Double workload on doctors in Surat’s civil hospital, 12 regis in pediatric department. Shortage of doctors, 7 nursing staff, 250-300 children are being recruited every month

25.07.2022
सिविल अस्पातल के पीडियाट्रिक विभाग में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की संख्या में इजाफा नहीं हो रहा है। इससे डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पर काम का बोझ बढ़ रहा है। पीडियाट्रिक विभाग में हर महीने 250 से 300 बच्चे भर्ती हो रहे हैं। वहीं इलाज के लिए 12 डॉक्टर ही हैं। इसी तरह मात्र 7 नर्सिंग स्टाफ हैं।पीडियाट्रिक विभाग के प्रमुख का कहना है कि 12 रेजिडेंट डॉक्टर और 7 से 8 नर्सिंग स्टाफ से ही काम चलाया जा रहा है। रेजिडेंट डॉक्टरों पर काम का दोगुना बोझ आ गया है। मौजूदा डॉक्टरों को 7 जगहों पर मरीजों को देखना पड़ रहा है। इस समय पीडियाट्रिक विभाग के वार्ड और आईसीयू को 50 से 60 बच्चे भर्ती हैं। ओपीडी में भी रोज 5 से 6 बच्चे इलाज के लिए आ रहे हैं।विभाग में 12 रेजिडेंट डॉक्टरों की कमी बताई जा रही है। अगले साल नया एडमिशन होगा तो रेजिडेंट डॉक्टर आ जाएंगे। नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की कोशिश की जा रही है। मात्र 7 नर्सिंग स्टाफ हैं। अभी 7 से 8 और नर्सिंग स्टाफ की जरूरत है।

पीडियाट्रिक विभाग में अभी 7 से 8 और नर्सिंग स्टाफ की है जरूरत

डॉक्टर संगीता प्रजापति ने बताया कि डॉक्टरों को एनआईसीयू, कोरोना बिल्डिंग, ट्रॉमा सेंटर, पीआईसीयू, ओपीडी और अन्य 2 वार्ड में ड्यूटी करनी पड़ रही है। मौजूदा 12 डॉक्टरों को राउंड द क्लॉक मरीजों का इलाज करने इन सातों विभाग में राउंड लगाना पड़ता है। इससे उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके साथ ही नर्सिंग स्टाफ की भी कमी है। हर 3 से 4 बच्चे पर 1 नर्सिंग स्टाफ होना चाहिए, पर 7 ही हैं। अभी 7 से 8 और नर्सिंग स्टाफ की जरूरत है।

पीडियाट्रिक विभाग के डॉक्टरों को 7 विभागों में इलाज के लिए आना-जाना पड़ता है
पीडियाट्रिक विभाग में अब भी 12 रेजिडेंट डॉक्टरों की कमी है। कोरोना से एडमिशन रुक गया था। एक बैच नहीं आ पाया। इससे सिविल के पीडियाट्रिक विभाग में डॉक्टर की कमी हो गई है। डॉक्टरों पर दोगुना बोझ पड़ रहा है। -डॉ. संगीता प्रजापति, प्रमुख, पीडियाट्रिक विभाग

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