Cobalt machine in Patna Medical College and Hospital (PMCH) can stop cancer patients from July 10 due to non-availability of physiologist operating the machine.

23.06.2022
पीएमसीएच के रेडियोथेरेपी विभाग में कोबाल्ट मशीन से कैंसर मरीजाें की सेंकाई 10 जुलाई से बंद हाे सकती है। इस मशीन काे चलाने वाले फिजिसिस्ट का पद 10 साल से खाली है। अभी रिटायर्ड फिजिसिस्ट इसे चला रहे हैं। वाे 10 साल पहले पीएमसीएच से रिटायर हुए थे। उसके बाद से अवैतनिक सेवा प्रदान कर रहे हैं। उनकी उम्र 10 जुलाई को 70 साल जाएगी। इसके बाद एटोमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड उन्हें कोबाल्ट मशीन चलाने की अनुमति नहीं देगी।ऐसे में सेंकाई बंद हाे सकती है। रेडियोथेरेपी विभाग ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दे दी है, ताकि समय रहते फिजिसिस्ट की बहाली कर दी जाए और कैंसर मरीजों की सेंकाई बंद नहीं हो। हालांकि, अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।

पीएमसीएच में सेंकाई की व्यवस्था नि:शुल्क
पीएमसीएच में सेंकाई की व्यवस्था नि:शुल्क है। पहले 100 से 125 मरीजों की प्रतिदिन सेंकाई होती थी। अब प्रतिदिन 30-35 मरीजों की ही हाे पाती है। कोबाल्ट मशीन बंद रहने पर मरीजों को कोलकाता भेजा जाता है। वहां भी मुफ्त में सेंकाई की व्यवस्था है। लेकिन, वहां जाने और रहने में खर्च हाेता है। पीएमसीएच में आर्थिक दृष्टि से कमजोर कैंसर मरीज सेंकाई के लिए आते हैं। इसको छोड़ बाकी सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में सेंकाई के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं। सेंकाई पर अन्य सरकारी अस्पतालाें में 50-60 हजार, जबकि प्राइवेट में 1.25 लाख से 1.50 लाख रुपए खर्च हाेते हैं।

पोस्टिंग नहीं देने की वजह से यह असुविधा
पीएमसीएच का रेडियोथेरेपी विभाग देश में सबसे पुराना है। एक समय था जब यहां देशभर से कैंसर मरीज इलाज और सेंकाई के लिए आते थे। आज उसी विभाग की ऐसी स्थिति है कि फिजिसिस्ट की बहाली की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। विभाग में पीजी की पढ़ाई भी ब्रेकीथेरेपी मशीन नहीं होने से करीब नौ साल से बंद है।

संविदा पर फिजिसिस्ट की नियुक्ति के लिए इंटरव्यू हो चुका है और बीते साल दिसंबर में रिजल्ट भी आ गया है। इंटरव्यू में पांच फिजिसिस्ट योग्य पाए गए। इनकी मेधा सूची भी तैयार हो चुकी है। इसके बावजूद अभी तक पीएमसीएच में मेडिकल फिजिसिस्ट सह रेडिएशन सेफ्टी अफसर की पाेस्टिंग नहीं की गई है।

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