Apex Hospital Jaipur saved the life of a young patient by using the technique of EXMO (Extracorporeal Membrane Oxygenation)

02.06.2022
जयपुर। पल्मनोलॉजिस्ट डॉक्टर विजयंत सोलंकी और क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉक्टर अमित मेहता के संयुक्त निर्देशन में डॉक्टरों ने एक्मो (एक्स्ट्रा कॉरपोरियल मेमरेन ऑक्सिजनेशन) तकनीक का इस्तेमाल कर एक नव युवा को मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया है, नव युवा की एक्सीडेंट के दौरान सभी पसलियां टूट चुकी थी। फेफड़ों समेत कई अन्य ऑर्गन भी डैमेज हो चुके थे। कई अस्पतालों में सफलता नहीं मिलने के बाद में मरीज के परिजन उसे जयपुर मालवीय नगर स्थित अपेक्स हॉस्पिटल लेकर आए, जहां उसे एक्मो तकनीक पर ट्रांसफर किया गया ,जिससे उसकी हालत में सकारात्मक परिवर्तन आए एवं फेफड़ों ने भी काम करना शुरू कर दिया, 1 महीने के निरंतर प्रयास के बाद में अब मरीज की हालत में काफी सुधार नजर आ रहा है और वह ठीक महसूस कर रहा है।

Efforts by doctors in Bhopal to eradicate leprosy from the root

01.06.2022
बीते 5 सालों में भोपाल में कुष्ठ रोग के बहुत से केस पाए गए हैं, जो की चिंता का विषय बना हुआ है। डॉक्टरों के कुष्ठ रोग को जड़ से मिटाने के निरंतर प्रयास जारी है। डॉक्टरों ने बताया कि कुष्ठ रोगकुष्ठ रोग एक पुरानी संक्रामक बीमारी है जो एक बेसिलस, माइकोबैक्टीरियम लेप्राई के कारण होती है। एम लेप्री धीरे-धीरे गुणा करता है और रोग की ऊष्मायन अवधि औसतन 5 वर्ष है। लक्षण 1 वर्ष के भीतर हो सकते हैं लेकिन इसमें 20 वर्ष या उससे भी अधिक समय लग सकता है।

Doctors at Delhi’s AIIMS start collecting samples of patients to conduct research on Multiple Sclerosis (MS)

01.06.2022
नई दिल्ली। एम्स में डॉक्टरों ने बहुविध ऊतक दृढ़न (मल्टीपल ,स्केलेरोसिस, एमएस) के शोध करने के लिए सैंपल एकत्र करने शुरू कर दिए हैं। यह एक तरह कि मस्तिष्क और मेरुरज्जु की विकृति है, जिसमें तंत्रिका कोशिका प्रणाली पर धब्बा पड़ने के कारण तंत्रिकाओं के क्रिया-कलापों में कमी आ जाती है। इससे बहुत-से मरीजों में लकवे के विभिन्न चरणों के लक्षण दिखाई देते हैं। डॉक्टरों ने कहा कि भारत का पर्यावरण, लोगों का शरीर, उसकी बनावट और परिस्थितियां यूरोप और अन्य पश्चिमी देशों से अलग है। ऐसे में इस मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित मरीजों के आंकड़े एकत्र कर हम यहां के मरीजों और परिस्थितियों के आधार पर शोध कर नवीन जानकारी हासिल कर पाएंगे।

Organized a nationwide conference of Unani doctors from June 4 in Jaipur

01.6.2022
इस सम्मेलन का आयोजन ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस (एआईयूटीसी) राजस्थान इकाई द्वारा किया जा रहा है, जिसमें देश भर से यूनानी चिकित्सकों की आने की संभावना है, इस सम्मेलन का मकसद यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में बढ़ती हुई चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीति तैयार करने वह संस्था की ओर से चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देना है। सम्मेलन का आयोजन होटल Aacro पैलेस जयपुर में होना है।

Lack of milk centers in Jaipur, 3 milk centers active including two government

01.06.2022
जयपुर। जयपुर में मिल्क सैंटरो की कमी देखने को मिली है। मिल्क सेंटर नवजात शिशुओं के जीवनदान के लिए बेहद जरूरी है, मां का दूध नवजातों के लिए किसी जीवन घुट्टी से कम नहीं है। कोविड-19 में डोनर्स की संख्या में भी कमी देखी गई थी, परंतु अब जागरूकता व काउंसलिंग कार्यक्रमों से मिल्क बैंकों में 35 से 40 फ़ीसदी रजिस्ट्रेशंस बड़े हैं। डॉ रमेश चौधरी (इंचार्ज जोनल रेफरेंस सेंटर) का कहना है कि अधिक से अधिक शिशुओं तक मदर्स मिल्क पहुंचे, इसलिए टीम लगातार माताओं को जागरूक करने में लगी हुई है।

Doctors focus more on plastic surgery in Surat

31.5.2022
डॉक्टरों में सुपर स्पेशलिटी के लिए प्लास्टिक सर्जरी पहली पसंद नजर आ रही है, जबकि पुल्मोनरी मेडिसिन में सुपर स्पेशलिस्ट करने वाले डॉक्टरों की संख्या ना के बराबर है।राज्य में एक्यूट रेस्पिरेट्री इंफेक्शन के मामले हर साल बढ़ रहे हैं, फिर भी पुल्मोनरी में सुपर स्पेशलिटी करने में इंटरेस्टेड नहीं है। डॉक्टर इस बीमारी का सुपर स्पेशलिस्ट कोर्स करने को पसंद नहीं कर रहे हैं। आंकड़ों की माने तो एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के 2020 में 5 लाख केस पाए गए जो 2021 में बढ़कर 7 हो गए। आंकड़ों को देखते हुए इतनी बड़ी संख्या में ऐसे मरीजों का आना और इस कोर्स में डॉक्टरों का इंटरेस्ट नहीं लेना काफी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पैदा कर सकता है, जिससे आने वाले समय में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। प्लास्टिक सर्जरी डॉक्टरों की पहली पसंद नजर आ रही है जिसमें वह अपने करियर को आगे लेना ले जाना चाहते हैं। एक्यूट रेस्पिरेट्री इंफेक्शन जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए डॉक्टरों की भारी गिरावट दर्ज हुई है क्योंकि डॉक्टर इस सुपर स्पेशलिटी कोर्स में इंटरेस्ट नहीं ले रहे हैं।

Server down till evening due to technical fault, patients and their families were troubled for hours

31.5.2022
सूरत। सिविल अस्पताल में लोगों को हुई परेशानी, तकनीकी खराबी की वजह से सर्वर शाम तक डाउन रहे। केस विंडो पर मरीजों व उनके परिजनों की कतारें लगी रही , कर्मचारियों द्वारा मैनुअली केस पेपर बनाने की व्यवस्था करनी पड़ी, इससे लोगों का काफी टाइम व्यर्थ हो गया तथा वह घंटों लाइन में लगे रहे व अपनी बारी का इंतजार करते रहे। तकनीकी खराबी की वजह से अस्पताल में भी अस्त-व्यस्त का माहौल बन गया ना केवल मरीज परंतु कर्मचारी भी परेशान दिखे, ऐसे में डॉक्टरों द्वारा तत्परता दिखाते हुए मरीजों का तुरंत इलाज किया गया जिससे कि बाद में बैठे हुए मरीजों को इंतजार ना करना पड़े और वह जल्द से जल्द अपना इलाज सुनिश्चित कर लें।

Slow pace of Ayushman Bharat health account, little hospital and health worker registered

31-05-2022

भारत सरकार द्वारा समय-समय पर नई-नई योजनाओं का आयोजन होता रहता है, जिसमें आमजन को फायदा पहुंचाने के ऊपर कार्य किए गए होते हैं। ऐसी ही एक योजना है जिसका नाम है आयुष्मान डिजिटल योजना जिसके अंतर्गत लोगों को गंभीर बीमारियों का इलाज करवाने की राशि में सहूलियत प्रदान होगी वह उन्हें इसका लाभ मिलेगा। इस योजना की शुरुआत हाल ही में हुई है, यह बिल्कुल स्वैच्छिक है, इसमें आमजन अपनी मर्जी से जुड़ सकते है। आने वाले समय में आम जनता के साथ साथ अस्पतालों व हेल्थ वर्कर्स को भी इससे जुड़ने के लिए जागरूक किया जाएगा।
आमजन इस अकाउंट को ऑनलाइन भी बना सकते हैं, उसके लिए उन्हें एबीडीएम की वेबसाइट(www.abdm.gov.in)ayushman Bharat digital mission पर जाना होगा। वहां पर क्रिएट एबीएच नंबर पर क्लिक करना होगा, इसके बाद आधार या ड्राइविंग ऑप्शन पर क्लिक करना होगा,जिसमें आपको अपना आधार व ड्राइविंग लाइसेंस नंबर अंकित करना होगा,उसके बाद रजिस्टर्ड नंबर पर एक ओटीपी आएगा, ओटीपी अंकित करने के बाद मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी अंकित करना होगा,इसके बाद आपको एबीडीएम का एक ईमेल क्रिएट करना होगा, क्रिएट करते ही आपका अकाउंट बन जाएगा

Relief by Delhi government to children who lost their parents in covid-19

31.5.2022
नई दिल्ली। कोविड-19 में अपने माता पिता को खो चुके बच्चों को सरकार द्वारा हर महीने 4 हजार की राशि दी जाएगी व 23 साल का होने पर 10 लाख एकमुश्त राशि दी जाएगी और साथ में आयुष्मान कार्ड से स्वास्थ्य बीमा व संवाद हेल्पलाइन से भावनात्मक परामर्श मिलेगा,जिससे कि वह अपना भरण-पोषण कर सके और किसी पर निर्भर ना रहे हैं।

New facility of Satyasai Hospital in Raipur, if there is a hole in the heart of the fetus, both treatment and delivery are free

रायपुर। सत्यसाईं अस्पताल‌ की नई सुविधा तारीफ के योग्य है, जिसमें गर्भस्थ शिशु के दिल की बीमारी का पता चलने के बाद डिलीवरी व उसका इलाज दोनों फ्री में होगा, वही मां व बच्चा हजार दिन तक अस्पताल के निगरानी में रहेंगे। इस तरह का डिलीवरी व शिशु के इलाज की सुविधा वाला यह पहला अस्पताल है, जो पूर्ण रूप से सुसज्जित व सुविधाओं से परिपूर्ण है। डॉक्टरों और अस्पताल ट्रस्ट का कहना है कि यह अस्पताल बच्चों व महिलाओं को पूर्ण समर्पित है, मां और शिशु की देखभाल के लिए यहां देशभर से कोई भी आ सकता है और फ्री में सुविधाओं का लाभ उठा सकता है, इसलिए यहां कोई भी कैश काउंटर नहीं है।