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Corona blast in raipur

Corona blast in Raipur caused panic due to a large number of infected together

27.07.2022
छत्तीसगढ़ में महाराष्ट्र, केरल, ओडिशा और पं. बंगाल की तरह कोरोना के मामले तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं, लेकिन राजधानी रायपुर में मंगलवार को 24 घंटे में 224 मरीज मिलने से हेल्थ अमले में खलबली मच गई है। रायपुर में तीसरी लहर की शुरुआत यानी लगभग 5 माह बाद दो सौ से ज्यादा कोरोना संक्रमित मिले हैं।हालांकि प्रदेश में 640 मरीज ही मिले और दुर्ग में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई। इधर, छत्तीसगढ़ में पहली बार भिलाई और रायपुर में मंकीपॉक्स के 2 संदिग्ध मरीज मिले हैं। रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में भर्ती 14 साल का बालक कांकेर के पास का है। उसकी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। भिलाई में संदिग्ध मरीज हाल में ओमान से लौटा है। वह कोविड पॉजीटिव भी निकला है।अंबेडकर अस्पताल के आईसीयू में अभी 10 पेशेंट हैं। अधिकांश की उम्र 50 साल से ज्यादा है और सांस की दिक्कत आई है। हेल्थ बुलेटिन के अनुसार मंगलवार को राज्य में 12394 लोगों की कोरोना जांच हुई, जिनमें 640 मरीज मिले।इस तरह संक्रमण दर 5.16 प्रतिशत रही। इसके साथ ही राज्य में सक्रिय मरीजाें की संख्या करीब 4 हजार हो गई है। इनमें से रायपुर में सर्वाधिक सात सौ, दुर्ग में पांच सौ और राजनांदगांव में चार सौ मरीजों का इलाज चल रहा है।

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Safe blood treatment

Blood Treatment Safe, Promising for Stiff Person Syndrome

चिकित्सीय प्लाज्मा एक्सचेंज (टीपीई) सुरक्षित है, अच्छी तरह से सहन किया जाता है, और दुर्लभ न्यूरोइम्यूनोलॉजिकल विकारों के एक समूह, कठोर व्यक्ति स्पेक्ट्रम विकारों (एसपीएसडी) वाले अधिकांश रोगियों में लक्षणों में सुधार करता है, एक छोटे से प्रारंभिक अध्ययन से पता चलता है।
हालांकि हस्तक्षेप “डरावना” लग सकता है, क्योंकि इसके लिए केंद्रीय शिरापरक पहुंच और कभी-कभी अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है, नए परिणामों से संकेत मिलता है कि इसे केवल “सही” रोगियों के लिए माना जाना चाहिए, अध्ययन अन्वेषक स्कॉट डी। न्यूज़ोम, डीओ, न्यूरोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर, जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी, बाल्टीमोर, मैरीलैंड ने मेडस्केप मेडिकल न्यूज को बताया।

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DR.Sushovan Banerjee passes away

Revered ‘Doctor’ of Bengal Sushovan Banerjee passes away

27.07.2022
पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध एक रुपये के डॉक्टर सुशोवन बनर्जी का निधन हो गया। एक डॉक्टर और एक राजनेता, डॉ बनर्जी ने करीब 60 वर्षों तक मरीजों का इलाज किया। वह बोलपुर सीट से पूर्व विधायक हैं और
उन्होंने 1984 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वह सिर्फ एक रुपये के लिए लोगों का इलाज कर रहे हैं और उन्हें प्यार से “एक तकर दल” के नाम से जाना जाता है।वर्ष 2020 में, उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान: पद्म श्री मिला। उसी वर्ष उनका नाम सबसे अधिक रोगियों के इलाज के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रसिद्ध व्यक्तित्व के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर का सहारा लिया। सीएम ने लिखा, “परोपकारी डॉक्टर सुशोवन बंद्योपाध्याय के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। बीरभूम के प्रसिद्ध एक रुपये के डॉक्टर अपने जन-हितैषी परोपकार के लिए जाने जाते थे, और मैं अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”COVID महामारी के दौरान उन्हें कुछ दिनों के लिए अपना क्लिनिक बंद करना पड़ा और उन्होंने कभी भी लोगों की सेवा करने से इनकार नहीं किया। महामारी के तुरंत बाद उन्होंने अपनी चिकित्सा सेवा फिर से शुरू कर दी।
उनके स्वतंत्र स्वभाव और लोगों की सेवा करने के प्रति समर्पण को कई रिपोर्टों में उद्धृत किया गया है। 2019 में जब एक जूनियर डॉक्टर पर हमले के विरोध में राज्य भर के डॉक्टर हड़ताल पर थे, तब भी डॉ बनर्जी ने चिकित्सा सेवाओं को नहीं रोका। ‘मैं किसी भी तरह से डॉक्टरों पर हमले का समर्थन नहीं करता। लेकिन मैं डॉक्टरों की हड़ताल का भी समर्थन नहीं करता। विरोध का रास्ता अलग होना चाहिए। क्योंकि हताश मरीज अपनी जान बचाने के लिए डॉक्टर का हाथ पकड़ते हैं,’ उन्होंने तब कहा था।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ उनके मधुर संबंध सभी जानते हैं। पद्मश्री मिलने के बाद उन्होंने मीडिया से कहा, “श्री मुखर्जी मुझे अपने छोटे भाई के रूप में देखते हैं। उन्होंने मुझे शनिवार शाम को बधाई देने के लिए फोन किया था। मैंने उनसे कहा था कि जब एक भाई भारत रत्न है तो दूसरे को भी कुछ मिलना चाहिए।”

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Inspection of health camp in bihar

Civil surgeon arrived in Munger, Bihar to inspect the health camp: At 10 pm, 26 km Kanwaria path was inspected, health workers were absent from duty

26.07.2022
मुंगेर के विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा कच्ची कांवरिया पथ पर मुंगेर जिला अंतर्गत असरगंज प्रखंड के कमरांय से लेकर संग्रामपुर प्रखंड कुमरसार तक स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कुल 13 जगहों पर स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है। इस दौरान कार्य में किसी प्रकार की कोताही ना हो इसे लेकर सोमवार की देर रात लगभग 10 बजे से 3:00 बजे तक मुंगेर सिविल सर्जन डॉक्टर पीएम सहाय औचक निरीक्षण करने को लेकर कच्ची कांवरिया पथ पर औचक निरीक्षण करने पहुंच गए।इस दौरान सिविल सर्जन धोबई स्वास्थ्य शिविर पहुंचे। यहां शिविर में अपने ड्यूटी पर सभी स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे। मगर शिविर में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने सिविल सर्जन को शिकायत करते हुए बताया कि यहां जो बिजली व्यवस्था दिया गया है वह सही तरीके से नहीं रहता है जिस कारण पंखा भी नहीं चलता है इसके अलावा बारिश पड़ने पर पूरा चुने की वजह से हम लोग बारिश के दौरान बिक जाते हैं।इसके बाद सिविल सर्जन रात 12: 45 में गोगाचक स्थित स्वास्थ्य शिविर पहुंचे इस जगह पर निरीक्षण के दौरान पाया गया कि रूबी कुमारी एएनएम सोई हुई थी जिसे सिविल सर्जन ने कार्य में कोताही बरतने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा । रात 1 बजे तेघड़ा स्वास्थ्य वीर पहुंचे यहां पर जीएनएम कुंती कुमारी ड्यूटी पर अब्सेंट थी। सिविल सर्जन के द्वारा अनुपस्थिति पणजी देखने पर कुंती कुमारी का लगातार ड्यूटी पर नहीं रहने का अब्सेंट रजिस्टर पर पाया गया। इस पर सिविल सर्जन ने जांच के बाद विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया।इसके बाद सिविल सर्जन के द्वारा असरगंज थाना मोड़, कमरांय सहित अन्य स्वास्थ्य वीर का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने संतुष्ट पाया। इस दौरान सिविल सर्जन ने बताया कि श्रावणी मेले के अवसर पर जो मुंगेर जिला प्रशासन के द्वारा कमरिया की स्वास्थ्य का ध्यान में रखते हुए प्रत्येक 2 किलोमीटर पर स्वास्थ शिविर लगाया गया है। इस स्वास्थ्य वीर में 24 ×7 स्वास्थ्य कर्मियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। कार्य में किसी प्रकार की कोताही ना हो इसे लेकर आज देर रात औचक निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने 1 माह तक चलने वाले श्रावणी मेला के बारे में बताया कि श्रावणी मेला के दौरान लगातार स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों द्वारा जांच किया जा रहा है इसी क्रम में आज हम अपने से जांच करने के लिए निकले। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को हिदायत देते हुए कहा कि कार्य के दौरान जो भी स्वास्थ्य कर्मी लापरवाही बरतेंगे उन्हें किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन के द्वारा सभी शिविर में स्वास्थ्य कर्मियों से समस्या के बारे में भी अवगत हुए। कर्मचारियों द्वारा सिविल में बिजली कट जाने पर अंधकार रहने की बात कही गई साथ ही बारिश होने पर ऊपर से पानी टपकने की शिकायत की गई। सिविल सर्जन ने बताया कर्मचारियों की समस्या से जिलाधिकारी को अवगत कराया जाएगा।

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Double workload on doctors in Surat’civil hospital

Double workload on doctors in Surat’s civil hospital, 12 regis in pediatric department. Shortage of doctors, 7 nursing staff, 250-300 children are being recruited every month

25.07.2022
सिविल अस्पातल के पीडियाट्रिक विभाग में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की संख्या में इजाफा नहीं हो रहा है। इससे डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पर काम का बोझ बढ़ रहा है। पीडियाट्रिक विभाग में हर महीने 250 से 300 बच्चे भर्ती हो रहे हैं। वहीं इलाज के लिए 12 डॉक्टर ही हैं। इसी तरह मात्र 7 नर्सिंग स्टाफ हैं।पीडियाट्रिक विभाग के प्रमुख का कहना है कि 12 रेजिडेंट डॉक्टर और 7 से 8 नर्सिंग स्टाफ से ही काम चलाया जा रहा है। रेजिडेंट डॉक्टरों पर काम का दोगुना बोझ आ गया है। मौजूदा डॉक्टरों को 7 जगहों पर मरीजों को देखना पड़ रहा है। इस समय पीडियाट्रिक विभाग के वार्ड और आईसीयू को 50 से 60 बच्चे भर्ती हैं। ओपीडी में भी रोज 5 से 6 बच्चे इलाज के लिए आ रहे हैं।विभाग में 12 रेजिडेंट डॉक्टरों की कमी बताई जा रही है। अगले साल नया एडमिशन होगा तो रेजिडेंट डॉक्टर आ जाएंगे। नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की कोशिश की जा रही है। मात्र 7 नर्सिंग स्टाफ हैं। अभी 7 से 8 और नर्सिंग स्टाफ की जरूरत है।

पीडियाट्रिक विभाग में अभी 7 से 8 और नर्सिंग स्टाफ की है जरूरत

डॉक्टर संगीता प्रजापति ने बताया कि डॉक्टरों को एनआईसीयू, कोरोना बिल्डिंग, ट्रॉमा सेंटर, पीआईसीयू, ओपीडी और अन्य 2 वार्ड में ड्यूटी करनी पड़ रही है। मौजूदा 12 डॉक्टरों को राउंड द क्लॉक मरीजों का इलाज करने इन सातों विभाग में राउंड लगाना पड़ता है। इससे उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके साथ ही नर्सिंग स्टाफ की भी कमी है। हर 3 से 4 बच्चे पर 1 नर्सिंग स्टाफ होना चाहिए, पर 7 ही हैं। अभी 7 से 8 और नर्सिंग स्टाफ की जरूरत है।

पीडियाट्रिक विभाग के डॉक्टरों को 7 विभागों में इलाज के लिए आना-जाना पड़ता है
पीडियाट्रिक विभाग में अब भी 12 रेजिडेंट डॉक्टरों की कमी है। कोरोना से एडमिशन रुक गया था। एक बैच नहीं आ पाया। इससे सिविल के पीडियाट्रिक विभाग में डॉक्टर की कमी हो गई है। डॉक्टरों पर दोगुना बोझ पड़ रहा है। -डॉ. संगीता प्रजापति, प्रमुख, पीडियाट्रिक विभाग

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A health seminar was organised in surat

Health Seminar in Surat, Dr. Anirudh said that it is necessary to identify the paralysis, it can be avoided

सिटीलाइट स्थित अग्रसेन भवन में रविवार को जीवन आदर्श उत्कर्ष परिषद एवं अग्रवाल विकास ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में 33वें हेल्थ सेमिनार का आयोजन किया गया। जीवन आदर्श उत्कर्ष परिषद के संस्थापक श्रीकान्त मूंदड़ा, बिनय अग्रवाल, अतुल बांगड़ और निर्मलेश आर्य ने बताया कि इस कार्यक्रम में डॉ. अनिरुद्ध आप्टे द्वारा लकवा ( पैरालाइसिस) और मिर्गी के बारे में मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि लकवा को पहचानना जरूरी है। समय से इलाज करवा जाए तो इससे बचा जा सकता है।उन्होंने बताया कि हमारे ब्रेन का वजन 1.25 किग्रा होता है। यह शरीर का 20% ब्लड लेता है। ब्रेन में 3 मिनट से ज्यादा अगर ब्लड व ऑक्सीजन की सप्लाई न हो तो यह क्षतिग्रस्त हो सकता है। ब्रेन की ब्लड सप्लाई दो तरीके से रुक सकती है, पहला ब्लड की पाइप में कचरा आना तथा दूसरा पाइप फट जाना। ब्रेन हेमरेज का कारण ब्लड प्रेशर व डायबिटीज है। इन दोनों पर कंट्रोल जरूरी है।

70 प्रतिशत मिर्गी रोगी रेगुलर इलाज के बाद ठीक हो जाते हैं

उन्होंने कहा कि समाज में यह भ्रांति है कि मिर्गी वाला रोगी नाकाम होता है, ऐसा कुछ नहीं है। तीन साल के रेगुलर मेडिसिन से 70 प्रतिशत तक मिर्गी के रोगी ठीक हो जाते है। मात्र 30% मरीज को ही लंबी दवा चलती है।

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DR.RK GUPTA honored for service to the society

Honor ceremony in Dumra: Dr. RK Gupta honored for service to the society

जिले के प्रसिद्ध चर्म रोग विशेषज्ञ व आयुष्मान भारत फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरके. गुप्ता को मोतिहारी जिले के अरेराज में राम अशीष देव ऋषि जी के पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया है। समाजसेवा के क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहने और मुफ्त चिकित्सा सेवा को लेकर देश के कई राज्यों में शिविर लगाकर नि:शुल्क सेवा देने को लेकर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व स्वतंत्रता सेनानी बृज बाबू की ओर से इन्हें शॉल ओढ़ाकर, बुके एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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Lady doctor suicide in indore.

The junior doctor of MY Hospital, Indore committed suicide, wrote in the note I love you mom and dad, I am lost in life…

25.07.2022
इंदौर में एमवाय अस्पताल की एक जूनियर डॉक्टर ने जिंदगी से हारकर सुसाइड कर लिया। वह तीन साल से एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के साथ इंटर्नशिप भी कर रही थी। मौके से सुसाइड नोट मिला है। इसमें उसने जिंदगी से हारने की बात लिखी है। साथ ही आई लव यू मम्पी-पापा भी लिखा है। दोस्तों के मुताबिक वह कई दिनों से डिप्रेशन में थी। वह मूल रूप से जबलपुर के नजदीक लखनादौन (सिवनी) की रहने वाली थी।TI तहजीब काजी के मुताबिक एमवाय अस्पताल से सूचना मिली थी कि डॉ. अपूर्वा पुत्री सुदर्शन गुलानी को बेसुध हालत में उनके साथी रविवार सुबह सवा नौ बजे के लगभग एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। अपूर्वा जावरा कंपाउड स्थित जेडी गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी। वह मूल रूप से सिवनी के आजाद वार्ड नंबर दो राम मंदिर के पास की रहने वाली थी।

पिता जबलपुर में वकील
अपूर्वा के पिता जबलपुर में वकील हैं। इसके साथ ही वह खेती किसानी का काम करते हैं। छोटा भाई भी कॉलेज की पढ़ाई के साथ परिवार के काम में हाथ बंटाता है। उसके हॉस्टल के कमरे से एनेस्थिसिया व अन्य ड्रग के इंजेक्शन मिले हैं। संभवत: ओवर डोज के चलते उसकी मौत हुई है।

8 बजे ड्यूटी पर पहुंचना था कॉल रिसीव नहीं किया
पुलिस को मिली जानकारी में सामने आया है कि 8 बजे अपूर्वा की इमरजेंसी में ड्यूटी थी। लेकिन वह ड्यूटी पर नहीं पहुंची थी। इसके चलते उसके साथी उसे लगातार कॉल कर रहे थे। पर वह रिसीव नहीं कर रही थी। काफी देर हो जाने पर साथी हॉस्टल में पहुंचे। यहां अपूर्वा बिस्तर पर बेसुध पड़ी थी।

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NHM bhopal released bumper recruitment

National Health Mission (NHM) Bhopal has released bumper recruitment for 37 District Quality Monitor, Hospital Superintendent and Deputy Director IT

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने अस्पतालों में क्वालिटी सर्विस को सुधारने के लिए अब संविदा जिला क्वालिटी मॉनिटर की भर्ती शुरू की है। प्रदेश के करीब 37 जिला अस्पतालों में इनकी नियुक्ति की जाएगी। ये संविदा क्वालिटी मॉनिटर जिले भर के अस्पतालों में गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी करेंगे। एनएचएम ने इसकी भर्ती शुरू की है। इसके साथ ही स्किल लैब में 5 प्रशिक्षक मेडिकल ऑफीसर, एक डिप्टी डायरेक्टर आईटी की भर्ती निकाली है।

इन पदों पर निकली भर्तियां

पद का नाम खाली पद शैक्षणिक योग्यता वेतन
संविदा जिला क्वालिटी मॉनिटर 37 डेंटल, आयुष में ग्रेजुएट, हॉस्पिटल मैनेजमेंट, हेल्थ केयर मैनेजमेंट/पब्लिक हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन डिग्री 40 हजार रूपए प्रतिमाह
प्रशिक्षक मेडिकल ऑफीसर (स्किल लैब) 5 NHM मप्र में संविदा मेडिकल ऑफीसर के तौर पर दो साल OBGY/Pedia विभाग में काम करने का अनुभव। 66 हजार रूपए प्रतिमाह
डिप्टी डायरेक्टर (IT) 1 इलेक्ट्रॉनिक, कम्प्यूटर साइंस,इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन, इन्फाॅर्मेशन टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएट प्रतिनियुक्ति में वर्तमान पद के अनुसार
संविदा में रिटायर अधिकारी को अंतिम वेतन के आधार पर स्वीकृत पेंशन को कम करने के बाद बाकी राशि वेतन के रूप में मिलेगी।
संविदा अस्पताल अधीक्षक 1
हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेश्​​​​​​न में पीजी, डिप्लोमा धारी डॉक्टर
आर्मी और अन्य केन्द्रीय विभागों के रिटायर अधिकारी जिन्हें अस्पताल प्रशासन का अनुभव हो

1 से सवा लाख रूप

भर्ती के नियम और शर्तें जानने के लिए पद नाम पर क्लिक करें

संविदा जिला क्वालिटी मॉनिटर – ऑनलाइन आवेदन की लिंक 28 जुलाई से ओपन होगी। 30 अगस्त तक आवेदन कर सकेंगे।

प्रशिक्षक मेडिकल ऑफीसर (स्किल लैब) – जिलों के सीएमएओ इन अर्हताओं को पूरी करने वाले 3-3 संविदा मेडिकल ऑफीसर्स की लिस्ट 25 जुलाई तक एनएचएम को भेजेंगे।

डिप्टी डायरेक्टर (IT) – अंतिम तिथि- 10 अगस्त 2022

संविदा अस्पताल अधीक्षक – अंतिम तिथि- 16 अगस्त 2022

भोपाल के काटजू अस्पताल में अधीक्षक की होगी संविदा नियुक्ति

राजधानी भोपाल के न्यू मार्केट इलाके में एक साल पहले बनकर तैयार हुए काटजू अस्पताल में अब तक मरीज भर्ती होने शुरु नहीं हो पाए हैं। इस अस्पताल के अधीक्षक का प्रभार सीएमएचओ को दिया गया है। एनएचएम ने काटजू अस्पताल के अधीक्षक के लिए भर्ती निकाली है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट,हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में पीजी डिग्री, डिप्लोमा धारी डॉक्टर प्रतिनियुक्ति पर आने के लिए पात्र होंगे। इसके अलावा आर्मी और केन्द्रीय विभागों से राजपत्रित श्रेणी के रिटायर अफसर जिनके पास अस्पताल प्रबंधन का अनुभव है। वे काटजू अस्पताल में अधीक्षक के लिए आवेदन कर सकेंगे। प्रतिनियुक्ति के लिए आयु 50 साल और रिटायर अफसरों के लिए आयुसीमा 65 साल तक तय की गई है। वेतन के तौर पर प्रतिमाह एक लाख से सवा लाख रूपए तक दिए जाएंगे।

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Good job of jhunjhunu’BDK hospital doctor couple

On the birth of a daughter in Jhunjhunu’s BDK Hospital, the doctor couple planted 200 saplings, got the award of eco-friendly hospital

22.07.2022
बेटी के जन्म पर डॉक्टर दंपती ने पौधारोपण किया है। झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में दंपती ने 200 से अधिक पौधे लगाए। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीषा चौधरी व अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ संजय फांडी ने बेटी धुर्विका व सनाया के जन्म पर दशोटन शोठण के समय वर्षा ऋतु में पौधारोपण का सकंल्प लिया था।अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ संजय फांडी ने बताया कि बेटी के जन्म के उपलक्ष में पौधारोपण के संकल्प को पूरा करने के लिए जिले के बीडीके अस्पताल में पौधारोपण किया है। 21 हजार की लागत से उच्च क्वालिटी के 200 पौधे लगाए हैं। वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जितेन्द्र भाम्बू ने बताया कि बीडीके अस्पताल को प्रदेश स्तर पर ईकोफ्रेंडली अस्पताल के अवार्ड से नवाजा जा चुका है। पिछले साल 3 हजार पौधे लगाए गए थे।पीएमओ डॉ वीडी बाजिया ने बताया कि चिकित्सक दंपती का बेटी के जन्म पर पौधारोपण करना अच्छा कदम है। पौधारोपण में पीएमओ डॉ वीडी बाजिया, डॉ जितेन्द्र भाम्बू, डॉ सिद्धार्थ शर्मा, डॉ रजनीश माथुर, डॉ संदीप नेमीवाल, डॉ मनीषा चौधरी, डॉ संजय फांडी, डॉ नावेद अखतर, डॉ राजेश डूडी, डॉ द्विवेश सैनी,नर्सिंग अधीक्षक किशनलाल दर्जी, मुकेश मीणा, राजेन्द्र यादव,राजकुमार, अंतरसिंह एवं नर्सिंग विद्यार्थियों ने सघन पौधारोपण में श्रमदान किया। मौजूद स्टाफ ने पौधों के संरक्षण की शपथ ली गई।

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