Outsiders treating the injured as a fake employee without taking any training in the government hospital of Pokaran

06.07.2022
पोकरण के सबसे बड़े अस्पताल में खुद को नर्सिंगकर्मी बता घायलों से वसूले जा रहे हैं पैसे
उपखंड के सबसे बड़े अस्पताल में डॉक्टरों व अधिकारियों की उदासीनता ने चिकित्सा विभाग के सभी दावों की पोल खोलकर रख दी है। अस्पताल में कार्यरत कार्मिकों और अधिकारियों की लापरवाही का यह आलम है कि किसी दुर्घटना के दौरान बाहरी व्यक्तियों द्वारा आपातकालीन कक्ष में घायलों का उपचार किया जा रहा है। एक तरफ चिकित्सा विभाग झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करता है तो वहीं दूसरी ओर सरकारी अस्पताल में ही बिना कोई प्रशिक्षण लिए फर्जी कर्मचारी बन घायलों का उपचार कर रहे है।लेकिन पोकरण अस्पताल प्रबंधन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इन अप्रशिक्षित युवकों द्वारा घायलों के घाव की सफाई, तो कभी घायलों के घावों पर पटि्टयां देने के साथ-साथ टांके देने जैसा महत्वपूर्ण काम भी किया जा रहा है। सरकारी अस्पताल में आने वाले घायलों के स्वास्थ्य के साथ सीधा खिलवाड़ करने वाले लोगों के खिलाफ भी अस्पताल प्रबंधन उन्हें रोकने तक की जहमत नहीं उठा रहा है।इतना ही नहीं यह लोग अपने आप को नर्सिंग कर्मचारी बताकर घायलों से रुपए ऐंठने का भी काम कर रहे है। इस संबंध में पूर्व में कुछ लोगों द्वारा शिकायत करने पर जिम्मेदारों द्वारा बिना कार्मिक आपातकालीन कक्ष में उपचार करने वाले इन युवकों को बाहर का रास्ता तक बता दिया था। लेकिन अधिकारियों के जाने के बाद ऐसे लोग फिर से आपातकालीन कक्ष और उसके आस-पास भटकते रहते हैं।
गंभीर लापरवाही;

इमरजेंसी वार्ड में गंभीर घायलों का इलाज कर रहे फर्जी नर्सिंगकर्मीअस्पताल परिसर में घूम रहे इस तरह के युवक जो न तो कार्मिक है और न ही स्टाफ का हिस्सा है। वह दुर्घटना के साथ ही अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में पहले तो परिजन बनकर प्रवेश करते हैं और फिर स्टाफ का हिस्सा बन घायलों के घावों की सफाई से लेकर उन्हें ग्लूकोज की बोतल तक चढ़ाने का काम करने लग जाते हैं। इस तरह से बिना किसी ट्रेनिंग और डिग्री के घायल मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कभी भी भारी पड़ सकता है।लेकिन इस संबंध में विभागीय अधिकारियों द्वारा अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। अपने आप को अस्पताल का कार्मिक बताने वाले यह युवक न सिर्फ कार्मिकों की उपस्थिति में घायलों का उपचार तक करना शुरू कर देते हैं। वहीं आपातकालीन कक्ष में मरीजों के परिजनों से चिकित्साकर्मी बनकर रुपए भी वसूल रहे है। ऐसे में जहां घायल व्यक्ति के परिजनों के सामने नर्सिंग कार्मिकों की छवि खराब हो रही है। वहीं दूसरी ओर फर्जी कार्मिक बनकर यह व्यक्ति अपनी जेब गर्म करने में जुटे हुए हैं।अस्पताल में ऐसे व्यक्ति जो स्टाफ का हिस्सा नहीं है और आपातकालीन कक्ष में प्रवेश कर उपचार करने लगते हैं उनके बारे में सभी कार्मिकों को नोटिस दिया जा चुका है। इसके साथ ही सभी स्टाफ को पाबंद भी कर दिया गया है। ऐसे लोगों की सूची बनाकर उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। -डॉ. कामिनी गुप्ता, चिकित्सा प्रभारी, उप जिला अस्पताल पोकरण

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