Posts

Recruitment process for medical officer in jaipur

64 patients of corona were found in Jaipur.

A middle-aged, 7-year-old girl molested in the women’s washroom of Sawai Mansingh Hospital (SMS), Jaipur.

18.06.2022
राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल में सात साल की मासूम के साथ अधेड़ ने छेड़छाड़ कर दी।आरोपी बच्ची के पीछे-पीछे अस्पताल की वॉशरूम में घुस गया।जानकारी के अनुसार छेड़छाड़ का मामला गुरुवार का है। धौलपुर का रहने वाला परिवार एसएमएस अस्पताल आया था। उनके साथ उनकी सात साल की बच्ची भी थी। अस्पताल में बच्ची के नाना को आर्टिफिशियल पैर लगाया जाना था। बच्ची के पिता उसके नाना को डॉक्टर को दिखाने के लिए उनके कैबिन में ले गए थे। बच्ची अपनी मां और भतीजे के साथ बैठी हुई थी। इस दौरान बच्ची और भतीजा दोनों वॉशरूम चले गए।मासूम जैसे ही महिला वॉशरूम में घुसने लगी तो एक अधेड़ व्यक्ति भी अंदर चला गया और उसे पकड़ लिया। बच्ची के जोर से चिल्लाने की आवाज सुनकर महिलाएं उस ओर भागी। यह देखकर आरोपी उसे छोड़कर फरार हो गया। इसके बाद मासूम अपनी मां के पास पहुंची और घटना के बारे में बताया। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अस्पताल सहित आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालने रही है।

Members of All India Mobile Retailer Association (Emra) organized a blood donation camp on the first death anniversary of their beloved leader Bhavesh Solanki in Jaipur.

18.06.2022
ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर एसोसिएशन (एमरा )के सदस्यों ने अपने प्रिय लीडर भावेश सोलंकी की प्रथम पुण्यतिथि पर रक्तदान शिविर लगाया। जिसमें बहुत से रक्तवीरों ने हिस्सा लिया। मौके पर जिले के मोबाइल दुकानदार कंपनी के अधिकारी ब्रांड के डिस्ट्रीब्यूटर उनके इंप्लाइज फाइनेंस कंपनियां सभी लोगों ने बढ़-चढ़कर रक्तदान शिविर में हिस्सा लिया। सुबह 9:30 बजे से ही लोग शिविर की तैयारियों में लगते दिखाई दिए मोबाइल व्यापारियों में गजब का उत्साह देखने को मिला ।सभी मोबाइल व्यापारी हर साल इसी दिन 17 जून को महा रक्तदान कर स्वर्गीय भावेश सोलंकी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। शिविर का शुभारंभ एमएलसी अशोक कुमार अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर के आरम्भ किया। जयपुर में 584 यूनिट और अजमेर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर सहित पूरे प्रदेश से करीब 2052 यूनिट ब्लड एकत्र किया गया। इस दौरान कैलाश लखियानी, अरविंदर सिंह, विभूति प्रसाद ,दीपक शर्मा आदि मौजूद रहे।

Fire broke out due to short circuit while changing cylinder in oxygen plant located outside Gangauri Hospital premises in Jaipur.

16.06.2022
राजधानी जयपुर के गणगौरी अस्पताल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब सिलेंडर बदलते समय ऑक्सीजन प्लांट में आग लग गई,ऑक्सीजन सिलेंडर बदल रहा कर्मचारी भागकर ऑक्सीजन प्लांट से बाहर आ गया। वहीं, अस्पताल में आग की सूचना से मरीज और उनके परिचितों में अफरातफरी मच गई। सूचना पर सिविल डिफेंस और पुलिस मौके पर पहुंची और महज 15 मिनट में आग पर काबू पा लिया गया। हालांकि, गनीमत यह रही की आगजनी के चलते कोई भी हताहत नहीं हुआ।आग लगने की वजह से अस्पताल में दस मिनट तक ऑक्सीजन की सप्लाई रोकनी पड़ी।अधीक्षक डॉ. लिनेश्वर हर्ष, फायर ब्रिगेड और सिविल डिफेंस टीम मौके पर पहुंची।फायर बिग्रेड की टीम ने कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया। उधर आग लगने से दस मिनट तक अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई रोकनी पड़ी। हालांकि, उस दौरान मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की वैकल्पिक व्यवस्था की गई, जिसके चलते किसी भी मरीज को परेशानी नहीं उठानी पड़ी।

Free medicines available under CM Free Medicine Scheme in Sawai Mansingh Hospital (SMS) of Jaipur, patients are not getting it.

16.06.2022
मरीजों को लगता है कि अगर राज्य सरकार ने सभी दवाएं मुफ्त कर दी हैं, तो उन्हें एसएमएस अस्पतालों में मिलनी चाहिए, लेकिन अस्पताल में शायद ही कोई ऐसा मरीज आया हो जिसने कहा हो कि उसे सारी दवाएं मिल गई हैं।एसएमएस अस्पताल के आउट पेशेंट विभाग (ओपीडी) में रोजाना 10,000 मरीज आते हैं। अस्पताल में अक्सर 30% -40% दवाओं की कमी होती है।वहीं अलवर जिले के थानागाजी के 17 वर्षीय मरीज राकेश कुमार सैनी को जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के मूत्र रोग विशेषज्ञ ने दवाएं दीं। घंटों लाइन में लगने के बाद जब वह अस्पताल में दवा वितरण केंद्र की खिड़की पर मुफ्त दवा लेने पहुंचे तो बताया गया कि एक दवा उपलब्ध नहीं है।सीकर जिले के श्रीमाधोपुर की 23 वर्षीय थायरॉयड रोगी फूलराम यादव ने कहा कि उन्हें भी अस्पताल के डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवा नहीं मिली।

National Eligibility cum Entrance Test-Super Specialty (NEET SS) cut off marks to be reduced in Jaipur

16.06.2022
स्वास्थ्य मंत्रालय ने नीट एसएस की खाली सीटों को भरने के लिए एक और माप-अप राउंड का आयोजन करने के लिए सहमति प्रदान कर चुका है। नीट एसएस की कटऑफ को भी कम किया जाएगा। इस साल सुपर स्पेशलिटी की काउंसलिंग पूरी होने के बाद भी सरकारी संस्थानों में करीब 930 सीटें खाली रह गई थी। इस संबंध में मंत्रालय में नेशनल मेडिकल कमीशन को पत्र भी लिखा है। दरअसल, नीट एसएस की अधिक कटऑफ के कारण सभी सीटें नहीं भर पाई थी। कटऑफ कम करने की मांग डॉक्टर कर रहे थे। इसके बाद मंत्रालय को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा।

Jaipur’s largest Sawai Mansingh (SMS) Medical College will get a new principal after 3 years, 40 applications have been received for this.

16.06.2022
प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस मेडिकल कॉलेज काे 3 साल बाद नया प्रिंसिपल मिलेगा, जिसका काउंटडाउन शुरू हो चुका है। इसके लिए 40 आवेदन आए हैं, जिनमें जयपुर के अलावा अजमेर, बीकानेर और उदयपुर के डॉक्टर भी शामिल हैं। इंटरव्यू 23 जून को हाेंगे। एसएमएस मेडिकल कॉलेज से दो दर्जन, बीकानेर 8, अजमेर 3 उदयपुर के 1 वरिष्ठ चिकित्सक ने प्राचार्य पद के लिए फार्म भरा है। योग्यता के आधार पर 3 आवेदन रिजेक्ट किए गए हैं।एसएमएस प्रिंसिपल के लिए निकाले गए भर्ती विज्ञापन में ऐसे कॉलेज का जिक्र किया गया है जो कि पूरे प्रदेश में नहीं है। आवेदन में लिखा गया-राजस्थान के राजकीय मेडिकल कॉलेज, जयपुर में प्रधानाचार्य व नियंत्रक, संलग्न चिकित्सालय समूह के पद पर नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाते हैं। अब सवाल यह कि जब राजकीय मेडिकल कॉलेज एसएमएस है तो उसका सीधे तौर पर नाम क्यों नहीं लिखा गया

In a research conducted at Jaipur’s Women’s Hospital Sanganeri Gate and Janana Hospital Chandpol, a team of doctors administered umbilical cord blood to 168 critically ill newborns soon after birth, increased blood levels in 4 months, gave life

13.06.2022
कोख में बच्चे को नाभि के जरिए मां से जोड़ने वाली गर्भनाल को शिशु के जन्म के बाद काटकर फेंक दिया जाता है लेकिन चिकित्सा विज्ञान में हुए नए शोध के आधार पर गर्भनाल का खून नवजात के लिए संजीवनी साबित हो रहा है। जयपुर के महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट और जनाना अस्पताल चांदपोल में हुए शोध में जन्म के तुरन्त बाद 168 नवजात को गर्भनाल का खून चढ़ाया गया। चार माह बाद डॉक्टरों की टीम के शोध में खुलासा हुआ कि बच्चे में खून की कमी नहीं हुई।गंभीर हालत में भी बच्चे को आईसीयू में या ऑक्सीजन पर नहीं लेना पड़ा। साइड इफेक्ट भी नहीं मिला। टीम में डॉ. सुनील गोठवाल, डॉ. कैलाश मीणा, डॉ. आनंद कुमावत, डॉ. विवेक अडवानी शामिल रहे। यह शोध राष्ट्रीय स्तर के जर्नल ऑफ पेरिनेटोलोजी में अप्रेल-2022 में प्रकाशित हुआ है।