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Four quacks in bhopal

Critical care unit built in aiims, bhopal

Covid in Bhopal

Doctors and officers will be divided in 4 new cadres.

Doctors of Bhopal Memorial Hospital and Research Center (BMHRC) performed a complex surgery, gave life to a 22-year-old youth.

18.06.2022
बीएमएचआरसी में जटिल सर्जरी,दरअसल, सह युवक बचपन से ही थैलीसीमिया से पीड़ित था। उसकी उम्र तो बढ़ रही थी, लेकिन शरीर का विकास नहीं हो रहा था और न वजन बढ़ रहा था।परिजन युवक को बीएमएचआरसी लेकर पहुंचे थे। यहां सीटी स्कैन में पता चला कि उसके पेट मे तिल्ली (स्पलीन) का आकार बेतहाशा बढ़ गया है। सामान्यतौर पर तिल्ली 12 सेमी लंबी और 170 ग्राम वजनी होनी चाहिए, लेकिन युवक के पेट में 25 सेमी लंबी और 2.5 किलो वजन की तिल्ली थी। जबकि, मरीज के पेट की लंबाई ही करीब 30 सेमी है।इसी वजह से उसे हर हफ्ते ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराना पड़ रहा था। ऐसे में गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रभारी एचओडी डॉ. प्रमोद वर्मा ने अपनी टीम के साथ युवक की सर्जरी की और बढ़ी हुई तिल्ली को निकाला। मरीज अब स्वस्थ है उसे जल्द ही छुट्‌टी दे दी जाएगी। उसे हर हफ्ते की बजाय डेढ़ से दो महीने बाद ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराने की जरूरत होगी। डॉ. वर्मा ने बताया कि तिल्ली का आकार 20 सेमी होने पर ही जान को खतरा हो सकता है।एनेस्थीशिया विभाग की प्रोफेसर डॉ. सारिका कटियार ने बताया कि थैलेसीमिया मरीजों की सर्जरी में सबसे बड़ी चुनौती उनके हीमोग्लोबिन स्तर को मेंटेन रखना होती है। इस मरीज का हीमोग्लोबिन 7.5 ग्राम था। पेट से निकाली गई तिल्ली में करीब 500 मिली ब्लड था। इसलिए हीमोग्लोबिन के स्तर को कम होने से रोकने लगातार मॉनिटरिंग की। जरूरत के मुताबिक ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया गया।

After 3 months in Bhopal, the number of active corona patients crosses 100

17.06.2022
कोरोना मरीजों की संख्या में जारी इजाफे का असर यह हुआ है कि राजधानी में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 105 पर पहुंच गई है। तीन महीने बाद एक्टिव मरीजों की संख्या 100 के पार हुई है। यही नहीं प्रदेश में एक्टिव मरीज 400 हो गए हैं।
इससे पहले 9 मार्च को भोपाल में एक्टिव मरीजों की संख्या 108 थी, जबकि 16 मार्च को प्रदेश में कुल 420 एक्टिव मरीज थे। राहत की बात यह है कि वर्तमान में शहर में जो कोरोना मरीज हैं, उनमें से महज 4 मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती किया गया है। बाकी 101 मरीजों को होम आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जा रहा है।गुरुवार को शहर में 20 तो प्रदेश में 60 नए मरीज सामने आए हैं। चिंता की बात यह है कि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या नए मरीजों के मुकाबले कम ही है। गुरुवार को प्रदेश में महज 53 मरीज ही ठीक हुए हैं। राजधानी में सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं। 18 नए मरीजों के साथ इंदौर दूसरे नंबर पर रहा। इसके अलावा ग्वालियर, जबलपुर और रायसेन में पांच-पांच नए मरीज मिले हैं। डिंडौरी और नरसिंहपुर में दो-दो मरीज मिले।प्रदेश में संक्रमण दर महज 0.8 प्रतिशत- राहत की बात यह है कि प्रदेश में कोरोना की संक्रमण दर महज 0.8 प्रतिशत रही। गुरुवार को प्रदेश में कुल 7164 संदिग्ध मरीजों के कोरोना सैंपल लिए गए। इनमें से 42 सैंपल रिजेक्ट हुए और 7104 सैंपल की जांच की गई। इनमें से 60 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

A case of deteriorating health and death during treatment after injecting a newborn in Sultania Hospital, Bhopal

16.06.2022
राजधानी के सुल्तानिया अस्पताल में जन्मे एक नवजात की कमला नेहरू अस्पताल में मंगलवार को इलाज के दौरान मौत हो गई है। इस मामले में परिजनों ने सुल्तानिया अस्पताल के स्टाफ पर नवजात के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि नवजात को बुखार होने के बावजूद नर्सिंग स्टाफ ने टीका लगा दिया। इसके बाद बच्चे की हालत बिगड़ गई। फिलहाल प्रसूता आयशा अली को स्वजनों ने नवजात की मौत की खबर नहीं दी है, क्योंकि बच्चा आपरेशन से पैदा हुआ था। प्रसूता फिलहाल सुल्तानिया में ही भर्ती है। उसकी हालत न बिगड़ जाए, इसलिए उसे जानकारी नहीं दी है बल्कि यह बताया है कि नवजात कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज चल रहा है।बाग फरहत अफजा निवासी 21 वर्षीय आयशा अली को डिलीवरी के लिए 10 जून को सुल्तानिया महिला अस्पताल में भर्ती किया था। 13 जून को सुबह 11 बजे सिजेरियन डिलीवरी हुई और आयशा ने बेटे को जन्म दिया था। आयशा के पति अनस अली ने आरोप लगाया है कि 14 जून की सुबह डाक्टर राउंड पर आई तो उन्होंने बच्चे को हल्का बुखार बताया था। थोड़ी देर बाद नर्सिंग स्टाफ ने टीके लगाने की बात कही। आयशा ने उनसे कहा कि बच्चे को बुखार है तो अभी टीके नहीं लगाएं। फिर भी स्टाफ तीन इंजेक्शन लगाकर चली गईं। इसके कुछ देर बाद ही नवजात के शरीर की त्वचा नीली पड़ने लगी थी। गंभीर हालत को देखते हुए उसे मंगलवार को ही कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां इलाज के कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई थी। आयशा की पहली बेटी है। इस बार उसके घर बेटे का जन्म हुआ था। इस मामले में डाक्टरों का कहना है कि टीका लगने से मौत नहीं हो सकती। मौत की वजह कुछ और हो सकती है।

Action will be taken against 18 hospitals who do fraud under the guise of Ayushman Bharat scheme in Bhopal

16.06.2022
आयुष्मान योजना में इम्पैनल प्रायवेट हॉस्पिटल्स में चल रहे फर्जीवाडे़ को पकड़ने के लिए स्टेट हेल्थ एजेंसी की अलग-अलग 20 टीमों ने भोपाल के करीब 47 निजी अस्पतालों पर छापामार कार्रवाई की थी। मंगलवार देर रात तक चली कार्रवाई के दौरान SHA द्वारा बनाई गई डॉक्टरों की टीमों ने करीब 18 अस्पतालों में फर्जीवाड़ा पकड़ा है। अब इन अस्पतालों की आयुष्मान योजना से संबद्वता खत्म करने, पैसे की रिकवरी और पंजीयन खत्म करने जैसी कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।लोटस अस्पताल जनरल मेडिसिन स्पेशलिटी सस्पेंड। पेनाल्टी भी।2. नवजीवन अस्पताल योजना से बाहर 3.अनंतश्री अस्पताल योजना से बाहर 4. अपेक्स अस्पताल योजना से बाहर 5. आयुष्मान भारत अस्पताल योजना से बाहर 6. गुरु आशीष अस्पताल योजना से बाहर 7. पीबीजीएम अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर योजना से बाहर 8. आयुष्मान अस्पताल योजना से बाहर 9. आरआर अस्पताल जनरल मेडिसिन स्पेशलिटी सस्पेंड। पेनाल्टी भी। 10.नवोदय कैंसर अस्पताल जनरल मेडिसिन स्पेशलिटी सस्पेंड। पेनाल्टी भी। 11.नवोदय हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर जनरल मेडिसिन स्पेशलिटी सस्पेंड। पेनाल्टी भी। 12. भोपाल मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल योजना से बाहर 13. राजदीप अस्पताल योजना से बाहर 14. किशनानी अस्पताल योजना से बाहर 15.सर्वोत्तम अस्पताल जनरल मेडिसिन स्पेशलिटी सस्पेंड। पेनाल्टी भी। 16.आधार हास्पिटल मल्टी स्पेशलिटी यूनिट योजना से बाहर 17. जीवनश्री अस्पताल योजना से बाहर 18.वीसीएच हास्पिटल योजना से बाहर

Arbitrary recovery from Ayushman card holders in Bhopal and recovery of huge amount from the government by telling fake patients to be admitted

15.06.2022
आयुष्मान कार्ड धारकों से मनमानी वसूली व फर्जी मरीजों को भर्ती बताकर सरकार से मोटी रकम वसूलने की शिकायतों के बाद मंगलवार को स्टेट हेल्थ काउंसिल की 22 टीमों ने शहर के 47 अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया। ये सभी अस्पताल आयुष्मान भारत निरामयम से इम्पैनल्ड हैं। शुरुआती जानकारी के अनुसार इनमें से 12 अस्पतालों में गड़बड़ियां मिली हैं, जिसके आधार पर इन्हें आयुष्मान योजना से बाहर किया जाएगा।खजूरीकलां रोड पर कृष्णा नगर स्थित वैष्णो मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में गत 31 मई को फर्जी मरीजों के नाम पर आयुष्मान योजना के तहत सरकार से पैसे लेने का मामला उजागर हुआ था। इसके बाद काउंसिल के कॉल सेंटर पर कई लोगों ने शिकायत दर्ज कराई कि उनसे भी आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद अस्पतालों में जमकर लूट हुई।आयुष्मान भारत योजना मप्र के सीईओ अनुराग चौधरी ने बताया कि इन शिकायतों के मद्देनजर मंगलवार को भोपाल के 47 अस्पतालों में 22 टीमें भेजी गईं। योजना से जुड़े अस्पतालों का रिकॉर्ड चैक किया गया। वहां भर्ती आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों से पूछताछ की गई। साथ ही स्टेट हेल्थ काउंसिल के पोर्टल पर अस्पताल द्वारा दर्ज किए गए मरीजों और वास्तविक भर्ती मरीजों की संख्या का मिलान किया गया।

More than 50 nurses have made serious allegations of obscenity against the superintendent of Bhopal’s Hamidia Hospital, Dr. Maravi.

15.06.2022
अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक पर अश्लीलता और बलात्कार का आरोप लगा है, इस मामले में स्टॉफ की 50 से अधिक नर्सों ने एकजुट होकर शिकायत दर्ज कराई है, मामला चिकित्सा एवं शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग तक पहुंचने पर हड़कंप मच गया है। जानकारी के अनुसार हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ दीपक मरावी के खिलाफ नर्सों ने जबरन चैंजिंग रूम में घुसकर अश्लीलता करने का आरोप लगाया है, उनका कहना है कि अधीक्षक बिना गेट पर दस्तक दिए अंदर घुस जाते हैं, वे नशे की हालात में हाफ पेंट में ही रहते हैं और अश्लीलता करते हैं, इस बारे में उनका विरोध करने पर वे नौकरी से हाथ धो बैठने की धमकी देते हैं। इस मामले में स्टॉफ की नर्सों ने लिखित में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से शिकायत की है, उन्होंने इस मामले की १० दिन में जांच के लिए संभाग कमिश्नर गुलशन बामरा को आदेश दिए हैं।