Billions earned by NTA from NEET application fee and answer key objections

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी:3 साल में नीट के आवेदन शुल्क से कमाए 5 अरब 65 करोड़, आंसर-की पर ऑब्जेक्शन से हासिल हुए 200 करोड़


नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को पिछले 3 सालों में नीट-यूजी के आवेदनों से ही 5 अरब 65 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। 2019 से नीट का आयोजन एनटीए को सौंपा गया था। अभी तक एनटीए ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है। वहीं, इन तीन सालों में मात्र आंसर-की पर ऑब्जेक्शन से एजेंसी को करीब 200 करोड़ रुपए हासिल हुए हैं। एनटीए की ओर से जारी आंसर-की में दिए गए उत्तरों पर आपत्ति के लिए छात्र से प्रति सवाल 1000 रुपए लिए जाते हैं।

आपत्ति सही होने पर ही यह शुल्क लौटाया जाता है। वहीं ओएमआर पर ऑब्जेक्शन से भी एनटीए को लाखों की कमाई हुई है। हाल में मेडिकल एक्टिविस्ट विवेक पांडे की ओर से लगाई गई आरटीआई में ये तथ्य सामने आए हैं। विवेक का कहना है कि ऑडिट या एनुअल रिपोर्ट जारी करके एनटीए, सिस्टम काे पारदर्शी बना सकता है। इस साल ट्रेंड में एक और फर्क देखने को मिला है। पिछले साल 977 स्टूडेंट्स ने ओएमआर और 9760 ने आंसर-की पर ऑब्जेक्शन किया था। इस साल ट्रेंड पलट गया है। इस वर्ष 1551 छात्रों ने ओएमआर पर और 4070 ने आंसर-की पर आपत्ति की है।

ओएमआर पर चैलेंज सही साबित करना बेहद मुश्किल
एनटीए छात्रों के रेस्पॉन्स की स्कैन्ड कॉपी जारी करके ऑब्जेक्शन मांगता है, छात्र ऑब्जेक्शन करते हैं, लेकिन उसे सही साबित करना बड़ी चुनौती होता है। दरअसल, नीट में 180 सवाल हल करने होते हैं। 180 सवालों के सभी उत्तर याद रखना संभव नहीं होता। एनटीए भी एग्जाम के दिन दिए गए रेस्पॉन्स का कोई दस्तावेज छात्रों को नहीं देता है। अगर छात्र सही भी चैलेंज करता है तो उसे साबित करना बड़ा मुश्किल होता है।


AIIMS, Jodhpur Recruitment for 84 Faculty Posts

एम्स, जोधपुर में फैकल्टी के 84 पदों पर भर्ती

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (AIIMS), जोधपुर ने फैकल्टी पदों को भरने के लिए योग्य व इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। कुल रिक्तियों की संख्या 84 है। योग्य अभ्यर्थी ऐम्स जोधपुर की आधिकारिक वेबसाइट aiimsjodhpur.edu.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2022 हैं।

राजस्थान के विभिन्न संवर्ग के चिकित्सकों की वरिष्ठता सूची (Seniority List 2020)

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Rajasthan in service doctors seniority list of RUHS & RPSC selected doctors.

MO SMO Deputy Director PCMO JS SS PS list as on 1 April 2020.

2019 Seniority List

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keeping records of running with nike run club app for android and ios users

WANT TO RUN WITH FRIENDS USE NIKE RUN CLUB

अगर आप लगातार जोश के साथ दौड़ना चाहते हैं तो सबसे आसान तरीका है मोबाइल एप काम में लेना, सबसे अच्छी एप है “Nike Run Club” 🙂

इसमें आप अपने किलोमीटर और समय माप सकते हैं, डेली टारगेट सेट कर सकते हैं, अपने दोस्तों को भी जोड़ सकते हैं एवं आपस में एक दूसरे का रनिंग स्टेटस देख सकते हैं, चैलेंज दे सकते हैं और साथ ही म्यूजिक का मजा भी ले सकते हैं |

Official Nike App page – https://www.nike.com/in/en_gb/c/nike-plus/running-app-gps

इस एप से कोच से ट्रेनिंग भी ली जा सकती है जिसमें तरह तरह के प्लान मुफ्त उपलब्ध हैं | दोस्तों को चियर्स और वोइस मैसेज भी भेजे जा सकते हैं, जब वे रन करते हैं |

ध्यान रखने योग्य बातें –

  • रन स्टार्ट करें और अंत में इसे स्टॉप करना ना भूलें, वरना रन आपके खाते में एड नहीं होगी, स्टॉप करने के लिए पॉज करने के बाद स्टॉप के बटन को दबाकर रखें |
  • अगर आपने ऑटो पॉज सेट कर रखा है तो मेनुअली पॉज बिल्कुल ना करें |
  • रन स्टार्ट करने से पहले ही स्योर हो लें की जीपीएस ओन रखना है या ऑफ़, रन के बीच में ओन ऑफ करने से एप हैंग हो सकती है |
  • चैलेंज असेप्ट करने के बाद ही उसमें रन जुड़ेंगी |
  • सेटिंग से Friends Tagging – Allow करने से आपके दोस्त आपको टैग कर पाएंगे |
  • प्रोफाइल पिक्चर अवश्य लगावें |

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सेवारत चिकित्सकों की एसीआर आईपीआर का ब्यौरा जारी – बाबूराज को फटका

सेवारत चिकित्सकों की एसीआर आईपीआर का ब्यौरा जारी – बाबूराज को फटका

Jaipur (Rajasthan) October 2019

सेवारत चिकित्सकों को प्रतिवर्ष वार्षिक प्रतिवेदन (ACR APR) और अचल संपत्ति विवरण (IPR) विभाग में भरकर देना होता है, वर्ष 2016 के बाद से ये ऑनलाइन भरे जाते हैं, पहले की स्थिति में ऑफलाइन सिस्टम था ।

पदोन्नति के लिए चिकित्सकों को प्रत्येक वर्ष का वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन (APR/ACR) एवं अचल संपत्ति विवरण (IPR) जमा करवाना होता है, लेकिन इस ACR और IPR का निदेशालय में कोई धणी-धोरी नहीं है, चिकित्सक अपना अपना रेकॉर्ड समय से भेज भी दें तो यह रास्ते मे पता नहीं कहाँ कहाँ अटक जाता है, और इस अनुभाग में पहुंच भी जाये तो दांयी से बांयी टेबल पर नहीं आता, वहां भी कमियां निकाल कर पटक दिया जाता है, भोग की आस में । चिकित्सक तो ये सोचकर आराम से बैठे होते हैं कि उनका रेकॉर्ड तो पहुंच गया है, और 1 अप्रैल को उनकी पदोन्नति हो जाएगी, उन्हें क्या पता कि किस बिल और भोलाराम के जीव में अटक रखा है उनका रिकॉर्ड ।

2019 मई माह में डीओपी द्वारा पदोन्नति किये जाने वाले चिकित्सकों का रिकॉर्ड मांगे जाने पर निदेशालय के बाबूराज द्वारा आधा अधूरा रिकॉर्ड पकड़ा दिया जाता है, कायदे से रिकॉर्ड देने से पहले आंकड़े सार्वजनिक किए जाते हैं कि किसका कौनसा रेकॉर्ड बकाया है ताकि वो अपना अटका रिकॉर्ड निकलवा सके और कुछ बकाया हो तो जमा करवा सके । लेकिन बिना सूचित किये ही अधकचरे को आगे भिजवाया गया और 15 जून 2019 को जारी हुई लिस्ट में 1700 में से करीब 600 की ही पदोन्नति की गई, इसमें भी सीनियरिटी का ध्यान नहीं रखा गया है, चार ACR वाले का नाम है लेकिन सैंकड़ों ऐसों का नाम नहीं है जिनकी पूरी 6 जमा थी, यानी भयंकर गफलत हुई है जिससे राज्य के हजार चिकित्सक तनाव में हैं ।

एक सरकारी चिकित्सक सैंकड़ों किलोमीटर यात्रा करके निदेशालय में मात्र इसलिए जाता है कि उसे यह पता लगे की उसकी कौनसी ACR or IPR बकाया है, वह चिकित्सक वहां जाकर बाबूराज से मिन्नतें करता हुआ दिखता है, घूस वाली चाय भी पिलाता है । ऐसी स्थिति में सरकारी डॉक्टर द्वारा श्रीमान एसीएस महोदय को इस भयावह स्थिति से अवगत करवाया, साथ ही अरिसदा द्वारा भी सहयोग दिया गया तो एसीएस महोदय ने कई ऑनलाइन सहूलियतें देने की हामी भरी जिनमें से एक था ACR IPR का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक करना, यह ब्यौरा सार्वजनिक किया गया है, नीचे संलग्न है ।

  • ऑनलाइन की स्थिति में जिनका ACR स्टेटस Initiated हैं, यानि इनकी ACR इनके राजकाज खाते में अनछुई पड़ी है इसे फटाफट से भरकर सबमिट करें, आगे कहीं पेंडिंग है तो उसके लिए जिम्मेदार सम्बंधित अधिकारी हैं ।

बाकी जिनकी ACR IPR बकाया है वे जल्द से जल्द इसकी पूर्ती करावें क्यूंकि एसीएस महोदय के आदेशों से जल्द ही DACP होने जा रही है ।

IMMOVABLE PROPERTY REPORT (IPR) ONLINE STATUS ON DOP WEBSITE –

ANNUAL PERFORMANCE APPRAISAL REPORTS FILLING AUTHORITIES (NEW) –

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महिला रेप विक्टिम की मेडिकल जांच नहीं कर सकते पुरुष चिकित्सक

महिला रेप विक्टिम की मेडिकल जांच नहीं कर सकते पुरुष चिकित्सक

09.09.2019

राजस्थान : महिला रेप विक्टिम की मेडिकल जांच कौन चिकित्सक करेगा और कौन नहीं, इसके लिए उहापोह की स्थिति बनी हुई थी | कई बार पीडितायें भी पुरुष चिकित्सकों से चिकित्सकीय परिक्षण करवाने में असहज महसूस करती थी | ऐसे में नागौर जिला अस्पताल के फोरेंसिक एक्सपर्ट, डॉ. महावीर चोयल ने इस विषय में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से इस विषय में मार्गदर्शन माँगा तब विभाग ने यह निर्देश दिए हैं कि “महिला रेप विक्टिम्स की मेडिकल जांच केवल महिला चिकित्सकों द्वारा ही की जावे” |

डॉ. चोयल द्वारा माँगा गया मार्गदर्शन और विभाग के निर्देश संलग्न है |

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All govt doctors of rajasthan will get due 7cpc arrears

खुशखबरी : डॉक्टरों को मिलेगा बाकी एरियर, अरिसदा ने दिया एसीएस सर को धन्यवाद

14.09.2019 JAIPUR

राज्य से सेवारत चिकित्सकों को छठे पे कमिशन से सातवें पे कमिशन में जाने पर 01 जनवरी 2017 से 30 सितम्बर 2017 तक का सेलरी डिफ़रेंस, एरियर के रूप में तीन किश्तों में मिलना था | बाबुओं द्वारा इसकी गणना अपने हिसाब से उलट पलट की गई जिससे काफी चिकित्सकों को आधे एरियर का ही भुगतान हुआ, पीड़ित चिकित्सक दबी जुबान इसकी चर्चा भी कर रहे थे लेकिन बाबूराज के आगे हार मान चुके थे | चिकित्सक शिक्षक इन मामलों में ज्यादा होशियार पड़ते हैं सो उन्होंने चुपचाप इसका आर्डर निकलवा लिया, यह आर्डर सरकारी डॉक्टरों के हाथ लग गया तो वे भी अपने बाबुओं के पास ऑर्डर लेकर पहुंचे तो बाबुओं ने इस आर्डर को केवल ‘चिकित्सक शिक्षकों’ के लिए बताते हुए ख़ारिज कर दिया | पीड़ित चिकित्सक मुद्दे को व्हाट्सएप पर लहराते रहे अंततः मुद्दा अरिसदा के पास लेकर गये जहाँ डॉ. अजय चौधरी ने त्वरित गति से एसीएस मेडिकल & हेल्थ रोहित कुमार सिंह जी से समय लिया और जाकर पीड़ा बयान की तो सर ने वहीँ से ‘निदेशालय कोष एवं लेखा’ वालों को कॉल करके उक्त आदेश को समस्त चिकित्सकों के लिए निकालने को कहा और एक दिन में ही आदेश निकल गया | (पूर्व एवं नवीन आदेश की प्रति संलग्न है)

चिकित्सकों में ख़ुशी की लहर है, उदाहरण के तौर पर वर्ष 2011 जोइनिंग वालों का एरियर करीब 150000/- रुपये बन रहा था जो कट-पिट कर एक लाख से ऊपर मिलना था लेकिन दिया गया मात्र पचास हजार या साठ हजार | चिकित्सकों ने अरिसदा अध्यक्ष का आभार जताया है | डॉ. चौधरी ने पूरा श्रेय एसीएस मेडिकल हेल्थ को दिया है जिनके सहयोग से यह काम इतनी जल्दी हो पाया | सर्वविदित है की एसीएस श्री रोहित कुमार सिंह, चिकित्सकों की पीड़ा को सुनते हैं और त्वरित निर्णय लेते हैं |
हालाँकि इस आदेश के बाद बाबु समुदाय तनाव में हैं क्यूंकि उन्हें वापस से जोड़ तोड़ करनी पड़ेगी, हिसाब मिलाना पड़ेगा |

Tip : यह एरियर वहीँ से मिलेगा, जहाँ से पहले मिला था, ट्रांसफर नहीं हुआ है तो कोई लफड़ा नहीं, ट्रांसफर हुआ है तो कुछ वक़्त के लिए पे-मैनेजर आईडी वापस वहां ट्रांसफर की जाएगी | अगर नया बाबु राजी है तो बिना आईडी भेजे पूरानी जगह से शीट मंगवाकर यहीं करवा लो |

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आंध्रप्रदेश : डॉक्टर और परिवार की सुसाइड का चौंकाने वाला राज खुला

आंध्रप्रदेश : डॉक्टर और परिवार की सुसाइड का चौंकाने वाला राज खुला

04.09.2019

पिछले सप्ताह ईस्ट गोदावरी जिले में ओर्थपेडीक सर्जन डॉ. रामाकृष्णम राजू, उनकी पत्नी और बेटे की सामूहिक आत्महत्या में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है । डॉ. राजू एक फ्रॉड गैंग के लपेटे में आ गए थे जो क्लेम करती थी कि उनके पास जादुई चावल हैं जो कि पैसा डबल कर देते हैं, इसके लिए डॉ. राजू ने जानकारों से साढ़े पांच करोड़ रुपये मोटे ब्याज पर ले लिए, लेकिन जल्द ही उन्हें अपने साथ हुए धोके का पता लगा तो वे सदमा सह नहीं पाए और सपरिवार आइवी अनेस्थेटिक ड्रग लेकर सुसाइड कर ली ।
पुलिस ने गैंग के एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है ।

News source Times of India !

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Rajasthan Government launched Jan Soochna Portal for public information

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जन सूचना पोर्टल अपनी तरह का पहला ऐसा प्रयास है जिसमें सरकार द्वारा वार्ड/पंचायत में क्रियान्वित सभी योजनाओं की जानकारी एक ही जगह उपलब्ध करवाई जा रही है। यह सूचना के अधिकार, 2005 की धारा 4(2) को क्रियान्वित करता है: “प्रत्येक लोक अधिकारी का निरंतर यह प्रयास होगा कि वह उपधारा (1) के खंड (ख) की अपेक्षाओं के अनुसार, स्वप्रेरणा से, जनता को नियमित अन्तरालों पर संसूचना के विभिन्न साधनों के माध्यम से, जिनके अन्तर्गत इंटरनेट भी है, इतनी अधिक सूचना उपलब्ध कराने के लिये उपाय करे जिससे कि जनता को सूचना प्राप्त करने के लिये इस अधिनियम का कम से कम अवलंब लेना पड़े”।

The Government of Rajasthan is proud to launch the Jan Soochna Portal, conceptualized in collaboration with peoples’ campaigns of Rajasthan . The Portal which is the first public portal of its kind in the country, is an extension of a Janta Information System, and is aimed to disclose information in the public domain suo-moto as per Section 4(2) of the RTI Act (It shall be a constant endeavour of every public authority to take steps in accordance with the Act to provide as much information suo-moto to the public at regular intervals through various means of communication, including the internet, so that the public have minimum resort to the use of this Act to obtain information).

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की दो योजनाओं की पूर्ण जानकारी इस पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जाएगी –

  1. मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजना (MNDY/MNJY)
  2. आयुष्मान भारत महात्मा गाँधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना (AB MGRSBY)

Portal launching : 13 September 2019, Birla Auditorium, Jaipur (Raj.)

Nodal Officer (Department of Medical & Health) – Dr. Laxman Singh

Portal developer : Department of Information Technology & Communication (DoIT&C)

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राजमेडिकोन 2019 : चिकित्सक संगम, आयोजन और विवाद, पूरी कहानी

राजमेडिकोन 2019 : चिकित्सक संगम, आयोजन और विवाद, पूरी कहानी

राज-मेडिकोन 2019, आइएमए और अरिसदा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चिकित्सक महासंगम का आयोजन 29-30 जून को जयपुर के बिड़ला ऑडीटोरियम में हुआ । आयोजन एतिहासिक था, जिसमें करीब 2500 चिकित्सकों ने हिस्सा लिया, इन चिकित्सकों में प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह के थे, चूँकि यह अरिसदा का पहला अधिकारिक संगम भी था । दो दिन के आयोजन में बहुत सी सेलेब्रिटीज और चिकित्सा जगत के नामी जनों के सेशन्स थे जिनका चिकित्सकों ने भरपूर आनंद लिया, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ऑनलाइन एवं ऑफलाइन थी, नाश्ते, खाने का आयोजन बहुत ही शानदार बताया गया (बटरचिकन नहीं था), हालांकि ड्रिंक्स के दो कूपन मिलने पर चिकित्सक चर्चा करते देखे गये कि इनका क्या उद्देश्य है, साथ ही रेजिडेंट डॉक्टरों को ड्रिंक्स कूपन नहीं मिलने कि चर्चा एवं शिकायत गलियारों में रही । चिकित्सकों ने आयोजन को सराहा और भविष्य में ऐसे आयोजन चिकित्सक एकता की दिशा में करते रहने की आवश्यकता जताई । सरकारी डॉक्टरों के लिए आयोजन में भाग लेने को ड्यूटी माने जाने के आदेश विभाग की तरफ से जारी किये गए, जिससे चिकित्सकों में उत्साह दिखा । एक प्राइवेट लेब कि तरफ से चिकित्सकों कि लिपिड और डायबिटीज प्रोफाइल मुफ्त में जाँची जा रही थी जिसकी रिपोर्ट देखकर भी कई चिकित्सक माथा और पेट पकड़े हुए, सुबह उठकर दौड़ने का प्लान बना रहे हैं ।

कार्यक्रम की आयोजन कमेटी

रजिस्ट्रेशन फीस

साथ ही गारंटी ली गयी थी कि अगर मजा नहीं आये तो पूरा पैसा वापस दिया जायेगा, कुछ चिकित्सकों का कहना है, उन्हें उतना मजा नहीं आया, वे कूपन लेकर डोल रहे हैं, सो अब वे इस गारंटी को भुनाने के प्रयास जल्द ही आयोजनकर्ताओं से मिलकर करेंगे ।

कार्यक्रम का अजेंडा और सेशन

अवार्ड्स

निम्न केटेगरीज में करीब सौ से ज्यादा अवार्ड थे, जिनमें से कई चयन विवादित रहे, नजदीकीवाद दिखा ।

विवाद

निश्चित रूप से इतना बड़ा आयोजन होता है तो कुछ न कुछ छोटा मोटा विवाद से नाता हो ही जाता है लेकिन दैनिक भास्कर के फ्रंट पेज पर न्यूज छप जाने के बाद अंदर कि बातें सार्वजनिक हुई, पहले दिन मंत्रीजी के आंकड़ों के बारे में खबर छपी तो दुसरे दिन मारपीट और बाबा की खबर । बिना फाइनेंस कमेटी और ट्रेजरार कमेटी के आयोजन पर भी कई सवाल अंत में हुई जीबीएम में खड़े हुए, आइएमए सचिव डॉ. जैन शरीर का ताप बढ़ जाने के कारण, समापन जीबीएम में अनुपस्थित रहे । कुछ आइएमए के वरिष्ठ भी साइडलाइन किये जाने से चुपचाप दिखे |

विवाद 1. बेटी-सालीवाद

निश्चित रूप से आयोजनकर्ता का हस्तक्षेप आयोजन प्रक्रिया, अवार्ड्स, सेशन्स, सेलेब्रिटी चयन में रहता है लेकिन उन्हें इस तरह कि स्थिति से जितना हो सके बचना चाहिए, लेकिन जैन शाहब बच नहीं पाए, सपरिवार महामहिम पूर्व राष्ट्रपति के साथ फोटो खिंचवाने, खुद की बेटी जो कि मुंबई में चिकित्सक है उस से महामहिम को स्वागत बुके भेंट करवाने को लेकर सयानों में चर्चा रही लेकिन सबसे अजीब और विकट स्थिति तब उत्पन्न हुई जब शाहब कि साली शाहीबा जो कि एक आरएएस अधिकारी हैं, भ्रष्टाचार में एसीबी में रंगे हाथ पकड़ी गयी थी, अभी सस्पेंड चल रही हैं, उनसे राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री रोहित कुमार सिंह को स्वागत बुके भेंट करवा दिया गया, घटना से चिकित्सक सतब्ध रह गये लेकिन डायस पर पूर्व राष्ट्रपति के होने के कारण चुप्पी साध गए, सयानों का कहना है कि सस्पेंड साली को इस आयोजन से दूर रखा जाना चाहिए था, उसकी फेसवेल्यु बढाने के लिए इस आयोजन का इस्तेमाल न किया जाए, आयोजन के दो दिन पहले राज्य के एक बड़े मीडिया हाउस ने इसका खुलासा भी कर दिया था कि एक भ्रष्ट अधिकारी राजमेडिकोन में अहम रोल अदा कर रही है, तत्पश्चात आयोजकों ने कहा था कि वे इस अधिकारी से किनारा करेंगे लेकिन ऐन मौके पर बेटीसालिवाद फैलाया गया जिस मुद्दे पर शाम 7 बजे के करीब ऑडीटोरियम की सीढ़ियों पर आयोजकों एवं कुछ चिकित्सकों में तनातनी हुई, तत्पश्चात ड्रिंक काउंटर बंद कर दिए गए तो कई चिकित्सकों ने विरोध दर्ज किया, आयोजक बिगड़ते माहौल को देख गाड़ी में भागने लगे तो कुछ लोगों ने गाड़ी को जाने नहीं दिया, लेकिन अरिसदा अध्यक्ष और आईएमए के सयानों के हस्तक्षेप से श्री जैन रवाना हुए और काउंटर, खाना आदि चले, आधी रात तक ।

विवाद 2. बाबावाद

अक्षरधाम अहमदाबाद में बाबा ज्ञानवत्सल जी का मोटिवेशन एवं टेंशनमुक्ति पर सेशन था, पूरा सभागार खचाखच था, अचानक बड़े ही रूड तरीके से अनाउंस किया गया कि आगे कि सात रो से सभी महिला चिकित्सकों को हटाकर पीछे भेज दिया जाए क्यूंकि बाबाजी का प्रोटोकोल है कि वे अपने से करीब दस मीटर तक किसी भी महिला कि उपस्थिति नहीं चाहते, इस अनाउंसमेंट से पूरा ऑडिटोरियम सकते में आ गया, चिकित्सक महिला हो जा पुरुष कैसा भेद ? जब चिकित्सक ही किसी के साथ भेद नहीं करते तो उनके साथ क्यूँ ? वो भी एलाईट डॉक्टर समुदाय में । कई तर्क दिए जाने लगे कि, बाबा फ्लाईट या ट्रेन में नहीं जाते क्या या अपनी माँ से पैदा भी तो हुए हैं, डाउनलोड थोड़े ही हुए हैं । आयोजकों की समझाईस पर यह बात मान ली गयी कि आगे कि दो रो में कोई नहीं बैठेगा, पीछे सब समान तरीके से बैठेंगे, इसी बाबाजी स्टेज पर एक सेकंड से भी कम समय के लिए आये और चलते बने, जो कि फिर अगले दिन दैनिक भास्कर के मुख्य पेज पर आकर रुके । डेलिगेट्स ने आयोजकों के इस बाबा बुलावन को गलत ठहराया ।

“कुछ बड़ा करना हो तो अटैक करना सीखिए – राजस्थान कि महिला चिकित्सकों से”

विवादों को साइड में कर दें तो आयोजन बेहतरीन रहा, डॉ. वीके जैन का मुंबई से आया मेरा दोस्त वाला, डॉ. अजय चौधरी का जोशीला भाषण और डॉ. वशिष्ठ का बाबा पश्चात कंट्रोल डेमेज सेशन चर्चा में रहे ।

आशा है भविष्य में ऐसे आयोजन सादगी से बिना किसी विवाद के होंगें और चिकित्सा एकता एक अलग ऊंचाई पर जाएगी ।

Rajasthan : DACP promotion chaos

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सरकारी डॉक्टरों पर बाबूराज…

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