Uproar in Bhopal government doctors meeting

राजधानी भोपाल में जुटे प्रदेश के सरकारी डॉक्टरों की बैठक में विवाद हो गया है। भोपाल के मानस भवन में मप्र मेडिकल ऑफीसर्स एसोसिएशन की साधारण सभा की बैठक में शामिल होने के लिए प्रदेश भर के डॉक्टरों को बुलाया गया था। लेकिन यहां बैठक में एसोसिएशन की राज्य इकाई के चुनाव की चर्चा शुरू हो गई। डॉक्टरों ने अलग- अलग गुटों के साथ अध्यक्ष बनने के लिए लॉबिंग शुरू कर दी। बैठक में अचानक चुनाव की तैयारी को देख डॉक्टर भड़क गए। बैठक के दौरान जमकर नारेबाजी हुई। अधिवेशन में दो हजार से ज्यादा डॉक्टर भोपाल पहुंचे हैं।

मंच से बोले डॉक्टर- हमें दमदार नेतृत्व चाहिए डरपोक नहीं

भोपाल के मानस भवन में आयोजित मप्र मेडकिल ऑफीसर्स एसोसिएशन के प्रांतीय अधिवेशन में मंच पर डॉक्टरों ने जमकर भड़ास निकाली। अलग-अलग जिलों से आए डॉक्टरों ने मंच से कहा हमें ऐसी लीडरशिप नहीं चाहिए जो संकट के समय डॉक्टरों का साथ छोड़कर राजनेताओं और अफसरों के दबाव में हमें ही दबाकर राजीनामा कराने लगे। दिन-रात अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों के लिए डटे रहने वाले डॉक्टर के साथ मारपीट या दुर्व्यवहार की घटनाएं हों या प्रशासन के मनमाने गलत आदेश। हमें आदेश मानने के लिए सहमत करने के बजाए दमदारी से सरकार और प्रशासन के सामने रखने का साहस करने वाला डॉक्टर हमारी लीडरशिप करें।

विभाग की मनमानी से नौकरी छोड़ रहे डॉक्टर

दमोह से आए डॉक्टर दिवाकर पटेल ने कहा कि हमारी एमपीएमए की जनरल बॉडी की मीटिंग के लिए बुलाया गया था। रही है। डॉक्टरों की कई समस्याएं हैं। अभी स्वास्थ्य विभाग पूर्व से कार्यरत डॉक्टरों को छोड़कर अपने जान-पहचान वाले नए डॉक्टरों को डायरेक्ट क्लास वन डॉक्टर बनाने के लिए 25 प्रतिशत सीधी भर्ती से उन्हें नौकरी में लाने का प्रयास कर रहा है। जबकि वर्तमान में कई विशेषज्ञ चिकित्सक प्रदेश भर में कार्यरत हैं। इन क्लास 2 मेडिकल ऑफीसर्स को प्रमोट किया जाए तो वे विशेषज्ञ के तौर पर काम कर सकते हैं। ऐसे ही कई मनमाने फैसले लिए जा रहे हैं। इससे डॉक्टर सरकारी नौकरी छोड़कर जा रहे हैं। इससे मरीजों का नुकसान हो रहा है।

बुलाया अधिवेशन में कराने लगे चुनाव

डॉ.दिवाकर पटेल ने कहा कि आज की जनरल बॉडी मीटिंग की पूर्व नियोजित प्रक्रिया में चुनाव का कोई प्रावधान नहीं था लेकिन यहां अचानक चुनाव की बात आने लगी। असंवैधानिक तरीके से चुनाव कराने की कोशिश हो रही है। इसका हम लोग विरोध कर रहे हैं। हम नहीं चाहते कि ऐसे लोग एसोसिएशन में पदों पर बिठाए जाएं जिनके नाम पहले से तय किए गए हों। चुनाव संवैधानिक तरीके से पूरी प्रक्रिया के साथ होने चाहिए।

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