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50 thousand rupees were sought from the relatives for handing over the dead body to Samastipur Sadar Hospital in Patna, the Health Minister ordered an inquiry

10.06.2022
सदर अस्पताल में एक अज्ञात शव की पहचान के बाद उसे स्वजन को सौंपने के एवज में पोस्टमार्टम कर्मी ने 50 हजार रुपये मांगे। स्वजन गांव लौटे और घर-घर जाकर राशि जुटाने के लिए भीख मांगने लगे। इसका वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया। अवकाश पर रहते हुए भी डीएम योगेंद्र सिंह ने सिविल सर्जन को तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया है। इस मामले को स्वास्थ्य मंत्री ने गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। उन्होंने कहा है कि दोषि को छोड़ा नहीं जाएगा और उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, अस्पताल में ऐसी घटना होना बहुत ही निंदनीय बात है इससे आम लोगों का अस्पतालों पर भरोसा कम होता चला जाता है।

Under the Drugs and Cosmetics Act 1940 in Patna, now FIR will not be registered in the police stations.

10.06.2022
एसएसपी डॉक्टर मानवजित सिंह ढिल्लों ने थानों को निर्देश जारी किया है की अब से ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के तहत एफआईआर अब थानों में दर्ज नहीं होगी। पुलिस मुख्यालय से राज्य के सभी एसएसपी और एसपी को इस संबंध में एक पत्र लिखा गया था। पुलिस मुख्यालय के द्वारा निर्गत पत्र के बाद एसएसपी ने यह आदेश जारी किया है। एसएसपी ने सभी थानेदारों को निर्देश दिया है कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के अध्याय 3,4 और 4a के तहत जो भी मामले दर्ज हैं उसे 1 महीने के के भीतर ड्रग इंस्पेक्टर को सौंप दें। एसएसपी के पत्र में लिखा गया है कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के अध्याय 3,4 और 4a में वर्णित अपराधियों में पुलिस के पास प्राथमिकी दर्ज करने की शक्ति नहीं है और ना ही पुलिस ऐसे मामलों में अनुसंधान नहीं कर सकती है। एसएसपी ने थानेदार को यह भी आदेश दिया है कि पहले से जिन थानों में ऐसे मामले दर्ज हैं और जिनका अनुसंधान चल रहा है वह संबंधित ड्रग इंस्पेक्टर को सौंप दें। एसएसपी के आदेश के बाद थानेदारों ने ऐसे मामलों का ट्रांसफर ड्रग विभाग में करना शुरू कर दिया है।

Primary angioplasty facility will be available in Patna’s Indira Gandhi Institute of Cardiology (IGIC) after a month.

09.06.2022
प्राइमरी एंजियोप्लास्टी एक काफी मानक और सामान्य प्रक्रिया है, जिसकी जरूरत हार्ट अटैक आने पर पड़ती है,जिसे कई कुशल हृदय रोग विशेषज्ञ पूरी दुनिया में करते हैं। हालांकि रोगी की ओर से प्रक्रिया के बाद के तरीकों के महत्व की समझ और उसकी सराहना में अभी भी कमी है। प्राइमरी एंजियोप्लास्टी व 24 घंटे एक्स-रे ,इको, पैथोलॉजिकल जांच और छोटी स्ट्रेलाइजेशन की सुविधा संस्थान के नए भवन में मिलेगी।इसकी शुरुआत में अभी तक महीने का समय लगेगा। यह जानकारी संयुक्त निदेशक डॉ. केके वरुण ने दी है। अब नए भवन में मरीजों को शिफ्ट किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने करीब 2 घंटे तक भवन का निरीक्षण किया, इस बीच वार्ड, कैथ,ओटी, इमरजेंसी, सीसीयू, इको ,टीमटी रूम आदि का जायजा लेकर कर्मियों को जल्द ठीक करने का निर्देश दिया, सर्जरी व ऑक्सीजन सप्लाई जल्दी शुरू करने को भी कहा। कई कुशल हृदय रोग विशेषज्ञ पूरी दुनिया में करते हैं। हालांकि रोगी की ओर से प्रक्रिया के बाद के तरीकों के महत्व की समझ और उसकी सराहना में अभी भी कमी है। प्राइमरी एंजियोप्लास्टी व 24 घंटे एक्स-रे ,इको, पैथोलॉजिकल जांच और छोटी स्ट्रेलाइजेशन की सुविधा संस्थान के नए भवन में मिलेगी। प्राइमरी एंजियोप्लास्टी की जरूरत हार्ट अटैक आने पर पड़ती है। इसकी शुरुआत में अभी तक महीने का समय लगेगा। यह जानकारी संयुक्त निदेशक डॉ. केके वरुण ने दी है। अब नए भवन में मरीजों को शिफ्ट किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने करीब 2 घंटे तक भवन का निरीक्षण किया, इस बीच वार्ड, कैथ,ओटी, इमरजेंसी, सीसीयू, इको ,टीमटी रूम आदि का जायजा लेकर कर्मियों को जल्द ठीक करने का निर्देश दिया, सर्जरी व ऑक्सीजन सप्लाई जल्दी शुरू करने को भी कहा।

Corona infection to doctors and staff of Patna Medical College Hospital (PMCH), Patna

09.06.2022
देश में धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी देखी जा रही है, वही पटना में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। इसके चलते पीएमसीएच की वायरो लोजी लैब में करीब 571 सैंपल की जांच हुई। इनमें दो पॉजिटिव मिले। पॉजिटिव लोगों में से एक पीएमसीएच के डॉक्टर और एक स्टाफ है। प्राचार्य डॉ विद्यापति चौधरी के मुताबिक चिकित्सक के परिवार के लोग बाहर से आए थे, इसी वजह से चिकित्सक को भी जांच कराने की सलाह दी गई थी। उन्होंने जांच कराई और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।वहीं सिविल सर्जन डॉ विवेक कुमार सिंह के मुताबिक पटना के विभिन्न इलाकों में 12 नए मरीज मिले हैं। राज्य में 13 मरीज मिले हैं। इन लोगों के संपर्क में आने वाले को भी जांच कराई जाएगी, जिससे संक्रमण को रोका जा सके।पटना में मरीजों की दिन-ब-दिन बढ़ोतरी होती जाती दिख रही है।

Inauguration of newly constructed 10-storey building at Indira Gandhi Institute of Cardiology (IGIC) in Patna

08.06.2022
इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आईजीआईसी) के लिए नवनिर्मित 10 मंजिले भवन में चिकित्सकीय सुविधाएं बहाल होते ही राज्य के हॉर्ट के मरीजों को आधुनिक चिकित्सा मिलने लगी। आईजीआईसी राज्य का इकलौता अस्पताल है जहां सिर्फ हॉर्ट के मरीजों का इलाज नि:शुल्क होता है। नए भवन में 254 बेड की व्यवस्था है। वैसे मरीजों को आठ जून से नए भवन में शिफ्ट किया जाना था। इस बाबत दैनिक भास्कर ने मंगलवार को बताया था कि कैथ लैब की सुविधा बहाल होते ही नए भवन में चिकित्सकीय सुविधाएं बहाल हो जाएंगी। वैसे आठ जून को इसका औपचारिक उद्‌घाटन होना है। मंगलवार को 78 मरीज नए भवन में शिफ्ट किए गए।

IOCL (Indian Oil Corporation) Patna Recruitment for 43 vacancies of Medical Officers

06.06.2022

सरकारी नौकरी की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Indian Oil Corporation Limited) ने मेडिकल ऑफिसर के पदों पर भर्तियां के लिए नोटिफिकेशन जारी की है. इन पदों पर आवेदन की प्रक्रिया 17 मई 2022 से शुरू है और आवेदन करने की अंतिम तिथि 16 जून 2022 तक है,इसके लिए आवेदन इंडियन ऑयल की वेबसाइट www. iocl.com पर जाकर करना है।इस भर्ती प्रक्रिया के तहत कुल 43पदों पर वैकेंसी निकाली गई है,चीफ मेडिकल ऑफिसर और एडिशनल चीफ मेडिकल ऑफिसर पद के लिए उम्मीदवारों को एमडी/एमएस किया होना चाहिए।उम्मीदवारों का सेलेक्शन पर्सनल इंटरव्यू के माध्यम से होगा, इंटरव्यू के दौरान उम्मीदवारों के पास इंग्लिश या हिंदी भाषा में बोलने का ऑप्शन होगा।सीनियर मेडिकल ऑफिसर- 60000-180000/- रुपये प्रति माह व एडिशनल चीफ मेडिकल ऑफिसर- 90000-240000/-रुपये प्रति माह देय होगा।

Early Childhood Development Workshop organized at Auditorium, Center of Excellence, NMCH in Patna

06.06.2022
कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यशाला के मुख्य अतिथि एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. बिनोद कुमार सिंह व विशिष्ट अतिथि पीएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. जायसवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।कार्यशाला में जन्म से तीन साल के बच्चों में शारीरिक व मानसिक कमजोरी की समय से पहचान व डायग्नोसिस कर समय से इलाज कराने पर चर्चा की गई। एनएमसीएच के अधीक्षक ने कहा कि ऐसे बच्चों की पहचान कर समय से उपचार शुरू कराने से 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे ठीक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही डीआईसी सेंटर भी बनाया जा रहा है। बच्चे जब स्वस्थ होंगे तो समाज भी मजबूत होगा।
विशिष्ट अतिथि के रूप में आए पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. जायसवाल ने कहा कि सही समय पर बीमारी की पहचान व उपचार होने से बच्चे ठीक हो सकते हैं। डॉ. जी. वी. वाश्व राजा, डॉ. अतनु भद्र, डॉ. अमित कुमार, डॉ. चंद्रमोहन कुमार ने भी प्रोजेक्टर की सहायता से इस विषय पर प्रकाश डाला। आईएपी के 50 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया। डॉ. ए.के. जायसवाल ने कहा कि ये सदस्य यहां से सीख कर अपने अपने जिलों में ट्रेनिंग देंगे। इस अवसर पर एनएमसीएच के उपाधीक्षक सह शिशु रोग विभाग के डॉ. सरोज कुमार, डॉ. अनिल तिवारी समेत कई चिकित्सक उपस्थित रहे।समय पर बीमारी की पहचान से बच्चे होंगे स्वस्थ। बच्चों के सकार्यशाला में जन्म से तीन साल के बच्चों में शारीरिक व मानसिक कमजोरी की समय से पहचान व डायग्नोसिस कर समय से इलाज कराने पर चर्चा की गई। एनएमसीएच के अधीक्षक ने कहा कि ऐसे बच्चों की पहचान कर समय से उपचार शुरू कराने से 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे ठीक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि डीआईसी सेंटर भी बनाया जा रहा है। बच्चे जब स्वस्थ होंगे तो समाज भी मजबूत होगा।विशिष्ट अतिथि के रूप में आए पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. जायसवाल ने कहा कि सही समय पर बीमारी की पहचान व उपचार होने से बच्चे ठीक हो सकते हैं।सेंटर ऑफ एक्सीलेंस होगा डीआईसी, एनएमसीएच में चल रहा निर्माण,कुछ बच्चों में देखा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ उनमें चलने, बोलने या सुनने समेत मानसिक विकास नहीं हो पाता है। ऐसे बच्चों में सही समय से बीमारी की पहचान व उपचार के लिए एनएमसीएच के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस परिसर में डीआईसी (डिसएबिलिटी अर्ली इंटरवेंशन सेंटर) का निर्माण कार्य चल रहा है। इस संबंध में एनएमसीएच अधीक्षक डॉ. बिनोद कुमार सिंह ने बताया कि यह सेंटर बिहार का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस होगा। उम्मीद है कि छह-सात माह में बन कर तैयार हो जाएगा। इसका निर्माण बीएमएसआईसीएल के द्वारा कराया जा रहा है। सेंटर पर बच्चों की स्क्रीनिंग, पहचान व चिकित्सीय सेवा प्रदान की जाएगी। एनएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. सरोज कुमार ने बताया कि सेंटर में फिजियोथेरेपिस्ट, ऑपथेलमोलाॅजिस्ट, ईएनटी समेत विभिन्न विभागों के डॉक्टर रहेंगे। इसका निर्माण कार्य एमसीएच भवन के बगल में चल रहा है।

After corona in Patna, now its side effects are being seen in people, more than 100 such patients are reaching every month

06.06.2022
देश में कोरोना लगभग खत्म सा हो गया है परंतु अभी भी कहीं ऐसी जगह है, जहां उसने अपने पैर पसारे हुए हैं। ऐसा ही कुछ हाल पटना का है, जहां कोरोना व उसके बाद में होने वाले साइड इफेक्ट्स से यहां के लोग को काफी परेशान हो रही है। साइड इफेक्ट से ग्रसित हर महीने 100 से 150 लोगों का आंकड़ा अस्पताल में देखा जा रहा है।उल्टी, सिर दर्द, थकान जैसे साइड इफेक्ट्स की वजह से लोग सिर दर्द की दवा खा रहे हैं।आईजीआईएमएस के न्यूरो मेडिसिन विभाग के हेड डॉ. अशोक कुमार के मुताबिक, बीमारियों की पहचान के बाद इलाज में आसानी होती है। मेनिनजाइटिस और न्यूरो सिस्टेसाइकोसिस के बीच अंतर के लिए रिसर्च की आवश्यकता है। पंजाब और दिल्ली में आईसीएमआर की मदद से किया जा रहा है। इससे बीमारियों की पहचान के साथ ही इलाज में मदद मिल रही है। मेनिनजाइटिस झिल्लियों को कहते हैं, जो मस्तिष्क की सुरक्षा कवच होती है, झिल्लियों में सूजन आने के चलते मेनिनजाइटिस से संक्रमित व्यक्ति में सिरदर्द, बुखार, उल्टी, त्वचा और होंठ का पीला होना, ठंड लगना आदि लक्षण पाए जाते हैं। जबकि, न्यूरो सिस्टेसाइकोसिस में मानसिक एकाग्रता कमी होती है। न्यूरो फिजिशियन डॉ. विनय कारक का कहना है कि कोविड संक्रमण से ठीक हुए व्यक्तियों को भी मानसिक, शारीरिक बीमारियां हुई हैं। राजवंशी नगर स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के न्यूरो विभाग के अनिल कुमार के मुताबिक कोविड के प्रभाव से चेस्ट रोगियों की संख्या में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।आईजीआईएमएस के न्यूरो मेडिसिन के हेड अशोक कुमार के मुताबिक, ब्रेन टीबी से पीड़ित को सिरदर्द, उल्टी, थकान, बुखार, गर्दन में अकड़न, सुस्ती, चिड़चिड़ापन, बार-बार बेहोश होने की शिकायत रहती है। ऐसे मरीजों को तत्काल डॉक्टरों से सलाह लेकर इसका पता लगाने के लिए सीएसए, एक्सरे, सीबी नेट, ब्लड टेस्ट, एमआरआई, सिटी स्कैन करवाना चाहिए।कमजोर इम्युनिटी वाले रोगियों के साथ शराब और सिगरेट पीने वाले मरीजों को सबसे अधिक ब्रेन टीबी का खतरा रहता है। इसके साथ ही फेफड़े के टीबी मरीजों को ब्रेन टीबी का सबसे अधिक खतरा रहता है।

The case of Vishunpura village of Patna, husband killed his wife for not agreeing to abortion

04.06.2022
विशुनपुरा गांव में रात में सो रही पत्नी को पति ने चाकुओं से गोदकर मार डाला। पत्नी के अबॉर्शन नहीं कराने की वजह से था नाराज। मृत महिला मंडोरा थाना क्षेत्र के नरहरपुर सदा राय के टोला निवासी मुमताज अंसारी की पत्नी साजिया खातून है। इनकी शादी 4 वर्ष पूर्व में हुई थी। दोनों काफी दिनों से अलग रहते थे। साजिया अपने मामा के घर रहती थी। 2 दिन पूर्व ही आरोपी मुमताज अंसारी साजिया के मामा के घर पर पहुंचा था व साजिया को अपने साथ वापस ले जाने की बात कहकर आया था, वो साजिया का अबॉर्शन करवाना चाहता था। परंतु साजिया को अबॉर्शन नहीं कराना था। इस बात से नाराज होकर उसका रात को जैसे ही मौका लगा उसने साजिया पर चाकुओं से वार कर दिया। जिससे साजिया की मृत्यु हो गई, साजिया के मामा ने पुलिस बुलाकर मुमताज अंसारी को पुलिस के हवाले कर दिया।

During the final year examination of MBBS in Aryabhatta Knowledge University, Patna, the student got the question paper and mobile.

04.06.2022
एकेयू की ओर से एमबीबीएस फाइनल ईयर छात्रों के लिए आयोजित परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले एमबीबीएस छात्रों को केंद्र में प्रवेश दिया जा रहा था उसी दौरान एक संगीन छात्र को कॉलेज प्रशासन ने पकड़ा, छात्र के पास मौजूद बैग में परीक्षा का प्रश्न पत्र मिला उसी के हिसाब से उसके पास पर्चियां और 5 मोबाइल मिले, छात्र का नाम मुकेश बताया जा रहा है जो कि वैशाली जिले का रहने वाला है। परीक्षा नियंत्रक डॉ राजीव रंजन ने बताया कि मामले में आला अधिकारियों को अवगत कराया है की परीक्षा से पहले ही परीक्षार्थी के पास प्रश्नपत्र मौजूद होना, यह एक बहुत बड़ी निंदनीय घटना है।