After getting the first case of monkeypox in Kerala, the government started preparations to deal with this infectious disease, testing will be done in 15 labs of the country

16.07.2022
केरल में मंकीपॉक्स का पहला केस मिलने के बाद सरकार ने इस संक्रामक बीमारी से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। बीमारी का पता लगाने के लिए पुणे के आइसीएमआर-एनआइवी (राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान) देशभर में 15 लैब को परीक्षण का प्रशिक्षण दे चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को मंकीपॉक्स के प्रबंधन के लिए गाइडलाइन जारी की। इसके मुताबिक विदेश यात्राओं के दौरान लोगों को बीमार लोगों के निकट संपर्क से बचना चाहिए। मृत या जीवित जंगली जानवरों के संपर्क में आने से भी बचने की सलाह दी गई है। गाइडलाइन में संदिग्धों की टेस्टिंग और स्क्रीनिंग पर विशेष जोर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग के लिए उच्च स्तरीय टीम केरल भेजी है।इसमें राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) डॉ. आरएमएल अस्पताल, नई दिल्ली के विशेषज्ञ और स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। मंकीपॉक्स वायरल जूनोटिक बीमारी है। इसमें बुखार के साथ शरीर पर रेशेज आते हैं। इसके लक्षण चेचक के समान होते हैं।

यह है गाइडलाइन
विदेश से आए लोग बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क में न आएं। खासकर त्वचा और जननांग में घाव वाले लोगों से दूर रहें।

बंदर, चूहे, छछुंदर, वानर प्रजाति के अन्य जीवों से दूर रहें।

मृत या जीवित जंगली जानवरों और अन्य लोगों के संपर्क में आने से बचें।

जंगली जीवों का मांस न खाएं। अफ्रीका के जंगली जानवरों से बने क्रीम-पाउडर का इस्तेमाल न करें।

बीमार लोगों की सामग्री (कपड़े, बिस्तर आदि) के संपर्क में न आएं।

देश में आगमन के हर पॉइंट पर संदिग्धों की जांच की जाए।
अस्पतालों में मेडिकल तय प्रोटोकॉल के तहत इलाज और क्लिनिकल मैनेजमेंट हो।सभी संदिग्ध मामलों की टेस्टिंग और स्क्रीनिंग एंट्री पॉइंट्स और कम्युनिटी में की जाएगी।

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