Those who have made excellent contribution in the field of blood donation will be honored on World Blood Donor Day in Patna.

11.06.2022
14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस पर स्वैच्छिक रक्तदान से जुड़े लोगों, रक्त केन्द्रों एवं रक्तदान शिविर आयोजकों को उनके उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए एक अप्रैल 2021 से 30 अप्रैल 2022 की अवधि में चार बार स्वैच्छिक रक्तदान करने वाले पुरुष और तीन बार रक्तदान करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही वित्तीय वर्ष 2021-22 में अधिकतम स्वैच्छिक रक्तदान शिविर लगाने वाली संस्थाओं को भी पटना में सम्मानित किया जाएगा।स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इसके लिए सभी संस्थाओं को प्रति शिविर कम से कम 30 रक्त ईकाई संग्रहित करने का प्रमाण होना जरूरी है। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2021-22 में थैलेसिमिया मरीजों के लिए रक्त ईकाई उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं को भी स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इसी दिन दो रक्त संग्रहण अधिकोष चलंत बस, क्रमशः जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल, भागलपुर एवं श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल, मुजफ्फरपुर के लिए स्वास्थ्य मंत्री द्वारा हरी झंडी दिखायी जायेगी। प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचालित ब्लड बैंकों में वित्तीय वर्ष 2021-2022 में कुल एक लाख 64 हजार 368 यूनिट रक्त का संग्रहित किया गया। इसके लिए विभाग की ओर से पूरे साल भर में 811 शिविर लगाए गए। प्रदेश में अबतक कुल छह हजार 743 पंजीकृत रक्तदाता कार्ड बनाए गए हैं। प्रदेश में कुल 103 ब्लड बैंक क्रियाशील है, जिसमें 43 सरकारी तथा छह रेड क्रॉस समर्थित एवं 54 अन्य ब्लड बैंक कार्यरत हैं। सभी ब्लड बैंकों को ऑनलाइन कर दिया गया है, ताकि ऐसे रक्त केंन्द्रों से रक्त एवं रक्त अवयव की उपलब्धता की जानकारी ई-रक्तकोष एप से प्राप्त किया जा सके।मंगल पांडेय ने कहा कि 12 जिलों में 33 बल्ड सेपरेशन यूनिट लगाये गये हैं। पटना में 16, मुजफ्फरपुर में तीन, पूर्णिया में तीन, दरभंगा में दो, नालंदा में दो एवं भागलपुर, कटिहार, किशनगज, मधुबनी, रोहतास, सीतामढ़ी और मुंगेर में एक-एक बल्ड सेपरेशन यूनिट लगाये गये हैं। बल्ड सेपरेशन यूनिट लगाकर लोगों को सहजता से प्लेटलेट्स, प्लाजमा एवं रेड ब्लड सेल अलग-अलग उपलब्ध हो सके, इसकी व्यवस्था की जा रही है। आने वाले समय में सभी जिलों में इसकी व्यवस्था करायी जायेगी। ऐसे में ब्लड बैंकों में रक्त की पर्याप्त उपलब्धता कई मरीजों के लिए जीवनदायनी साबित होगी।

During the operation in Patna’s All India Institute of Medical Sciences (AIIMS), cotton was left in the stomach of the female doctor, creating a ruckus

11.06.2022
पटना. राजधानी पटना स्थित एम्स अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान मरीज के पेट में रुई छोड़ने का मामला सामने आया है। ऑपरेशन के नौ माह बाद टांका टूटने और दर्द होने के बाद अल्ट्रा साउंड जांच कराई तो पेट के अंदर रुई होने की बात सामने आई। इसके बाद पीड़ित मरीज के परिजनों ने शुक्रवार को अस्पताल के प्रसूति रोग विभाग में हंगामा किया। विभागाध्यक्ष पर लापरवाही बरतने और मरीज की जान से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से फुलवारी थाने में लिखित आवेदन दिया गया है। सूचना पर फुलवारीशरीफ थानाध्यक्ष एकरार अहमद पहुंचे। किसी तरह समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया।मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित महिला पूजा कुमारी दानापुर इलाके की सगुना मोड़ की रहने वाली है। वह अनुमंडलीय अस्पताल मसौढ़ी में मेडिकल ऑफिसर है। बताया कि 14 सितंबर 2021 को पटना एम्स में ऑपरेशन से डिलीवरी हुई थी। एचओडी सह डीन डॉ. हिमाली व उनकी टीम ने डिलीवरी कराई थी। ऑपरेशन के 15 दिनों बाद टांका पक गया तो एम्स दिखाने आयी। इसपर डॉ. हिमानी ने फटकार लगाते हुए कहा कि लापरवाही की वजह से टांका पक गया।अब जब परेशानी बढ़ी व पेट में दर्द रहने लगा और लगातार ब्लीडिंग की शिकायत होने पर 8 माह बाद अल्ट्रा साउंड कराया। पेट में 5.6 सेमी की रुई मिली। एम्स पहुंच इसकी जानकारी डॉक्टर को दी तो यहां भी अल्ट्रा साउंड हुआ तो उसकी रिपोर्ट में भी पेट में रुई मिली। जांच रिपोर्ट में पेशाब के रास्ते और बच्चेदानी के बीच में जख्म जैसा बन गया है। पूजा कुमारी ने फुलवारी थाने में शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है। एम्स प्रशासन से भी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इसकी शिकायत मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से करने की भी चेतावनी दी है।

After 3 months in Patna, four corona infected were found

11.06.2022
पटना में चार संक्रमित मिले हैं,बाकी मरीज सुपौल, मालदा ,कटिहार ,जमुई गोपालगंज, सीतामढ़ी में मिले हैं,उन सभी 6 जिलों से एक-एक मरीज मिला है सबसे अधिक मरीज पटना में ही मिल रहे हैं। राज्य में अब एक्टिव मरीजों की संख्या 77 और पटना में 51 है। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) व एम्स में 3 महीने के बाद कोरोना के एक-एक मरीजों को भर्ती कराया गया है। एम्स में पटना के रहने वाले मरीज को भर्ती कराया। नोडल ऑफिसर संजीव कुमार ने बताया कि मरीज को सांस लेने में तकलीफ थी,वही पीसीएमएच में भर्ती मरीज की उम्र 40 साल की है, उसकी छाती में संक्रमण के बाद उसे भर्ती कराया गया है, वह भी पटना का रहने वाला है। वैसे अभी जो संक्रमित मिल रहे हैं वह घर में ही इलाज करवा रहे हैं और ठीक होते जा रहे हैं। आईजी आईजीएमएस और एनएमसीएच में भी कोरोना के मरीजों के इलाज की व्यवस्था रखी गई है।हालांकि बेड़ों की संख्या कम कर दी गई है। यहां भी कोरोना के मरीज भर्ती नहीं है, वही पीएमसीएच में कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू ,वेंटीलेटर समेत 36 बेड की व्यवस्था की है।

The woman gave birth to a child weighing 4.5 kg in Bhopal’s Sultania Hospital by normal delivery.

11.06.2022
सुल्तानिया अस्पताल में शुक्रवार को एक महिला ने साढ़े चार किलो के बच्चे को जन्म दिया। खास बात यह है कि डिलीवरी नार्मल हुई है। सामान्य तौर पर गर्भस्थ बच्चे का वजन चार किलो या उससे अधिक होने पर डिलीवरी सिजेरियन होती है। लेकिन, सुल्तानिया अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने काफी मशक्कत के बाद सामान्य से अधिक वजन होने के बावजूद सुरक्षित और नॉर्मल डिलीवरी कराई।गौहरगंज निवासी महिला को पहले से तीन बेटियां हैं, यह चौथी डिलीवरी थी। डिलीवरी कराने वाली डॉक्टर की टीम में डॉ. सोमलीना रॉय, डॉ. अवनि और डॉ. कीर्ति शामिल थीं। डिलीवरी के बाद मां और नवजात बेटा दोनों स्वस्थ हैं

Relief to newborn deprived of mother’s milk in Jodhpur; Mother Milk Bank proved to be a boon, 10 pregnant women donated milk

11.06.2022
एक नवजात के पैदा होने के 15 मिनट बाद ही अपने साथ पैदा हुई जुड़वा बहन को खो दिया और इसके बाद मां भी ब्लीडिंग नहीं रुकने की वजह से चल बसीं। जब जन्म दात्री और दूध पिलाने वाली मां ही नहीं रही तो नवजात की भी जान पर बन आई। इसकी जानकारी जब मदर मिल्क बैंक को मिली तो उन्होंने तुरंत अपनी टीम को उमेद अस्पताल के लिए रवाना कर दिया। वहां पर टीम ने प्रसूताओं को बहन और मां को खो कर जिंदगी मौत से जूझते नवजात व के लिए मदर मिल्क की आवश्यकता बताई। इस पर 10 प्रसूताओं अपने बच्चों के साथ साथ इस नवजात को भी दुग्धदान की सहमति दी। इन 10 मां के दुग्ध दान की वजह से नवजात भी काल को मात देकर किलकारियों तक लौट आया।

In view of Yoga Day in Bhopal, camps are being set up for yoga practice.

08.06.2022
आगामी 21 जून को आयोजित होने वाले 8वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी शुरू हो गई है। इसको लेकर जिले में जगह जगह प्रोटोकाल में शामिल आसन व योग को लोगों को करवाया जा रहा है ताकि बड़ी संख्या में योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में लोग भाग ले सके। योग के लिए अभियान चला रही संस्थाएं इसको लेकर सचेत हो गई।योग दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में कुछ चयनित योगाभ्यास ही किए जाए है। जिसमें ग्रीवा चालन, सकंध चालन, घुटना चालन, ताड़ासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन, अर्थचक्रासन, पादहस्तासन, भद्रासन, वज्रासन, शशांकासन, उत्तानमंदूक आसन, वक्रासन, भुजंगासन, मकरासन, शलभासन, उत्तानपदासान, पवन मुक्तासन, सेतूबंध आसन, अर्ध हलासन, कपालभाती, अनुलोम विलोम, शीतली, भ्रामरी प्राणायाम व ध्यान का अभ्यास करवाया।

Corona cases rising in Kerala and Maharashtra

03.06.2022
यूं तो देखा जा रहा है कि कोरोना अब लगभग थम सा गया है परंतु अभी भी देश में ऐसी जगह हैं जहां कोरोना के मामलों में निरंतर इजाफा होता हुआ नजर आ रहा है,जिसमें केरल और महाराष्ट्र की स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि इन राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों का ग्राफ सबसे ऊंचा नजर आ रहा है, केरल में 1197 तो महाराष्ट्र में 1081 के सामने आए हैं। यह स्थिति काफी डराने योग्य है, वहीं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि कोरोना के केस में बढ़ते रहे तो फेस मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य किया जा सकता है।

People in Surat involved many organizations in the blindness free campaign of Drishti Eye Bank

03.06.2022
ट्रस्ट द्वारा सूरत में आंख बचाओ अभियान चलाया जा रहा है जिसमें आंखों की देखभाल व आंख एक अमूल्य रत्न है इसके संक्षिप्त में लोगों को जागरूक किया गया। आंख बचाओ अभियान की जानकारी देते हुए डॉक्टर शिरोया ने कहा कि सभी मनुष्यों का अनमोल रतन है जिसकी हमें निरंतर देखभाल करती रहनी चाहिए। संस्था द्वारा यह अभियान 21 दिन तक संचालन किया जाना है, जिसमें लोगों को नेत्र निदान मोतियाबिंद सर्जरी, चश्मे का वितरण, जरूरतमंदों को मुफ्त दवाएं वितरित किए जाएंगे।

Dainik Bhaskar’s fraudulent journalism in New Delhi, defaming doctors for creating sensation

02.06.2022
दिल्ली में किडनी रैकेट के गोरखधंधे को पुलिस ने बेनकाब किया है, यह रैकेट सोशल मीडिया के माध्यम से चलाया जा रहा था। सोशल मीडिया पर किडनी डोनर्स के नाम से अलग-अलग पेज बनाए गए थे। उन पर जो लोग संपर्क करते, उनकी आर्थिक स्थिति का पता लगा, उनका ब्रेनवाश कर रुपयों का लालच देकर किडनी देने को तैयार किया जाता था। यह गोरख धंधा एक गैंग द्वारा चलाया जा रहा था और इस गैंग का मास्टरमाइंड सुनील रोहिल्ला जिसे दैनिक भास्कर के पत्रकार ने अखबार में बिना तथ्यों के हेडिंग में डॉक्टर लिखा और यह और भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण है कि उसके नाम के आगे डॉक्टर लगाया है और ब्रेकेट में झोलाछाप लिखा है। ऐसी पत्रकारिता बिल्कुल ही गलत है जिसमें डॉक्टरों को ऐसे गोरखधंधे से जोड़ा गया है।

In Patna, the officials of State Organ Tissue Transplant made people aware, tell the benefits of donating the organs of a dead person or a brain dead patient.

02.06.2022
पटना में आम लोगों को जागरूक करते हुए अंगदान कैसे होता है, क्यों होता है, यह किस उम्र में किया जा सकता है, इन सब के बारे में जानकारी देते हुए स्टेट ऑर्गन टिश्यू ट्रांसप्लांट के चेयरमैन डॉक्टर मनीष मंडल व नोडल अधिकारी डॉक्टर मनोज कुमार ने बताया कि अंगदान से हम किसी को जीवन प्रदान कर सकते हैं। अंगदान करने से किसीका कोई नुकसान नहीं होता, इन अंगों को बर्बाद(अंतिम संस्कार के दौरान जला देने से) इसका क्या फायदा? जबकि इससे किसी मरीज की जान बचाई जा सकती है। इसके लिए कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से ऑनलाइन   www.organindia.org   पर या ऑफलाइन फॉर्म 7 भर सकता है।