Ruckus in Indore hospitals over incentives given to government hospitals under Ayushman Yojana

28.07.2022
आयुष्मान योजना के तहत सरकारी अस्पतालों को केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले इंसेंटिव के बंटवारे को लेकर एमजीएम मेडिकल कॉलेज में बवाल मच गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग मनमाने ढंग से नियम बदल कर डॉक्टर्स की उपेक्षा कर बाबूिगरी कर रहे फार्मासिस्ट और नोडल अधिकारी को जमकर उपकृत कर रहा है।योजना में एमजीएम मेडिकल कॉलेज को अब तक 26 करोड़ रुपए मिले हैं। इनमें 13 करोड़ यानी 50% राशि संसाधन पर खर्च होगी। शेष 13 करोड़ का इंसेंटिव देंगे। डॉक्टर्स को तीन साल में बमुश्किल लाख-सवा लाख मिले हैं। वह भी किश्तों में दिए गए।इसके विपरीत नोडल अधिकारी डॉ. यामिनी गुप्ता को प्रति सर्जरी हुए भुगतान के अलावा 26 लाख तथा फार्मासिस्ट रामेश्वर चंदेल, कृष्णा नरवरिया, विपिन वालुस्कर व संजय उपाध्याय का 5-7 लाख रुपए का इंसेटिव बना है। इस बंदरबांट से नाराज 12 डॉक्टर्स ने डीन को चिट्‌ठी लिखकर राशि लेने से ही इंकार कर दिया है।

पैसों का बंटवारा ऐसे समझे

आयुष्मान योजना में एंजियोप्लास्टी का 72 हजार का पैकेज तय है। इनमें से 60% यानी 43 हजार 200 केंद्र सरकार सरकारी अस्पताल को देती है। इसका आधा 21 हजार 600 इंसेटिव व इतना ही इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए रहेंगे।

डॉक्टर्स बोले, कुछ को बिना काम दिए लाखों

इंसेंटिव की बंदरबांट को लेकर डॉक्टर्स का कहना है कि जो पैसा दे रहे हैं, उसका असमान वितरण हो रहा है। किसी एक व्यक्ति को सैलेरी से ज्यादा इंसेंटिव दिया है। कुछ नॉन टेक्निकल व नॉन-मेडिको लाेगों को बड़ी राशि दे रहे हैं। कुछ लोगों को कई गुना अधिक राशि मिल रही है, जबकि वे कोई अतिरिक्त काम नहीं कर रहे हैं।

सीधी बात- डॉ. संजय दीक्षित, डीन एमजीएम

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