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Jaipur’s Sawai Mansingh Hospital (SMS) got one crore Rubina 3D laparoscope machine, now it will be easy to identify the cancer node

10.06.2022
एसएमएस अस्पताल में पित्त की नली में गंभीर चोट और सेंटीनल लिम्फ नोड की पहचान और इलाज के लिए 1 करोड़ रुपए की ‘रुबीना 3 डी 4के विथ आईसीजी इमेज लेप्रोस्कोप’ मशीन लगाई गई है। इस 3डी मशीन में अच्छे रेजोल्यूशन से आंत और किसी भी तरह के कैंसर का ऑपरेशन आसान हो जाएगा, वहीं समय भी 15-20 मिनट कम हो जाएगा। इसके अलावा, आंत्र सर्जरी में रक्त की आपूर्ति देखी जा सकती है।इंडो साइनस ग्रीन (ICG) मोड पर कैमरा बटन दबाते ही लीवर गॉलब्लैडर स्क्रीन पर हरा दिखाई देगा।एसएमएस अस्पताल के सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मांडिया का कहना है कि देश में जम्मू-कश्मीर, बैंगलोर और एम्स जोधपुर के बाद एसएमएस अस्पताल में ऐसा आधुनिक लैप्रोस्कोप उपकरण लगाया गया है। एसएमएस अस्पताल में जटिल पित्त नली और पित्ताशय की थैली की सर्जरी अधिक आसानी से की जा सकती है। हर दिन 8 से 10 मरीज पित्त नली और पित्ताशय की थैली की सर्जरी करवा रहे हैं। इस मशीन की खासियत यह है कि 2डी मशीन से भी तस्वीर साफ होगी। इस तरह किसी भी बीमारी के प्रभावित हिस्से को आसानी से पहचाना जा सकता है।

Government’s insensitive decision, 16 types of over the counter (OTC) medicines will now be available without a doctor’s prescription in Jaipur

06.06.2022
देखा जाए तो सरकार के ऐसे फैसले काफी गलत हैं,बुखार, खांसी, नेजल स्प्रे, घाव,फंगल इन्फेक्शन, मसूड़ों की सूजन,कील-मुंहासे जैसी 16 तरह की बीमारियां कम नहीं है, इन जैसी बीमारियों के लिए डॉक्टरी सलाह का होना बेहद जरूरी है, परंतु दुर्भाग्य है कि अब से मरीजों को बिना डॉक्टर की पर्ची के ही इन बीमारियों की दवाएं मेडिकल स्टोर पर आराम से मिल जाएंगी । यह सारी दवाएं ओवर द काउंटर यानी ओटीसी दवाएं कहलाई जाती हैं, जिन्हें फार्मासिस्ट बिना डॉक्टर की पर्ची के ही बेच सकेंगे, लेकिन ओटीसी कैटेगरी के लिए शर्तों की पालना करनी पड़ेगी। इसमें ओरल डिहाइड्रेशन सॉल्यूशन को शामिल नहीं किया गया है। केन्द्र सरकार की सलाहकार समिति ड्रग्स टेक्निकल एडवायजरी बोर्ड (डीटीएबी) नई दिल्ली ओटीसी दवाओं के लिए मंजूरी दे दी है। इसके बाद में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से मसौदा तैयार कर लिया गया है।

जुलाई तक, राजस्थान को सीएचसी में 100 प्राथमिक आघात देखभाल इकाइयों की उम्मीद है

04.06.2022
Jaipur: On Wednesday, officials from the transportation department announced that 100 primary trauma stabilization units were being established in community health centers around the state to provide better services to accident victims.These units are being built on areas where there have been no road accidents in the past.Officials said the aim is to stabilize an injured victim with initial care and then transfer to a higher center if needed.As part of a capacity building initiative, 100 community health centers around the state are being developed, where doctors and nursing staff will be certified on how to provide initial healthcare services to trauma victims.In 70 centres, infrastructure projects have already been completed, and the remaining work will be completed by July, according to Nidhi Singh, joint commissioner for road safety with the state transportation department.According to official reports, seven trauma units have been established in Ajmer district, four in Bhilwara and Nagaur each, two in Tonk, eight in Alwar, two in Dausa, three in Jaipur rural area, three in Jaipur rural district, three in Banswara, one in Pratapgarh, Rajasamand, three in Sikar, three in Kota, one in Jaisalmer, three in Sawai Madhopur Each year, the road safety cell aims to train 360 employees, including doctors and nurses, with 30 participants in each session.Equipment such as a trauma care crash cart, laryngoscope, ambu bag, pulmo aid (nebulizer), sterilizer, glucometer, Thomas splint, multi para monitor, patient stretcher trolleys, digital thermometers, ECG machine three channel, radiology high frequency x-ray machines, etc.

Sawai Mansingh Hospital Jaipur, the first choice of outside states for treatment

04.06.2022
जयपुर का सवाई मान सिंह अस्पताल देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार है. मरीजों के इलाज के मामले में जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों का कोई सानी नहीं है। इस कॉलेज से जुड़े 10 सरकारी अस्पतालों ने पिछले 1 साल में 60 लाख से अधिक रोगियों को उपचार दिया है। इस अवधि में लगभग 2.65 लाख मेजर-माइनर ऑपरेशन किए हैं। यानी यह कॉलेज देश में तो सिरमौर बना ही, दुनिया में सरकारी सेटअप वाले उन मेडिकल कॉलेजों में भी शुमार हो गया, जहां सर्वाधिक मरीज आते हैं। सस्ते व क्वालिटी इलाज एवं कैंसर, हृदय, न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, सर्जरी, मेडिसिन, नेफ्रोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी, ट्रोमा सेंटर में विश्वस्तरीय उपचार,बोनमैरो ट्रांसप्लांट इन जैसी सभी सुविधाओं की वजह से एसएमएस लोगों की पहली पसंद बन गया है।

Organized a nationwide conference of Unani doctors from June 4 in Jaipur

01.6.2022
इस सम्मेलन का आयोजन ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस (एआईयूटीसी) राजस्थान इकाई द्वारा किया जा रहा है, जिसमें देश भर से यूनानी चिकित्सकों की आने की संभावना है, इस सम्मेलन का मकसद यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में बढ़ती हुई चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीति तैयार करने वह संस्था की ओर से चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देना है। सम्मेलन का आयोजन होटल Aacro पैलेस जयपुर में होना है।

Lack of milk centers in Jaipur, 3 milk centers active including two government

01.06.2022
जयपुर। जयपुर में मिल्क सैंटरो की कमी देखने को मिली है। मिल्क सेंटर नवजात शिशुओं के जीवनदान के लिए बेहद जरूरी है, मां का दूध नवजातों के लिए किसी जीवन घुट्टी से कम नहीं है। कोविड-19 में डोनर्स की संख्या में भी कमी देखी गई थी, परंतु अब जागरूकता व काउंसलिंग कार्यक्रमों से मिल्क बैंकों में 35 से 40 फ़ीसदी रजिस्ट्रेशंस बड़े हैं। डॉ रमेश चौधरी (इंचार्ज जोनल रेफरेंस सेंटर) का कहना है कि अधिक से अधिक शिशुओं तक मदर्स मिल्क पहुंचे, इसलिए टीम लगातार माताओं को जागरूक करने में लगी हुई है।

Medical workers accuse the doctor of misbehavior

डॉ. अमिता कश्यप का SIHFW Rajasthan के निदेशक पद पर कार्यकाल पूर्ण, लौटी मेडिकल कॉलेज

राजमेडिकोन 2019 : चिकित्सक संगम, आयोजन और विवाद, पूरी कहानी

राजस्थान : डॉ. शर्मा बने अतिरिक्त निदेशक (राजपत्रित)