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Threat of corona in bhopal and indore

Threat of corona, 67 positives were found in Bhopal and 116 in Indore, only 18 patients were cured; Now Active Case 280

कोरोना अब डराने लगा है। शनिवार को राजधानी में 67 नए मरीज मिले हैं। ऐसे में एक दिन के अंतराल के बाद फिर 60 से ज्यादा मरीज सामने आए हैं। इससे पहले गुरुवार को भी नए मरीजों की संख्या 61 रही थी। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी लगातार घट रही है। शनिवार को सिर्फ 18 मरीज ही ठीक हुए हैं, यानी जितने नए मरीज बढ़े उनके मुकाबले सिर्फ 26.86 प्रतिशत ही ठीक हुए हैं।यही वजह है कि अब शहर में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 280 पर पहुंच गई है। राहत की बात यह है कि जो भी नए मरीज मिल रहे हैं, उनमें ज्यादातर को कोई गंभीर लक्षण नहीं है। सामान्य सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण ही सामने आ रहे हैं। मरीजों की रिकवरी भी 5 से 7 दिन में हो रही है। सबसे ज्यादा 116 मरीज इंदौर में सामने आए हैं। यहां 102 मरीज तो ठीक भी हुए हैं। बावजूद इसके एक्टिव मरीजों की संख्या 770 पर पहुंच गई है। प्रदेश में कुल 262 मरीज मिले हैं। ऐसे में संक्रमण दर 3.2 पर पहुंच गई है।

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NHM bhopal released bumper recruitment

National Health Mission (NHM) Bhopal has released bumper recruitment for 37 District Quality Monitor, Hospital Superintendent and Deputy Director IT

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने अस्पतालों में क्वालिटी सर्विस को सुधारने के लिए अब संविदा जिला क्वालिटी मॉनिटर की भर्ती शुरू की है। प्रदेश के करीब 37 जिला अस्पतालों में इनकी नियुक्ति की जाएगी। ये संविदा क्वालिटी मॉनिटर जिले भर के अस्पतालों में गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी करेंगे। एनएचएम ने इसकी भर्ती शुरू की है। इसके साथ ही स्किल लैब में 5 प्रशिक्षक मेडिकल ऑफीसर, एक डिप्टी डायरेक्टर आईटी की भर्ती निकाली है।

इन पदों पर निकली भर्तियां

पद का नाम खाली पद शैक्षणिक योग्यता वेतन
संविदा जिला क्वालिटी मॉनिटर 37 डेंटल, आयुष में ग्रेजुएट, हॉस्पिटल मैनेजमेंट, हेल्थ केयर मैनेजमेंट/पब्लिक हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन डिग्री 40 हजार रूपए प्रतिमाह
प्रशिक्षक मेडिकल ऑफीसर (स्किल लैब) 5 NHM मप्र में संविदा मेडिकल ऑफीसर के तौर पर दो साल OBGY/Pedia विभाग में काम करने का अनुभव। 66 हजार रूपए प्रतिमाह
डिप्टी डायरेक्टर (IT) 1 इलेक्ट्रॉनिक, कम्प्यूटर साइंस,इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन, इन्फाॅर्मेशन टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएट प्रतिनियुक्ति में वर्तमान पद के अनुसार
संविदा में रिटायर अधिकारी को अंतिम वेतन के आधार पर स्वीकृत पेंशन को कम करने के बाद बाकी राशि वेतन के रूप में मिलेगी।
संविदा अस्पताल अधीक्षक 1
हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेश्​​​​​​न में पीजी, डिप्लोमा धारी डॉक्टर
आर्मी और अन्य केन्द्रीय विभागों के रिटायर अधिकारी जिन्हें अस्पताल प्रशासन का अनुभव हो

1 से सवा लाख रूप

भर्ती के नियम और शर्तें जानने के लिए पद नाम पर क्लिक करें

संविदा जिला क्वालिटी मॉनिटर – ऑनलाइन आवेदन की लिंक 28 जुलाई से ओपन होगी। 30 अगस्त तक आवेदन कर सकेंगे।

प्रशिक्षक मेडिकल ऑफीसर (स्किल लैब) – जिलों के सीएमएओ इन अर्हताओं को पूरी करने वाले 3-3 संविदा मेडिकल ऑफीसर्स की लिस्ट 25 जुलाई तक एनएचएम को भेजेंगे।

डिप्टी डायरेक्टर (IT) – अंतिम तिथि- 10 अगस्त 2022

संविदा अस्पताल अधीक्षक – अंतिम तिथि- 16 अगस्त 2022

भोपाल के काटजू अस्पताल में अधीक्षक की होगी संविदा नियुक्ति

राजधानी भोपाल के न्यू मार्केट इलाके में एक साल पहले बनकर तैयार हुए काटजू अस्पताल में अब तक मरीज भर्ती होने शुरु नहीं हो पाए हैं। इस अस्पताल के अधीक्षक का प्रभार सीएमएचओ को दिया गया है। एनएचएम ने काटजू अस्पताल के अधीक्षक के लिए भर्ती निकाली है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट,हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में पीजी डिग्री, डिप्लोमा धारी डॉक्टर प्रतिनियुक्ति पर आने के लिए पात्र होंगे। इसके अलावा आर्मी और केन्द्रीय विभागों से राजपत्रित श्रेणी के रिटायर अफसर जिनके पास अस्पताल प्रबंधन का अनुभव है। वे काटजू अस्पताल में अधीक्षक के लिए आवेदन कर सकेंगे। प्रतिनियुक्ति के लिए आयु 50 साल और रिटायर अफसरों के लिए आयुसीमा 65 साल तक तय की गई है। वेतन के तौर पर प्रतिमाह एक लाख से सवा लाख रूपए तक दिए जाएंगे।

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First sport Injury center in bhopal’s hamidia hospital

First Sports injury Center will open in Bhopal’s Hamidia Hospital

21.07.2022
सालों पहले चर्चित सचिन तेंदुलकर की कोहनी की टेनिस एल्बो चोट या फिर एथलेटिक्स में ग्रोइन इंजरी हो। खिलाडिय़ों को इन चोट के बाद कॅरियर पर भी खतरा मंडराने लगता है। ऐसे में खिलाड़ी इन चोटों से जल्दी उबरने के लिए विदेशों के स्पोर्ट्स एंजरी सेंटर क रुख करते हैं। लेकिन अब खिलाडिय़ों को विदेश जाने की जरूरत नहीं है, राजधानी के हमीदिया अस्पताल में भी खिलाडिय़ों को इन चोटों से उबारा जाएगा। दरअसल, हमीदिया अस्पताल में प्रदेश का पहला स्पोर्ट एंजरी सेंटर का निर्माण किया जाना है। हालांकि इसकी कवायद बीते एक साल से चल रही है, लेकिन सोमवार को इस सेंटर के लिए जीएमसी प्रबंधन ने दो पीजी सीटों के लिए आवेदन किया। पीजी सीट मिलने के बाद यहां स्पोर्ट्स मेडिसिन कोर्स भी शुरू हो जाएगा। मालूम हो कि देश में स्पोर्ट्स एंजरी सेंटर की कमी के चलते भारत सरकार ने भोपाल सहित देशभर में पांच सेंटरों को मंजूरी दी है।

यह मिलेंगी सुविधाएं

30 बेड का वार्ड : सेंटर में 30 बेड का वार्ड बनाया जाएगा। इसमें कुछ बेड गंभीर मरीजों के लिए रखे जाएंगे। सभी बेड में मॉनिटर व अन्य जरूरी सुविधाएं रहेंगी।

फि जियोथैरेपी और किचन : फिजियोथैरेपी के लिए विशेष यूनिट होगी जो चोट को उबारने के लिए सबसे जरूरी है। खिलाडिय़ों के लिए विशेष डाइट प्लान तैयार किया जाएगा।

पीजी कोर्स : एमडी स्पोर्ट्स मेडिसिन में पीजी डिग्री कोर्स शुरू किया जाएगा। इसमें दो सीटें होंगी। इस कोर्स के लिए मप्र मेडिकल यूनिवर्सिटी की मान्यता मिल गई है।

भारत सरकार ने स्पोर्ट एंजरी सेंटर के लिए राशि दी है। देश में सिर्फ दो स्पोर्ट एंजरी सेंटर हैं। इसके लिए पीजी सीट के लिए भी आवेदन किया गया है। – डॉ. आशीष गोहिया, अधीक्षक हमीदिया अस्पताल

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑफ ऑर्थोपेडिक्स में होगा सेंटर : जानकारी के मुताबिक इस सेंटर को टीबी अस्पताल में बनने वाले प्रदेश के पहले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑफ ऑर्थोपेडिक्स में बनाया जाएगा। यह सेंटर हमीदिया अस्पताल में हड्डी रोग विभाग के अधीन काम करेगा।

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First day of free booster doses in Bhopal

On the first day in Bhopal, 3702 people got a booster dose

16.07.2022
कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए वैक्सीन का बूस्टर डोज दिया जा रहा है। अभी तक बूस्टर डोज सिर्फ बुजुर्गों और हेल्थ केयर वर्कर्स को फ्री था, लेकिन अब सरकार ने 18 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के लोगों को भी निशुल्क डोज की व्यवस्था कर दी है। शुक्रवार से शुरू 75 दिन के विशेष अभियान के पहले दिन शहर में 3702 लोगों ने बूस्टर डोज लगवाया। मालूम हो कि अब तक बूस्टर डोज के लिए शुल्क लिया जा रहा था, ऐसे में इसके प्रति लोगों में रुचि नहीं थी। शहर में अब तक हर दिन बमुश्किल दो सौ लोग ही शुल्क देकर बूस्टर डोज लगवा रहे थे, लेकिन शुक्रवार को 15 गुना ज्यादा लोगों ने बूस्टर डोज लगवाई। भोपाल में वैक्सीनेशन के लिए कुल 71 केंद्र बनाए गए थे। शुक्रवार को सभी कैटेगरी में 3968 डोज लगाए गए।

18 से 45 की श्रेणी में सिर्फ 2345 डोज

भोपाल जिले में सिर्फ 2345 लोग ऐसे हैं जो 18 से 45 आयु वर्ग के हैं और इन्होंने बूस्टर डोज लिया है। मालूम हो कि कुछ दिन पहले इसी आयु के लोगों ने सरकार से बूस्टर या प्री-कॉशन डोज फ्री करने की मांग की थी। जिले में 18 प्लस आयुवर्ग के वैक्सीनेशन के लिए 75 टीमें बनाईं हैं।

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No additional gst on IVF test tube baby in bhopal

Test Tube Baby (IVF) in Bhopal will now be considered as part of health care, no additional GST will be levied on it

14.07.2022
टेस्ट ट्यूब बेबी (आइवीएफ) अब हेल्थ केयर का ही हिस्सा माना जाएगा। उस पर अतिरिक्त जीएसटी नहीं लगेगा। इसी तरह विश्वविद्यालयों के एंट्रेंस एग्जाम या पात्रता प्रमाण पत्र सर्टिफिकेट पर लगने वाली फीस पर भी जीएसटी नहीं लगेगा। ये निर्णय बीते दिनों जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए हैं। हालांकि, अभी नोटिफिकेशन नहीं आया है, लेकिन सरकार के इस फैसले से उपभोक्ता वर्ग को राहत मिलेगी। इस मामले में केंद्र एवं राज्यों के कर अधिकारियों से बनी फिटमेंट समिति ने जीएसटी परिषद को कहा था कि एक क्लीनिक, अधिकृत चिकित्सकीय पेशेवर या अर्ध-चिकित्सकीय पेशेवर की तरफ से दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं को जीएसटी प्रणाली के तहत छूट मिलती है और एआरटी और आइवीएफ को जीएसटी राहत दी जानी चाहिए।आइसक्रीम पार्लर पर लगने वाले जीएसटी विवाद ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है। 28-29 जून को चंडीगढ़ में हुई जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक में 5% टैक्स नियमित करने का निर्णय लिया गया है, जबकि अक्टूबर 2021 में हुई बैठक में स्पष्टीकरण दिया था कि आइस्क्रीम पार्लर पर 18% की दर से टैक्स लिया जाएगा। इसके बाद आइस्क्रीम पार्लर संचालक 5 की जगह 18 प्रतिशत की दर से टैक्स जमा करने लगे। विवाद यह है कि जीएसटी लागू होने की तिथि 1 जुलाई 2017 से 5 अक्टूबर 2021 के बीच जो 5% की दर से टैक्स चुकाया गया, क्या उस पर विभाग 13% की दर से अतिरिक्त वसूली करेगा? क्योंकि काउंसिल की बैठक में 5% की दर से टैक्स नियमित करने का निर्णय का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है, इसलिए संशय है। आइसक्रीम निर्माता नूतन लालन का कहना है कि टैक्स को लेकर जो नियम बने हैं, उनका पालन किया है। लालन ने यह भी कहा कि दो साल में प्रदेश की आधी आइसक्रीम फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं।

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NO service available in Panchkaram hospital,bhopal

Superspeciality Panchakarma Hospital built in Bhopal’s Pt Khushilal Ayurved College campus, waiting for machine and staff for two years

14.07.2022
प्रदेश में वैलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से भोपाल के पं. खुशीलाल आयुर्वेद कॉलेज में 50 बिस्तरों का सुपरस्पेशिलिटी पंचकर्म अस्पताल तैयार किया गया है। भवन भी करीब दो महीने से बनकर तैयार है, लेकिन इसे शुरू नहीं किया जा सका। दरअसल इस सेंटर में स्टाफ, डॉक्टर और उपकरणों की पूर्ति के लिए दो साल से कवायद चल रही है, लेकिन अब तक यहां न डॉक्टर मिले हैं न अन्य संसाधन। ऐसे में इस सेंटर को शुरू करने की डेडलाइन एक बार फिर अगस्त तक बढ़ा दी है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश में अपनी तरह का पहला अस्पताल होगा जहां मरीजों का निजी स्पा की तर्ज पर पंचकर्म किया जाएगा।
पंचकर्म से होगा मिर्गी का इलाज
यह देश का पहला एक्सीलेंस सेंटर होगा, जहां पंचकर्म अस्पताल के साथ न्यूरो स्पाइनल सेंटर भी बन रहा है। मिर्गी, लकवा और सुन्नपन जैसी बीमारियों का इलाज होगा। मालूम हो कि शहर में पंचकर्म की मांग बढ़ रही है। औसतन रोज 600 लोग ओपीडी में आते हैं। कॉलेज के पंचकर्म वार्ड के 150 बेड में से ज्यादातर फुल रहते हैं।
सरकार ने वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से यह हॉस्पिटल बनाया है। फिलहाल कुछ उपकरण और स्टाफ की कमी है। इसके लिए डिमांड भेजे गए हैं। जुलाई के अंत तक या अगस्त तक इसे शुरू कर दिया जाएगा।
डॉ. उमेश शुक्ला, प्राचार्य, खुशीलाल आयुर्वेद कॉलेज

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Covid in bhopal

Corona growing rapidly in Bhopal, patients doubled

13.07.2022
राजधानी में कोरोना मरीजों की संख्या एक बार फिर तेजी से बढ़ रही है। महीने भर में ही एक्टिव मरीजों की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है। यही नहीं बीते दस दिन में तीन कोरोना मरीज दम तोड़ चुके हैं। 11 जून को राजधानी भोपाल में केवल 75 कोरोना मरीज सक्रिय थे जो इस समय करीब 190 है। श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लोकेन्द्र दवे के मुताबिक कोरोना का ग्राफ भले ही धीरे-धीरे बढ़ रहा हो लेकिन जब आंकड़ा बढ़ जाता है तो फिर गुणात्मक रूप में पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती है, यह बेहद खतरनाक है। मालूम हो कि बीते कुछ दिनों से शहर में 350 के आसपास सैंपल लिए जा रहे हैं, जिसमें 20 के आसपास पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। मंगलवार को भी शहर में 23 नए मरीज सामने आए।
रुटीन वैक्सीनेशन के साथ कोविड का टीका भी
स्वास्थ्य विभाग वैक्सीनेशन को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। स्कूलों के बाद अब रुटीन वैक्सीनेशन के साथ जोडा जा रहा है। शहर में फिलहाल आंगनबाड़ियों सहित 177 जगह पर रुटीन वैक्सीनेशन किया जा रहा है। अब इस दौरान कोरोना वैक्सीन भी लगाई जाएगी।

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Operation theatre again started in bhopal ,JP hospital

OT resumed in Bhopal’s Jaiprakash Hospital (JP), four operations on the first day

13.07.2022
जेपी अस्पताल का आई ओटी सप्ताह भर बाद फिर शुरू हो गया। पहले दिन चार मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन भी किया गया है। मालूम हो कि इसमें नल टूटने के चलते पानी भर गया था जिससे सावधानीवश ऑपरेशन बंद कर कल्चर टेस्ट कराए गए थे। टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ओटी फिर शुरू कर दी गई है। जेपी अस्पताल के नेत्र विभाग की ओटी के टॉयलेट में निर्माण सामग्री रखने के दौरान नल टूट गया था। उस दौरान टंकी में पानी नहीं था। इस कारण पानी नहीं बहा। दूसरे दिन जब टंकी भरी गई तो रात में टूटे नल से पानी निकलकर टायलेट से होते हुए पूरे ओटी में भर गया था। पानी भरने से ओटी में संक्रमण फैलने का खतरा था। इस कारण इसे बंद कर दिया गया था। इसके बाद पानी निकालकर ओटी को हाइपोक्लोराइड से संक्रमणमुक्त कर दिया गया। सावधानी के लिए ओटी से कुछ जगह से स्वाब के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे। ओटी शुरू होने के बाद अब यहां मोतियाबिंद के आपरेशन, आंख में चोट लगने पर होने वाले आकस्मिक आपरेशन व अन्य तरह की सर्जरी हो सकेंगी।

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Money invest in the name of software in gov.hospital ,Bhopal

Government hospitals of Bhopal spent about Rs 6 crore in the name of their own software citing the convenience of patients

13.07.2022
शहर के सरकारी अस्पताल मुफ्त की कोई भी चीज पसंद नहीं करते। यही वजह है कि अस्पतालों का कामकाज निर्धारित करने के लिए केन्द्र के मुफ्त के पोर्टल का उपयोग नहीं करना चाहते। शहर के सरकारी अस्पतालों ने मरीजों की सुविधा का हवाला देकर खुद के सॉफ्टवेयर के नाम पर करीब 6 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। हमीदिया से लेकर एम्स और अन्य सरकारी अस्पतालों ने राशि तो खर्च कर दी, लेकिन अपने स्तर पर जो पोर्टल तैयार कराए वे फिलहाल तो काम नहीं कर रहे।

हमीदिया अस्पताल: खर्च किए 2.5 करोड़ रुपए:
हमीदिया में तीन साल पहले हेल्थ इंफॉर्मेशन एंड मैनेजमेंट सिस्टम को लागू किया था। दावे हुए थे कि पूरे काम ऑनलाइन होंगे। यही नहीं इस सॉफ्टवेयर को सरकारी एजेंसी 25 लाख में तैयार कर रही थी, लेकिन प्रबंधन ने निजी एजेंसी को 2.5 करोड़ रुपए दे दिए। इसके बावजूद अब तक सॉफ्टवेयर तैयार नहीं है।

एम्स:फर्जीवाड़ा ऐसा कि हो गई जांच
एम्स भोपाल में भी सॉफ्टवेयर के निर्माण के दौरान फर्जीवाड़ा हुआ। एम्स प्रबंधन ने अपने सॉफ्टवेयर निर्माण के लिए सरकारी एजेंसी को 86 लाख रुपए जारी किए, लेकिन चार साल तक सॉफ्टवेयर का निर्माण नहीं हो पाया। इसके बाद एम्स मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने निजी एजेंसी को सॉफ्टवेयर का ठेका दे दिया।

अन्य अस्पतालों में भी खुद के सॉफ्टवेयर फेल:
जेपी अस्पताल में भी सॉफ्टवेयर तैयार किए गए। उस दौरान यह प्रचारित किया गया कि प्रदेश का पहला अस्पताल जहां मिलेगी कतारों से आजादी, लेकिन स्थिति अब भी वैसी ही है। वहीं गैस राहत विभाग के सभी अस्पतालों और बीएमएचआरसी में भी सॉफ्टवेयर तैयार किए गए, जो अब तक अधूरे ही हैं।

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Slow speed of corona test in bhopal

Speed of corona infection in Bhopal, self-test positive still not doing RTPCR

09.07.2022
कोरोना संक्रमण की रफ्तार लगातार तेज हो रही है। पिछले दस दिन से शहर में औसतन हररोज 28 नए मरीज सामने आ रहे हैं। यह वो मरीज हैं, जो सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हुए हैं। हकीकत में इससे भी कहीं ज्यादा लोग हररोज कोरोना संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन ये लोग सरकारी रिकॉर्ड में नहीं है और अपनी बीमारी को छिपा रहे हैं।
शहर के डॉक्टरों का कहना है कि यदि समय रहते टेस्टिंग नहीं बढ़ाई गई तो संक्रमण तेजी से फैलेगा और बीमारों की संख्या भी बढ़ेगी। जीएमसी के पल्मोनरी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. निशांत श्रीवास्तव का कहना है कि स्थिति इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि लोग खुद ही टेस्ट किट से अपनी जांच कर रहे हैं।कई मरीज रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मेरे पास इलाज कराने पहुंच रहे हैं। वह आरटीपीसीआर कराने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके अलावा कुछ मरीज ऐसे भी हैं जिनकी रिपोर्ट किट में तो निगेटिव आई है, लेकिन लक्षण कोरोना के ही हैं।बावजूद इसके वह आरटीपीसीआर कराने को तैयार नहीं है। हालांकि, इन मरीजों को सामान्य एंटीबायोटिक दवाओं से तीन से पांच दिन में राहत मिल रही है। ऐसे मरीजों का रिकॉर्ड नहीं होने से अन्य लोगों के संक्रमित होने की आशंका बढ़ गई है।

बच्चों में एंटीबॉडी लेवल हाई, हो रहे बीमार
पीडियाट्रीशियन डाॅ. एसएस वेल्लोरी ने बताया कि कई बच्चे बार-बार बीमार पड़ रहे हैं। उन्हें तेज बुखार, सर्दी-खांसी हैं। ऐसे 50 बच्चों में कोरोना एंटीबॉडी लेवल हाई मिला। जबकि, परिजनों के मुताबिक बच्चों को कभी कोरोना हुआ ही नहीं। डॉक्टरों के मुताबिक येे जनवरी-फरवरी में संक्रमित हुए होंगे।

संक्रमित बुजुर्गों का ऑक्सीजन लेवल सामान्य

जेपी अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पॉजिटिव आने के बाद भी 60 से 70 साल के बुजुर्गों का ऑक्सीजन लेवल सामान्य था। 6 दिन इलाज के बाद वे ठीक हो रहे हैं। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी के मुताबिक लोगों को जिम्मेदारी समझते हुए आरटीपीसीआर करानी चाहिए।

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