13.07.2022
आंबेडकर अस्पताल के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) में हार्टअटैक की स्थिति में पहुंचे एक 30 साल के युवक की इमरजेंसी एंजियोप्लास्टी कर जान बचाई गई। हार्ट अटैक की स्थिति में लेजर द्वारा हार्ट की नली के थक्के को भाप बनाकर निकाला गया। हार्टअटैक के बीच लेजर के माध्यम से खून के थक्के को भाप बनाकर निकालना संभवत: देश की इस तरह की यह पहली प्रक्रिया है। मंगलवार सुबह करीब 9 युवक हार्टअटैक की स्थिति में एसीआई पहुंचा। उसकी तुरंत एंजियोग्राफी करने पर पता चला कि बहुत सारा खून का थक्का उसके हाथ की एक प्रमुख नली को पूरी तरह से बंद कर दिया है। आईवीयूएस यानी हार्ट के नस के अंदर की सोनोग्राफी करने पर पता चला कि यह रुकावट सिर्फ खून के थक्के के कारण हुआ है और इसमें नस का कोई ब्लाकेज नहीं है। ऐसे में युवक की कम उम्र को देखते हुए उसे खून के थक्के को लेजर द्वारा भाप बनाने का निर्णय लिया गया और यह प्रक्रिया मात्र आधे घंटे के समय में पूरी की गई। युवक की बंद नली पूरी तरह खुल गई
खून क्यों ब्लॉक हुआ, कारण का पता नहीं
काडियोलॉजिस्ट डॉ. स्मित श्रीवास्तव बताते हैं, युवक के शरीर में खून क्यों ब्लॉक हुआ। इसके कारण का पता नहीं चल पाया, क्योंकि युवक किसी प्रकार से नशे का सेवन नहीं करता। लेजर के माध्यम से भाप बनाकर खून का थक्का निकालने का केस दस से अधिक हो चुका है, लेकिन आर्टअटैक के बीच ऐसा करना देश में पहली बार है। युवकों में हार्टअटैक का प्रमुख कारण अनियमित दिनचर्चा है, जिसमें ध्यान देने की जरूरत है।
हार्ट को नहीं पहुंचा नुकसान
हार्ट अटैक के कारण ईसीजी में आया परिवर्तन भी एंजियोप्लास्टी के बाद ठीक हो गया, जो इस बात का साक्ष्य हैं कि यह प्रक्रिया सफल हुई और युवक हार्ट को और जीवन को नुकसान होने से बचा लिया गया। इस इमरजेंसी लेजर एनजियोप्लास्टी में प्रोफेसर डॉ. स्मित श्रीवास्तव के साथ डॉ. जोगेश, डॉ. आनंद, डॉ. गोपेश, डॉ. प्रतीक, नर्सेज बुद्धेश्वर और पूर्णिमा, टेक्नीशियन आईपी वर्मा, खेम सिंह, महेंद्र साहू, अश्वितिन साहू और जितेंद्र चलकर शामिल थे।