A case of deteriorating health and death during treatment after injecting a newborn in Sultania Hospital, Bhopal

16.06.2022
राजधानी के सुल्तानिया अस्पताल में जन्मे एक नवजात की कमला नेहरू अस्पताल में मंगलवार को इलाज के दौरान मौत हो गई है। इस मामले में परिजनों ने सुल्तानिया अस्पताल के स्टाफ पर नवजात के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि नवजात को बुखार होने के बावजूद नर्सिंग स्टाफ ने टीका लगा दिया। इसके बाद बच्चे की हालत बिगड़ गई। फिलहाल प्रसूता आयशा अली को स्वजनों ने नवजात की मौत की खबर नहीं दी है, क्योंकि बच्चा आपरेशन से पैदा हुआ था। प्रसूता फिलहाल सुल्तानिया में ही भर्ती है। उसकी हालत न बिगड़ जाए, इसलिए उसे जानकारी नहीं दी है बल्कि यह बताया है कि नवजात कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज चल रहा है।बाग फरहत अफजा निवासी 21 वर्षीय आयशा अली को डिलीवरी के लिए 10 जून को सुल्तानिया महिला अस्पताल में भर्ती किया था। 13 जून को सुबह 11 बजे सिजेरियन डिलीवरी हुई और आयशा ने बेटे को जन्म दिया था। आयशा के पति अनस अली ने आरोप लगाया है कि 14 जून की सुबह डाक्टर राउंड पर आई तो उन्होंने बच्चे को हल्का बुखार बताया था। थोड़ी देर बाद नर्सिंग स्टाफ ने टीके लगाने की बात कही। आयशा ने उनसे कहा कि बच्चे को बुखार है तो अभी टीके नहीं लगाएं। फिर भी स्टाफ तीन इंजेक्शन लगाकर चली गईं। इसके कुछ देर बाद ही नवजात के शरीर की त्वचा नीली पड़ने लगी थी। गंभीर हालत को देखते हुए उसे मंगलवार को ही कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां इलाज के कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई थी। आयशा की पहली बेटी है। इस बार उसके घर बेटे का जन्म हुआ था। इस मामले में डाक्टरों का कहना है कि टीका लगने से मौत नहीं हो सकती। मौत की वजह कुछ और हो सकती है।

Action will be taken against 18 hospitals who do fraud under the guise of Ayushman Bharat scheme in Bhopal

16.06.2022
आयुष्मान योजना में इम्पैनल प्रायवेट हॉस्पिटल्स में चल रहे फर्जीवाडे़ को पकड़ने के लिए स्टेट हेल्थ एजेंसी की अलग-अलग 20 टीमों ने भोपाल के करीब 47 निजी अस्पतालों पर छापामार कार्रवाई की थी। मंगलवार देर रात तक चली कार्रवाई के दौरान SHA द्वारा बनाई गई डॉक्टरों की टीमों ने करीब 18 अस्पतालों में फर्जीवाड़ा पकड़ा है। अब इन अस्पतालों की आयुष्मान योजना से संबद्वता खत्म करने, पैसे की रिकवरी और पंजीयन खत्म करने जैसी कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।लोटस अस्पताल जनरल मेडिसिन स्पेशलिटी सस्पेंड। पेनाल्टी भी।2. नवजीवन अस्पताल योजना से बाहर 3.अनंतश्री अस्पताल योजना से बाहर 4. अपेक्स अस्पताल योजना से बाहर 5. आयुष्मान भारत अस्पताल योजना से बाहर 6. गुरु आशीष अस्पताल योजना से बाहर 7. पीबीजीएम अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर योजना से बाहर 8. आयुष्मान अस्पताल योजना से बाहर 9. आरआर अस्पताल जनरल मेडिसिन स्पेशलिटी सस्पेंड। पेनाल्टी भी। 10.नवोदय कैंसर अस्पताल जनरल मेडिसिन स्पेशलिटी सस्पेंड। पेनाल्टी भी। 11.नवोदय हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर जनरल मेडिसिन स्पेशलिटी सस्पेंड। पेनाल्टी भी। 12. भोपाल मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल योजना से बाहर 13. राजदीप अस्पताल योजना से बाहर 14. किशनानी अस्पताल योजना से बाहर 15.सर्वोत्तम अस्पताल जनरल मेडिसिन स्पेशलिटी सस्पेंड। पेनाल्टी भी। 16.आधार हास्पिटल मल्टी स्पेशलिटी यूनिट योजना से बाहर 17. जीवनश्री अस्पताल योजना से बाहर 18.वीसीएच हास्पिटल योजना से बाहर

Tap connection in 9580 health centers of Rajasthan, first place in the country

16.06.2022
प्रदेश में 9,580 हैढल्थ सेंटर्स पर नल कनेक्शन देकर राजस्थान देश में पहले स्थान पर है। जल जीवन मिशन के बाद 86,217 स्कूलों में से 60,772 यानी करीब 68 फीसदी स्कूलों में भी नल कनेक्शन दिए हैं। स्कूलों को नल कनेक्शन के मामले में राजस्थान पांचवें स्थान पर है। जल जीवन मिशन में अब तक 31,208 आंगनबाड़ी को नल कनेक्शन से जोड़ा जा चुका है।जल जीवन मिशन में 26.30 लाख घरों में नल कनेक्शन दिए हैं। जलदाय मंत्री महेश जोशी ने बताया कि सर्वाधिक 10,438 विद्यालय उदयपुर रीजन के छह जिलों में नल कनेक्शन से जोड़े गए हैं। उदयपुर रीजन के छह जिलों में 4324 आंगनबाड़ी नल कनेक्शन से जोड़ी जा चुकी हैं।जलदाय मंत्री महेश जोशी ने बताया कि प्रदेश में जल जीवन मिशन से दो महीने में एक लाख 6 हजार 97 जल कनेक्शन हुए है। इनमें 78 हजार कनेक्शन छोटी पेयजल परियोजनाओं और 28 हजार कनेक्शन बड़ी पेयजल परियोजनाओं से दिए हैं।केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के बारे में विस्तृत दिशा-निर्देश दिसम्बर 2019 में जारी किए थे। मिशन से अभी तक राजस्थान में 14.56 लाख परिवारों को जल कनेक्शन दिए गए हैं।

Fire broke out due to short circuit while changing cylinder in oxygen plant located outside Gangauri Hospital premises in Jaipur.

16.06.2022
राजधानी जयपुर के गणगौरी अस्पताल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब सिलेंडर बदलते समय ऑक्सीजन प्लांट में आग लग गई,ऑक्सीजन सिलेंडर बदल रहा कर्मचारी भागकर ऑक्सीजन प्लांट से बाहर आ गया। वहीं, अस्पताल में आग की सूचना से मरीज और उनके परिचितों में अफरातफरी मच गई। सूचना पर सिविल डिफेंस और पुलिस मौके पर पहुंची और महज 15 मिनट में आग पर काबू पा लिया गया। हालांकि, गनीमत यह रही की आगजनी के चलते कोई भी हताहत नहीं हुआ।आग लगने की वजह से अस्पताल में दस मिनट तक ऑक्सीजन की सप्लाई रोकनी पड़ी।अधीक्षक डॉ. लिनेश्वर हर्ष, फायर ब्रिगेड और सिविल डिफेंस टीम मौके पर पहुंची।फायर बिग्रेड की टीम ने कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया। उधर आग लगने से दस मिनट तक अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई रोकनी पड़ी। हालांकि, उस दौरान मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की वैकल्पिक व्यवस्था की गई, जिसके चलते किसी भी मरीज को परेशानी नहीं उठानी पड़ी।

Free medicines available under CM Free Medicine Scheme in Sawai Mansingh Hospital (SMS) of Jaipur, patients are not getting it.

16.06.2022
मरीजों को लगता है कि अगर राज्य सरकार ने सभी दवाएं मुफ्त कर दी हैं, तो उन्हें एसएमएस अस्पतालों में मिलनी चाहिए, लेकिन अस्पताल में शायद ही कोई ऐसा मरीज आया हो जिसने कहा हो कि उसे सारी दवाएं मिल गई हैं।एसएमएस अस्पताल के आउट पेशेंट विभाग (ओपीडी) में रोजाना 10,000 मरीज आते हैं। अस्पताल में अक्सर 30% -40% दवाओं की कमी होती है।वहीं अलवर जिले के थानागाजी के 17 वर्षीय मरीज राकेश कुमार सैनी को जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के मूत्र रोग विशेषज्ञ ने दवाएं दीं। घंटों लाइन में लगने के बाद जब वह अस्पताल में दवा वितरण केंद्र की खिड़की पर मुफ्त दवा लेने पहुंचे तो बताया गया कि एक दवा उपलब्ध नहीं है।सीकर जिले के श्रीमाधोपुर की 23 वर्षीय थायरॉयड रोगी फूलराम यादव ने कहा कि उन्हें भी अस्पताल के डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवा नहीं मिली।

National Eligibility cum Entrance Test-Super Specialty (NEET SS) cut off marks to be reduced in Jaipur

16.06.2022
स्वास्थ्य मंत्रालय ने नीट एसएस की खाली सीटों को भरने के लिए एक और माप-अप राउंड का आयोजन करने के लिए सहमति प्रदान कर चुका है। नीट एसएस की कटऑफ को भी कम किया जाएगा। इस साल सुपर स्पेशलिटी की काउंसलिंग पूरी होने के बाद भी सरकारी संस्थानों में करीब 930 सीटें खाली रह गई थी। इस संबंध में मंत्रालय में नेशनल मेडिकल कमीशन को पत्र भी लिखा है। दरअसल, नीट एसएस की अधिक कटऑफ के कारण सभी सीटें नहीं भर पाई थी। कटऑफ कम करने की मांग डॉक्टर कर रहे थे। इसके बाद मंत्रालय को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा।

All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) Bhopal will conduct brain cancer and brain tumor operations with the help of gamma knife from next few months.

16.06.2022
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में अगले कुछ महीनों में दिमाग के कैंसर और और ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन गामा नाइफ की मदद से किए जाएंगे। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स में गामा नाइफ के लिए स्वीकृति दी है। इस सुविधा के शुरू होने से ब्रेन ट्यूमर के मरीजों को महीनों दर्द सहन नहीं करना पडे़गा। इस एडवांस तकनीक से होने वाली सर्जरी में मरीजों को जल्दी अस्पताल से छुट्‌टी मिल सकेगी। एम्स भोपाल मप्र में पहला और देश में छठवां ऐसा सरकारी चिकित्सा संस्थान होगा जहां इस अत्याधुनिक गामा नाइफ का उपयोग किया जाएगा।एम्स प्रबंधन की मानें तो करीब 85 करोड़ रूपए की लागत से गामा नाइफ मशीन खरीदी जाएगी। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से वित्तीय सहमति भी मिल गई है। इस मशीन से ऑपरेशन के बाद इन्फेक्शन रेडियस 0.01 प्रतिशत ही रह जाता है। इसमें ब्रेन की ट्रेडिंग वेन यानी खून ले जाने वाली शिरा को छेड़े बिना सीधे टयूमर के डीएनए को नष्ट किया जाएगा। इससे ब्रेन में ना सूजन आएगी। इस नाइफ से होने वाली सर्जरी में ना कोई घाव होगा ना ही मरीजों को ब्रेन हेमरेज का खतरा होगा। मरीज को अस्पताल से भी जल्दी छुट्‌टी मिल जाएगी।एम्स भोपाल की तरफ से केन्द्र सरकार को गामा नाइफ का प्रस्ताव 2019 में भेजा गया था। लेकिन कोरोना के संकट के कारण मामला अटक गया था। अब इसे मंजूरी मिली है। इससे पहले एम्स दिल्ली, सफदरजंग अस्पताल, पीजीआई चंढीगढ़ सहित अन्य अस्पतालों में गामा नाइफ की सुविधा है। इस मशीन के जरिए दिमाग के अंदरूनी हिस्से में भी छुपे कैंसर कारक ट्यूमर को खुद खोजता कर उसे खत्म कर देता है। गामा नाइफ से ब्रेन ट्यूमर, ब्रेन कैंसर, ट्रिगमाइनल न्यूरेलजिया (नस की बीमारी), एकोस्टिक न्यूरोमा (नस की बीमारी) जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज हो सकेगा।

Doctor surprised to see Rahul’s normal BP, pulse in hospital after removing Rahul who fell in borewell in Janjgir Champa, Chhattisgarh

16.06.2022
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल में फंसे राहुल को 106 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन बाद मंगलवार देर रात सुरक्षित निकाल लिया गया। रेस्क्यू के फौरन बाद उसे बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। राहुल शुक्रवार को दोपहर करीब 2 बजे 60 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था। प्रशासन, SDRF, NDRF और सेना ने इस ऑपरेशन को बिना रुके अंजाम दिया। ये देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन बताया जा रहा है। इससे पहले हरियाणा के कुरूक्षेत्र में 21 जुलाई 2006 को 50 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 5 साल के प्रिंस को 50 घंटे में बचाया गया था।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे। वो राहुल के परिजनों के संपर्क में थे। मंगलवार रात उन्होंने सोशल मीडिया पर रेस्क्यू ऑपरेशन कामयाब होने की जानकारी दी। CM ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान गड्‌ढे में एक सांप भी आ गया था। मगर खतरा टल गया। काफी लोग घटनास्थल के पास मौजूद थे।जैसे ही राहुल को बाहर निकाला गया जवानों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। लोगों ने रेस्क्यू टीम के लिए तालियां बजाईं और पटाखे चलाए। लोगों ने SDRF, NDRF और सेना के जवानों को गोद में उठा लिया।

Patna Health Minister Mangal Pandey inaugurated Cancer Prevention Drive (Free Health Checkup Camp and Uterine Cancer Vaccine Campaign) organized by Voluntary Organization Gulmohar Maitri

16.06.2022
कैंसर से लड़ाई को समाज का अभियान बनाना होगा। शुरुआती दौर में इसकी पहचान कर ली जाए तो जान बचाना आसान होता है। ये बातें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने स्वयंसेवी संस्था गुलमोहर मैत्री की ओर से आयोजित कैंसर प्रीवेंशन ड्राइव (निःशुल्क स्वास्थ्य जांच कैंप एवं गर्भाशय कैंसर टीका अभियान) के उद्घाटन के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में कहीं।बुधवार को आईएमए भवन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में श्री पांडेय ने कहा कि इस संस्थान की ओर से चलाए जा रहे अभियान में चार जिलों में गर्भाशय कैंसर से बचाव का टीका 50-50 बच्चियों को पटना, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी व सीवान में दिया जाएगा। इन सभी चारों जिलों में मेमोग्राफी जांच मशीन से युक्त कैंसर जांच का वैन भी जाएगा।श्री पांडेय ने कहा कि कैंसर की रोकथाम के लिए राज्य में स्वास्थ्य विभाग व टाटा मेमोरियल हास्पिटल मुंबई के साथ एक एमओयू साइन कर 14 जिलों में डिटेक्शन सेंटर स्थापित किया गया है। मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में इसकी जांच और प्रारंभिक इलाज भी जारी है।विधान परिषद में सत्तारुढ़ दल के उपनेता देवेश चंद्र ठाकुर, विधायक श्रेयसी सिंह, आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह, एनसीसी के बिहार व झारखंड के एडीजी इंद्रजीत बालानजी, रुबन हास्पिटल के निदेशक डॉ. सत्यजीत सिंह ने भी संबोधित किया। मौके पर एशियन हॉस्पिटल के मृत्युजंय, बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के डॉ. एन के गुप्ता भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। इसके पूर्व गुलमोहर मैत्री की सचिव मंजू सिन्हा ने सभी उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया।

For the first time, a camp was organized in the Government Hospital of Mount Abu on World Blood Donor Day, judge-lawyer and CI also reached to donate blood

15.06.2022
माउंट आबू शहर में विश्व रक्तदाता दिवस पर पहली बार सरकारी अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इसमें अपना ब्लड डोनेट करने के लिए शहरवासियों के साथ मजिस्ट्रेट व पुलिस के अधिकारी भी आगे आए। शहर के सरकारी अस्पताल में मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट व विधिक सेवा प्राधिकरण तालुका विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष प्रवीण कुमार चौहान समेत एडवोकेट, डीएसपी योगेश शर्मा, सीआई किशोर सिंह भाटी समेत अन्य कर्मचारियों की टीम भी सामने आई और रक्तदाता दिवस के अवसर पर ब्लड डोनेट किया। शिविर तालुका विधिक सेवा समिति और सरकारी अस्पताल के तत्वाधान में आयोजित हुआ, जहां 2 घंटे में 30 सदस्यों ने अपना रक्तदान किया और सरकारी अस्पताल में 30 यूनिट ब्लड दिया।इस मौके थानाधिकारी किशोर सिंह भाटी, सरकारी अस्पताल के प्रभारी अधिकारी लक्ष्मण मेडतवाल, डॉ. नवीन शर्मा, वरिष्ठ नर्सिंग प्रकाश, तालुका विधिक सेवा समिति के सचिव जेठाराम, एडवोकेट भूपेंद्रसिंह जैन, गौरव कौशिक, बद्रीलाल काबरा , गजेंद्र सिंह क्षेत्रीय वन अधिकारी, कृष्णा कुमार, भरत सिंह, सोहनलाल, नवीन कुमार रेलवे रिजर्वेशन काउंटर, पवन सिंह, भंवरलाल, सवाराम, दलपत सिंह, मोहन चौधरी, सरजीत सिंह, भारत सिंह, रामकुमार समेत सरकारी अधिकारी व कर्मचारी ने रक्त दान दिया।