अस्पताल बना अखाड़ा, भड़के डॉक्टर तो भागे एसडीएम : पूरी कहानी

उत्तराखंड के काशीपुर शहर के राजकीय एलडी भट्ट चिकित्सालय में 6 फरवरी को सुबह एसडीएम हिमांशु खुराना (IAS) ने औचक निरीक्षण किया । बताया जा रहा है कि हड्डी वार्ड में कुछ मरीजों ने शिकायत करी कि उनसे कुछ दवाइयां और रूई बाहर से मंगवाई गयी हैं, एसडीएम खुराना इन मरीजों से जानकारी ले ही रही थे, इसी बीच हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विकास गहलोत भी वहीँ पुरुष वार्ड में पहुँच गए, एसडीएम ने डॉ. विकास को वार्ड से बाहर जाने को बोला तो डॉ. ने मना किया तब एसडीएम ने यह कहते हुए कि यह “चोर” हैं, अपने गार्ड से बाहर निकलवा दिया । फिर एसडीएम वहां से अस्पताल प्रभारी की कुर्सी पर जाकर जम गए और उनसे कुछ बात करने लगे, इधर अस्पताल के समस्त चिकित्सक भड़क गए और उसी कक्ष में पहुंचकर विरोध दर्ज करवाने लगे, ओपीडी बंद कर दी गई, बढ़ता विरोध देकर एसडीएम ने वहां से निकलने में ही अपनी भलाई समझी और वे उठकर जाने लगे पर सभी चिकित्सक उनके पीछे पड़ गए, डॉ. विकास बार बार उनसे पूछते रहे कि उन्हें चोर कैसे कहा गया, साथ ही वो मामला सुलटाये जाने बाबत भी कह रहे थे । डॉ. विकास इस घटना को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड भी कर रहे थे, इसी बीच एसडीएम ने उनके मोबाइल पर गुस्से में झपट्टा भी मारा । अस्पताल से बाहर आकर फिर बहस होने लगी, एसडीएम किसी अनहोनी कि आशंका में बार बार क्रोधित डॉक्टरों को पीछे भी कर रहे थे, डॉ. विकास ने कहा कि जब अस्पताल में जो दवाई या रूई है ही नहीं तो इसके लिए वो चोर कैसे हुआ, इसमें प्रशासन की जवाबदेही है कि वो सामान उपलब्ध करवाए, चोर कहना बिलकुल गलत है इसके लिए एसडीएम को माफ़ी मांगनी चाहिए, इसी बीच एक महिला चिकित्सक ने कहा कि नई उम्र में एसडीएम बन गए हो इसका यह मतलब थोड़े ही है कि डॉक्टर को तुम चोर बता दोगे, जब एसडीएम से जवाब देते नहीं बना वे तैश में धमकाने लगे कि “सबके सब नपेंगे” , इस पर और विरोध हुआ तो वे तेजी से वहां से निकल लिए ।

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