Vein cut instead of knot in hospital, murder case

कालवाड़ थाना पुलिस ने इलाके के चिरायु अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया हैं। कोर्ट के आदेश पर डॉक्टर मनोज चौधरी के खिलाफ हत्या का केस किया गया। इस मामले की जांच सीआई कालवाड़ को दी गई है। जगदम्बा नगर झोटवाड़ा निवासी कृष्णकांत जांगिड थाने में रिपोर्ट देते हुए बताया कि उसकी 22 वर्षीय बहन निकिता जांगिड़ के बांए पैर की पिंडली में एक गांठ थी। ईलाज के लिए वह बहन को 26 अप्रैल को चिरायु अस्पताल लेकर गया। वहीं, इस मामले में डॉक्टर मनोज चौधरी का कहना है कि यह एफआईआर गलत तथ्यों के आधार पर दर्ज की गई है। मौत DIC नाम के कैंसर से हुई।पीड़ित ने बताया कि डॉक्टर मनोज चौधरी ने चैक करने के बाद कहा था कि यह सामान्य गांठ है। एक छोटा सा ऑपरेशन करके छुट्टी दे देंगे। उपचार के लिए एसएमएस के डॉक्टर दिनेश जिंदल आएंगे। जिस पर युवती को एडमिट कर लिया गया। 27 अप्रैल को बिना सर्जन डॉक्टर दिनेश जिंदल को बुलाए ही युवती का ऑपरेशन डॉक्टर मनोज चौधरी ने कर दिया। इस दौरान पैर की गलत नस कट गई। ज्यादा की खून बहने पर डॉक्टर मनोज चौधरी ने ऑपरेशन के बाद तीन यूनिट ब्लड मंगवाया। इसके बाद दो यूनिट ब्लड और चार यूनिट प्लाजमा भी मंगवाया। शाम को डॉक्टर मनोज चौधरी ने बताया कि निकिता की हालत सीरियस है। इसलिए वेन्टीलेटर पर ले लिया है।पूछताछ करने पर डॉक्टर मनोज चौधरी ने बताया कि गलती से इसकी ब्लड की नस कट जाने के कारण ब्लीडिंग ज्यादा हो गई। शरीर में ब्लड की कमी हो रही है। इसे बार- बार प्लाजमा और ब्लड दिया जा रहा है, इसलिए इसे वेन्टीवेटर पर लिया गया है। निकिता की तबीयत खराब होने पर उसे परिजन एसएमएस लेकर गए। जहां उपचार के दौरान निकिता की मौत हो गई।

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