महिला रेप विक्टिम की मेडिकल जांच नहीं कर सकते पुरुष चिकित्सक

On time salary is right of employee : High Court

Dental services in jails of Rajasthan, Court case

डीबी सिविल रिट पिटीशन (PIL) संख्‍या 2808/2012 सुओमोटो बनाम राज्‍य सरकार व अन्‍य। क्रमांक:-342 दिनांक 04/10/2016

राजस्थान की जेलों में कैदियों की सेहत हेतु दंत चिकित्सकों को सप्ताह में एक बार भ्रमण करने के आवश्यक निर्देश दिए गए थे, इस पर कोर्ट केस (PIL) भी दर्ज हुआ है |

Joining after court stay on transfer

गलत तबादला किये जाने अथवा अन्य स्थिति में कई बार कार्मिक अदालत जाकर न्याय मांगते हैं और कई बार वो उस तबादले पर स्थगन आदेश ले आते हैं और उन्हें वापस से जॉइन करवाया जाता है ।

लेकिन जॉइन कहाँ करवाया जाए यह मुद्दा विचारणीय है, इसके लिए निदेशक जन स्वास्थ्य द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया है (यह आदेश मेडिकल सुपरिटेंडेंट पर लागू नहीं होता है) –

इस आदेश की आड़ में अनावश्यक ऐ पी ओ कर के रखता है सचिवालय ।
किसी भी विभाग में ऐसा नहीं होता है कि स्थगन प्राप्त अधिकारी कर्मचारी को निदेशालय में उपस्थिति देनी पड़े वह भी महीनों तक ।
मेडिकल सुपरिंटेंडेंट के अधीनस्थ चिकित्सक को सीधे ही ज्वाइन करवाया जाता है ।

जबकि निदेशालय के अधिनस्थ, पीएमओ ,सीएमएचओ एवम् ब्लॉक सीएमओ के अधीन चिकित्सकों को ही निदेशालय में उपस्थिति देनी पड़ती है ।
फाइलें सचिवालय की टेबल पर पड़ी रहती हैं लेकिन डिप्टी सेक्रेटरी साहब कहते हैं contempt lagado contempt laga do :/

ये लोग न्यायालय के आदेशों की पूर्ण पालना नहीं करना चाहते ।

जिन की राजनीतिक (₹) पहुंच है वे अपने स्थानांतरण ही निरस्त करवा लेते हैं, बाकी आम कार्मिक भटकते रहते हैं ।

एपीओ की अधिकतम अवधि फिक्स होनी चाहिए और उसमें कार्मिक के साथ सहयोगात्मक रवैया दिखाते हुए मामले को निपटाया जाना चाहिए, जबकि होता उल्टा है कि जानबूझकर परेशान करने के लिए लटकाया जाता है ताकि कार्मिक सिस्टम के आगे सरेंडर कर दे (₹₹₹) !