति भ्रूण लिंग परीक्षण की सूचना या शिकायत टोल फ्री नंबर 104 या 108 व वाट्सएप नम्बर 9799997795 पर सूचना दे सकता है। सूचना पुख्ता होने पर पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। मुखबिर योजना के तहत सत्य सूचना पर 3 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान है।



AIIMS, Jodhpur Recruitment for Faculty Posts

AIIMS जोधपुर, फैकल्टी पदों पर भर्ती

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (AIIMS), जोधपुर ने फैकल्टी पदों को भरने के लिए योग्य व इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। कुल रिक्तियों की संख्या 84 है। योग्य अभ्यर्थी ऐम्स जोधपुर की आधिकारिक वेबसाइट aiimsjodhpur.edu.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2022 हैं।

AIIMS, Jodhpur Recruitment for 84 Faculty Posts

एम्स, जोधपुर में फैकल्टी के 84 पदों पर भर्ती

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (AIIMS), जोधपुर ने फैकल्टी पदों को भरने के लिए योग्य व इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। कुल रिक्तियों की संख्या 84 है। योग्य अभ्यर्थी ऐम्स जोधपुर की आधिकारिक वेबसाइट aiimsjodhpur.edu.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2022 हैं।

महिला रेप विक्टिम की मेडिकल जांच नहीं कर सकते पुरुष चिकित्सक

महिला रेप विक्टिम की मेडिकल जांच नहीं कर सकते पुरुष चिकित्सक

09.09.2019

राजस्थान : महिला रेप विक्टिम की मेडिकल जांच कौन चिकित्सक करेगा और कौन नहीं, इसके लिए उहापोह की स्थिति बनी हुई थी | कई बार पीडितायें भी पुरुष चिकित्सकों से चिकित्सकीय परिक्षण करवाने में असहज महसूस करती थी | ऐसे में नागौर जिला अस्पताल के फोरेंसिक एक्सपर्ट, डॉ. महावीर चोयल ने इस विषय में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से इस विषय में मार्गदर्शन माँगा तब विभाग ने यह निर्देश दिए हैं कि “महिला रेप विक्टिम्स की मेडिकल जांच केवल महिला चिकित्सकों द्वारा ही की जावे” |

डॉ. चोयल द्वारा माँगा गया मार्गदर्शन और विभाग के निर्देश संलग्न है |

⇓ Share post on Whatsapp & Facebook  ⇓

Rajasthan Government launched Jan Soochna Portal for public information

Rajasthan Government launched Jan Soochna Portal for public information

जन सूचना पोर्टल अपनी तरह का पहला ऐसा प्रयास है जिसमें सरकार द्वारा वार्ड/पंचायत में क्रियान्वित सभी योजनाओं की जानकारी एक ही जगह उपलब्ध करवाई जा रही है। यह सूचना के अधिकार, 2005 की धारा 4(2) को क्रियान्वित करता है: “प्रत्येक लोक अधिकारी का निरंतर यह प्रयास होगा कि वह उपधारा (1) के खंड (ख) की अपेक्षाओं के अनुसार, स्वप्रेरणा से, जनता को नियमित अन्तरालों पर संसूचना के विभिन्न साधनों के माध्यम से, जिनके अन्तर्गत इंटरनेट भी है, इतनी अधिक सूचना उपलब्ध कराने के लिये उपाय करे जिससे कि जनता को सूचना प्राप्त करने के लिये इस अधिनियम का कम से कम अवलंब लेना पड़े”।

The Government of Rajasthan is proud to launch the Jan Soochna Portal, conceptualized in collaboration with peoples’ campaigns of Rajasthan . The Portal which is the first public portal of its kind in the country, is an extension of a Janta Information System, and is aimed to disclose information in the public domain suo-moto as per Section 4(2) of the RTI Act (It shall be a constant endeavour of every public authority to take steps in accordance with the Act to provide as much information suo-moto to the public at regular intervals through various means of communication, including the internet, so that the public have minimum resort to the use of this Act to obtain information).

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की दो योजनाओं की पूर्ण जानकारी इस पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जाएगी –

  1. मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजना (MNDY/MNJY)
  2. आयुष्मान भारत महात्मा गाँधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना (AB MGRSBY)

Portal launching : 13 September 2019, Birla Auditorium, Jaipur (Raj.)

Nodal Officer (Department of Medical & Health) – Dr. Laxman Singh

Portal developer : Department of Information Technology & Communication (DoIT&C)

Kidney transplant waitlisting: A potentially better way to optimize the timing

The current kidney transplant waitlisting criterion is based…

Global study finds stable acute kidney injury mortality with shifting age patterns

A five-year study has revealed a stability in global acute kidney…

Conservative care vs. dialysis: Model shows which is better for individual advanced chronic kidney disease patients

It can be challenging to identify which patients with advanced…

Study finds outpatient dialysis program cuts emergency hospital visits in Texas

The cost of emergency dialysis is estimated to be eight times…

Poor olfaction linked to increased risk for coronary heart disease

Poor olfaction is associated with an increased risk for coronary…

⇓ Share post on Whatsapp & Facebook  ⇓

state level workshop on strengthening quality assurance, kayakalp & laqshya initiative – Transforming Health Institutions

राजकीय स्वास्थ्य केंद्रों की कायाकल्प, गुणवत्ता आश्वासन एवं ‘लक्ष्य’ कार्यक्रम गतिविधियों की समीक्षा कार्यशाला का हुआ आयोजन

जयपुर में, 12 जून 2019 को एनएचएम, यूएनएफपीए एवम यूनिसेफ के सयुंक्त तत्वावधान में एक दिवशीय कायाकल्प, गुणवत्ता आश्वासन की कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का शुभारंभ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने किया एवं केंद्रीय मिशन निदेशक एनएचएम श्री मनोज झालानी ने अध्यक्षता की।
कार्यशाला में सभी संभागों के संयुक्त निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य, समस्त जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला अस्पतालों के प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों व एनएचएम और एनयूएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधकों ने भाग लिया। इस कार्यशाला में राजकीय चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध संसाधनों जैसे – चिकित्सीय उपकरणों, मानव मानव संसाधनों सहित निशुल्क दवा- निशुल्क जांच एवं मेडिकल एंड हेल्थ मैनेजमेंट को और अधिक सुदृढ़ करने पर विस्तार से मंथन किया गया। इस अवसर पर उत्कृष्ट कायाकल्प प्राप्त करने वाले चिकित्सा संस्थानों को पुरस्कृत कर उनके अनुभव भी साझा किए गए।
प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों पर राज्यस्तरीय मॉनिटरिंग दलों द्वारा किए गए निरीक्षण के आधार पर वहां की गुणवत्तापूर्ण उपलब्ध करवाई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं साफ सफाई प्रबंधन कार्यों की विस्तार से चर्चा की गई।

केंद्रीय मिशन निदेशक एनएचएम श्री मनोज झालानी ने कहा कि राजस्थान प्रोग्रेसिव स्टेट है और पिछले सालों की तुलना में यहां स्वास्थ्य की दृष्टि से खासा सुधार हुआ है लेकिन फिर भी और अधिक सुधार की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि मेडिकल स्टाफ पूरी तरह प्रशिक्षित हो, आमजन के साथ अच्छा व्यवहार हो, रैफरल सुविधा मजबूत हो, सिटीजंस को एम्पावर किया जाए, पेशेंट केयर सेंटर बने, समुदाय को एंगेज किया जाए तो परिणाम और भी बेहतर आ सकते हैं। हालांकि यह मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य यदि राइट टू हैल्थ कानून पर काम कर रहा है तो उसमें मिनिमम क्वालिटी को भी जरूर शामिल करे। उन्होंने कहा कि हर स्तर पर बदलाव होने लगेगा तो राज्य में गुणवत्ता युक्त सेवाएं दे सकेंगे।

मिशन निदेशक एनएचएम श्री समित शर्मा ने पिछले दिनों में 56 चिकित्सा संस्थानों पर स्वयं के द्वारा किए दौरों के बारे में विस्तार से बताया। इस दौरान अस्पतालों में पाई खूबियों और खामियों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि कमियां हर जगह, हर संस्थान में होती हैं लेकिन बदलाव कभी भी कहीं से भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि बदलाव की शुरूआत आपके जरिए होती है तो इससे आपका जीवन भी बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि डाॅक्टर्स को धरती का भगवान कहा जाता है, ऐसे में आमजन की उम्मीदें भी उनके कहीं अधिक होती हैं। ऐसे में सभी डाॅक्टर्स अपनी भूमिका समझें समय पर अस्पताल आएं, मरीजों से अच्छा व्यवहार करें और उन्हें गुणवत्ता चिकित्सा उपलब्ध कराने का हरसंभव कोशिश करें।

इस अवसर पर अतिरिक्त मिशन निदेशक श्री एसएल कुमावत, निदेशक जनस्वास्थ्य डाॅ. वी.के.माथुर, निदेशक आरसीएच डाॅ. श्रीराम मीणा, स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ रामबाबू जैसवाल, यूएनएफपीए के डाॅ. सुनील थाॅमस, यूनिसेफ की शुलग्ना व चाइल्ड एस्पेशलिस्ट डॉ अनिल अग्रवाल व अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
——–
राजकीय चिकित्सालयों में गुणवत्तापूर्ण बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिष्चित करना प्रत्येक कार्मिक का दायित्व है, राजकीय क्षेत्र में संसाधनों की कोई कमी नहीं और मात्र स्थानीय प्रबंधन सुधार कर करेंगे स्वास्थ्य संस्थानों का कायाकल्प…‘‘
डाॅ.समित शर्मा, मिषन निदेषक एनएचएम राजस्थान ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कायाकल्प कार्यषाला में दिये महत्वपूर्ण प्रेरणादायी टिप्स:-
1. राजकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में सेनेटरी नैपकिन, ई-मित्र प्लस कियोस्क इलेक्ट्रोनिक मषीनों की देखरेख रखी जाये। मरम्मत की आवष्यकता पड़ते ही तुरंत रिपेयरिंग कराके आमजन के लिए उपयोग योग्य बनाया जाये।
2. मुख्यमंत्री निःषुल्क दवा और मुख्यमंत्री निःषुल्क जांच योजनाएं, जनकल्याणकारी योजनाएं हैं एवं निर्धारित दवाइयां, सूचर्स इत्यादि औषधियां व जांच सुविधाएं नियमानुसार प्रत्येक लाभार्थी के लिए सुनिष्चित की जायें।
3. जिला चिकित्सालयों में संचालित एस.एन.सी.यू. इकाइयां आधुनिक मषीनों से युक्त हैं और कम वजन वाले व समयपूर्व जन्मे नवजात षिषुओं के उपचार के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं, इनका प्रबंधन बनाये रखा जाये। इसी अनुरूप चिकित्सालयों में ओ.पी.डी., आई.पी.डी. और लैबररूम इत्यादि सेवा स्थल भी साफ-स्वच्छ, व्यवस्थित और उपयोगी बनाये रखने के प्रयास स्वास्थ्य केन्द्र स्थल पर प्राथमिकता के साथ नियमित जारी रखे जायें।
4. उत्कृष्ट स्वास्थ्य कार्मिकों की सेवाओं की प्रषंषा की जाये, उनके सराहनीय योगदान के लिए उन्हें पुरस्तकृत किया जाये साथ ही अपने दायित्वों/कार्याें के प्रति लापरवाही कार्मिकों को मोटीवेट कर उनका सक्रिय सहयोग लिया जाये।
5. स्वास्थ्य केन्द्रों पर समस्त चिकित्सा अधिकारी/कार्मिक परिचय सहित निर्धारित गणवेष में ड्यूटी समय पर मौजूद रहें।
6. कोई स्टाफ यदि अवकाश पर हो तो उसकी सूचना अटेंडेंस रजिस्टर में अवश्य उल्लेखित हो।
7. स्वास्थ्य केंद्र की साफ सफाई स्वास्थ्य सेवाएं शुरू होने के समय से पूर्व पूरी करवा ली जाएं।
8. इन डोर उपचार सेवा देने वाले चिकित्सालयों में उपलब्ध इंडोर उपचार संसाधनों का समुचित उपयोग करें जिन मरीजों को भर्ती कर उपचार करना आवश्यक हो उन्हें अवश्य आईपीडी में भर्ती कर उपचार करें।
9. स्वास्थ्य केंद्र का संपूर्ण स्टाफ निर्धारित समय पर प्रतिदिन स्वास्थ्य केंद्र पर उपस्थित होना मरीजों के लिए बहुत उपयोगी है।
10. न्यूबॉर्न केयर यूनिट के सभी एनबीएसयू को फंक्शनल बनाया जाए साथ ही ऑपरेशन थिएटर का उपयोग निश्चित किया जाए।
11. राजकीय स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाली गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी से संबंधित उपचार हेतु आवश्यक आयरन सुक्रोज का लाभ गर्भवतियों को दिया जाना बहुत प्रशंसा की बात है।
12. जिन जिलों में डिलीवरी प्वाइंट्स है वहां के अधिकारियों का यह मानवीय दायित्व है की उस क्षेत्र की प्रसूता ओं को प्रसव संबंधी निशुल्क सेवाएं इन पॉइंट्स पर बिना किसी परेशानी के उपलब्ध हो सके।
13. राजकीय स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी उपचार की सुविधाएं आने वाले मरीजों को प्रात काल और सांध्य कालीन समय में अवश्य उपलब्ध करवाएं।
14. क्वालिटी के जिन 18 मापदंडों पर हम अभी चर्चा करेंगे उनकी पालना सुनिश्चित कर हम लाखों जाने बचा सकते हैं।

Amendment orders

⇓ Share post on Whatsapp & Facebook  ⇓

राजस्थान के हृदय रोगियों को मिलेगा मुफ्त इलाज और ओपरेशन

चिकित्सा विभाग एवं प्रशान्ति मेडिकल सर्विसेज एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन के साथ दो वर्ष का एमओयू हस्ताक्षरित

(प्रतिवर्ष एक हजार हृदय रोगियों को मिल सकेगी निःशुल्क उपचार सुविधा)
जयपुर, 28 मई 2019।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ रघु शर्मा की मौजूदगी में मंगलवार को स्वास्थ्य भवन मेें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एवं राजकोट, गुजरात के प्रशान्ति मेडिकल सर्विसेज एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन (पीएमएसआरएफ) के साथ दो वर्ष का एमओयू किया गया है। इस एमओयू के बाद प्रदेश के हृदय रोगियों को निशुल्क उपचार व रैफरल सेवा मिल पाएगी। एमओयू के तहत प्रतिवर्ष एक हजार हृदय रोगियों को निःशुल्क उपचार सेवायें प्रदान की जायेंगी।
डाॅ शर्मा ने बताया कि एमओयू के तहत इस फाउण्डेशन द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, नाॅन कम्यूनिकेबल डिजीज यूनिट के समन्वय से जिलों में चिन्हित चिकित्सा संस्थानों पर पीडियाट्रिक एवं व्यस्क रोगियों की हैल्थ स्क्रीनिंग के लिये निःशुल्क शिविरों का आयोजन किया जायेगा। चिन्हित संभावित पीडियाट्रिक व कार्डियक रोगियों को ईको टेस्ट सहित जांच सेवायें निःशुल्क प्रदान की जायेगी। उन्होने बताया कि इस फाउण्डेशन द्वारा जन्मजात विकृति एवं हृदयरोग संबंधी बीमारियों से ग्रसित चिन्हित बच्चों एवं व्यस्कों को निःशुल्क उपचार सेवायें अपने चिकित्सा संस्थानों में प्रदान की जायेगी। 

राज्य सरकार की ओर से मरीज को राजकोट, गुजरात आने-जाने पर होने वाले व्यय के लिए 5 हजार रूपये की राशि दी जायेगी। 
मरीज के ठहरने व खाने-पीने एवं उपचार में होने वाले समस्त व्यय प्रशान्ति मेडिकल सर्विसेज एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन द्वारा वहन किया जायेगा।  हदय रोग से संबंधी सर्जरी पर डेढ़ लाख रूपये तक का खर्चा आता है।
इस एमओयू कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री रोहित कुमार सिंह, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री हेमन्त गेरा, मिशन निदेशक एनएचएम डाॅ समित शर्मा, प्रबन्ध ट्रस्टी पीएमएसआरएफ श्री मनोज भिमानी, निदेशक जन स्वास्थ्य डाॅ वी के माथुर सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।

⇓ Share this post on Whatsapp & Facebook  ⇓

मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में राजस्थान देशभर में अव्वल

मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में राजस्थान देशभर में अव्वल

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के विशिष्ट शासन सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम डाॅ.समित शर्मा ने बताया कि भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक एवं अतिरिक्त सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार ने श्री रोहित कुमार अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर इस संबंध में जानकारी दी है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा इस योजना को राजस्थान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयन्ती पर 2 अक्टूबर 2011 से राजस्थान में प्रारम्भ किया गया था।

जनसामान्य को दवाईयों के भारी खर्च से बचाने और उनको राजकीय स्वास्थ्य सेवाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रदेश में इस योजना की परिकल्पना की गई थी। तब से यह योजना राज्य में सफलतापूर्वक संचालन के 9 वर्ष पूर्ण कर चुकी है।

राजस्थान में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना का अध्ययन 18 राज्यों के प्रतिनिधि एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि यहां आकर कर चुके हैं। कुछ ही समय पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति श्री बराक ओबामा के सलाहकार श्री पेट्रिक गेसपार्ड ने भी बस्सी और जयपुर में इस दवा योजना के क्रियान्वयन को प्रत्यक्ष रूप से देखा था। हाल ही में स्विट्जरलैण्ड के जेनेवा में भी चिकित्सा मंत्री श्री रघु शर्मा ने इसके बारे में प्रस्तुतीकरण दिया था। 

मिशन निदेशक ने बताया कि केन्द्र सरकार ने एनएचएम में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा और मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना को शामिल किया है। जो राज्य इन योजनाओं को अपने यहां लागू करना चाहते हैं, उन्हें वित्तीय सहायता एनएचएम के अन्तर्गत प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया राजस्थान में 750 से अधिक दवाइयां मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के अन्तर्गत प्रदान की जा रही हैं। जो भारत में सर्वाधिक है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत विधानसभा में इन दवाओं एवं जांचों की संख्या बढाने की भी घोषणा कर चुके हैं। आचार संहिता समाप्त होने के बाद इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। योजना के सफल संचालन के लिए “एमएनडीवाई सेल” की स्थापना भी की गयी है ।

राजस्थान के चिकित्सा मंत्री और मिशन निदेशक पहुंचे स्विट्ज़रलैंड –

Bhamashah Swasthya Bima Yojana BSBY

/
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा…

⇓ Share this post on Whatsapp & Facebook  ⇓

राजस्थान के चिकित्सा मंत्री और मिशन निदेशक पहुंचे स्विट्ज़रलैंड

राजस्थान के चिकित्सा मंत्री और मिशन निदेशक पहुंचे स्विट्ज़रलैंड

राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा और मिशन निदेशक, एनएचएम डॉ. समित शर्मा WHO की 72वीं वार्षिक World Health Assembly में हिस्सा लेने स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा मुख्यालय पर पहुंचे, इस असेम्बली का आयोजन 20 से 29 मई 2019 तक किया जा रहा है | World Health Assembly एक अहम हिस्सा है WHO का, जिसमें दुनिया के सभी देशों के सदस्य हिस्सा लेते हैं और WHO की पॉलिसीज की जानकारी लेते हैं, साथ ही वित्तीय कार्यकर्मों की समीक्षा भी करते हैं | इस साल सदस्य देशों ने तीन प्रस्ताव पारित किये हैं –
1. प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा से युनिवर्सल हेल्थ कवरेज करना
2. कम्युनिटी हेल्थ वर्कर्स की उचित भागिरदारी
3. युनिवर्सल हेल्थ कवरेज पर सितम्बर 2019 में उच्च स्तरीय बैठक आयोजन

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. शर्मा ने रविवार 19 मई को शाम 04:30 बजे से 08:00 बजे तक डिस्कशन में भाग लिया, इसमें इथिओपिया के अधिकारी भी थे | इस स्तर का आयोजन CIFF और Jhpiego के सहयोग से जेनेवा के Maison de la Paix Meeting centre, Room C1 में किया गया था |

Discussion Topic – “The Right to Be Born Healthy”

डिस्कशन का मुख्य विषय यह था कि कैसे भारत और इथियोपिया जैसे देश किस तरह से मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु को किस तरह कम कर रहे हैं और युनिवर्सल हेल्थ कवरेज को बढाने के लिए रिप्रोडक्टिव, मेटरनल और न्यूबोर्न/चाइल्ड हैल्थ में क्या अच्छी प्रेक्टिस इस्तेमाल कर रहे हैं साथ ही किस किस स्ट्रेटेजी से प्रसवपूर्व सेवाएँ दे रहे हैं एवं संस्थागत प्रसवों को बढ़ावा दे रहे हैं |

चिकित्सा मंत्री ने डिस्कशन में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना (MNDY) के बारे में जानकारी दी तब इस योजना की सर्वाधिक सराहना हुई । मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना पिछली गहलोत सरकार कि महत्वकांक्षी योजना है जिसमें प्रदेश की जनता को मुफ्त दवा एवं सर्जिकल्स उपलब्ध करवाए जाते हैं, यह योजना फिर से सरकार कि अगड़ी योजनाओं में से है, जिसके सुदृढ़ीकरण के लिए “एमएनडीवाइ सेल” का गठन किया गया है, साथ ही नयी डीडीसी खोलने तथा मेन-पॉवर (फार्मासिस्ट/कंप्यूटर ओपरेटर/हेल्पर) लेने कि प्रक्रिया जारी है । जननी शिशु सुरक्षा योजना भी काफी सराही गयी ।

डॉ. रघु शर्मा देश के अकेले स्वास्थ्य मंत्री थे जिन्होंने इस असेम्बली में हिस्सा लिया है ।

Covid-19 in gujarat

⇓ Share this post on Whatsapp & Facebook  ⇓