Health Seminar in Surat, Dr. Anirudh said that it is necessary to identify the paralysis, it can be avoided

सिटीलाइट स्थित अग्रसेन भवन में रविवार को जीवन आदर्श उत्कर्ष परिषद एवं अग्रवाल विकास ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में 33वें हेल्थ सेमिनार का आयोजन किया गया। जीवन आदर्श उत्कर्ष परिषद के संस्थापक श्रीकान्त मूंदड़ा, बिनय अग्रवाल, अतुल बांगड़ और निर्मलेश आर्य ने बताया कि इस कार्यक्रम में डॉ. अनिरुद्ध आप्टे द्वारा लकवा ( पैरालाइसिस) और मिर्गी के बारे में मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि लकवा को पहचानना जरूरी है। समय से इलाज करवा जाए तो इससे बचा जा सकता है।उन्होंने बताया कि हमारे ब्रेन का वजन 1.25 किग्रा होता है। यह शरीर का 20% ब्लड लेता है। ब्रेन में 3 मिनट से ज्यादा अगर ब्लड व ऑक्सीजन की सप्लाई न हो तो यह क्षतिग्रस्त हो सकता है। ब्रेन की ब्लड सप्लाई दो तरीके से रुक सकती है, पहला ब्लड की पाइप में कचरा आना तथा दूसरा पाइप फट जाना। ब्रेन हेमरेज का कारण ब्लड प्रेशर व डायबिटीज है। इन दोनों पर कंट्रोल जरूरी है।

70 प्रतिशत मिर्गी रोगी रेगुलर इलाज के बाद ठीक हो जाते हैं

उन्होंने कहा कि समाज में यह भ्रांति है कि मिर्गी वाला रोगी नाकाम होता है, ऐसा कुछ नहीं है। तीन साल के रेगुलर मेडिसिन से 70 प्रतिशत तक मिर्गी के रोगी ठीक हो जाते है। मात्र 30% मरीज को ही लंबी दवा चलती है।

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