Drug consumption increased in Jabalpur, youth in the grip of drug injections

16.07.2022
शहर के हजारों युवा शराब तो पी ही रहे हैं। नया शौक नशीले इंजेक्शन का भी पाल रहे हैं। इस नशे का खतरनाक परिणाम सामने आने लगा है। विक्टोरिया अस्पताल के ओरल सबस्टीट्यूशन थैरेपी केंद्र में तमाम ऐसे नशेड़ी पहुचे रहे हैं, जिनमें एचआइवी एड्स के लक्षण दिख रहे हैं। पता चला कि एक ही इंजेक्शन से कई युवक एक साथ नसों में नशे की डोज इंजेक्ट करते हैं, तो वे गम्भीर बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। विक्टोरिया के केंद्र में इलाजरत और काउंसलिंग लेने वाले 21 वर्षीय छात्र ने बताया कि उसने अपने दोस्त को देखकर नस में नशे का इंजेक्शन लगा लिया था। कुछ दिन बाद वह इंजेक्शन से ड्रग लेने का आदी हो गया। एक व्यक्ति ने बताया कि वह लम्बे समय से इंजेक्शन के जरिए नशा ले रहा था। हालत यह हो गई कि हाथों, पैरों से मवाद निकलने लगा। इंजेक्शन लगाने की जगह नहीं बची, तो गांजा पीने लगा।शहर में कच्ची शराब खूब बनती है। इसलिए आसानी से उपलब्ध भी हो जाती है। लेकिन, इंजेक्शन का नशा करने वालों को यह जहर कुछ दवा दुकानों से मिलता है। ऐसे इंजेक्शन की कालाबाजारी होती है, जिनका इस्तेमाल नशे के रूप में होता है। पुलिस का कहना है कि नशे के इंजेक्शन बेचने वालों की पहचान मुश्किल से हो पाती है। फिर भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई होती है। पुलिस का यह भी कहना है कि दुकानदारों को बिना डॉक्टर की पर्ची के विशेष फार्मूले वाले इंजेक्शन कतई नहीं देना चाहिए।
नशे की शुरुआत आमतौर पर शौकिया होती है। आस-पास के लोगों और दोस्तों की सोहबत भी मायने रखती है। अच्छी बातों का असर भले नहीं हो, लेकिन गलत बातें लोग पकड़ लेते हैं। परिजन को भी बच्चों पर नजर रखनी चाहिए। ध्यान देना चाहिए कि कहीं गलत दोस्तों के साथ में पड़कर नशे के गिरफ्त में तो नहीं जा रहे। इस मामले पुलिस या प्रशासन तो बाद में काम करता है। सबसे पहले परिजन को ही जागरूक होना होगा।
डॉ. सुमित पासी, मनोवैज्ञानिक

इंजेक्शन से नशा करने वालों की यहां काउंसिलिंग की जाती है। इंजेक्शन से नशा लेने के कारण कई गम्भीर संक्रमण का खतरा रहता है। काउंसिलिंग से नशे की लत से छुटकारा दिलाने की कोशिश की जाती है।

डॉ. रत्नेश कुररिया, जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, मनोरोग चिकित्सक

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