नेशनल टेस्टिंग एजेंसी:3 साल में नीट के आवेदन शुल्क से कमाए 5 अरब 65 करोड़, आंसर-की पर ऑब्जेक्शन से हासिल हुए 200 करोड़

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को पिछले 3 सालों में नीट-यूजी के आवेदनों से ही 5 अरब 65 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। 2019 से नीट का आयोजन एनटीए को सौंपा गया था। अभी तक एनटीए ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है। वहीं, इन तीन सालों में मात्र आंसर-की पर ऑब्जेक्शन से एजेंसी को करीब 200 करोड़ रुपए हासिल हुए हैं। एनटीए की ओर से जारी आंसर-की में दिए गए उत्तरों पर आपत्ति के लिए छात्र से प्रति सवाल 1000 रुपए लिए जाते हैं।

आपत्ति सही होने पर ही यह शुल्क लौटाया जाता है। वहीं ओएमआर पर ऑब्जेक्शन से भी एनटीए को लाखों की कमाई हुई है। हाल में मेडिकल एक्टिविस्ट विवेक पांडे की ओर से लगाई गई आरटीआई में ये तथ्य सामने आए हैं। विवेक का कहना है कि ऑडिट या एनुअल रिपोर्ट जारी करके एनटीए, सिस्टम काे पारदर्शी बना सकता है। इस साल ट्रेंड में एक और फर्क देखने को मिला है। पिछले साल 977 स्टूडेंट्स ने ओएमआर और 9760 ने आंसर-की पर ऑब्जेक्शन किया था। इस साल ट्रेंड पलट गया है। इस वर्ष 1551 छात्रों ने ओएमआर पर और 4070 ने आंसर-की पर आपत्ति की है।

ओएमआर पर चैलेंज सही साबित करना बेहद मुश्किल
एनटीए छात्रों के रेस्पॉन्स की स्कैन्ड कॉपी जारी करके ऑब्जेक्शन मांगता है, छात्र ऑब्जेक्शन करते हैं, लेकिन उसे सही साबित करना बड़ी चुनौती होता है। दरअसल, नीट में 180 सवाल हल करने होते हैं। 180 सवालों के सभी उत्तर याद रखना संभव नहीं होता। एनटीए भी एग्जाम के दिन दिए गए रेस्पॉन्स का कोई दस्तावेज छात्रों को नहीं देता है। अगर छात्र सही भी चैलेंज करता है तो उसे साबित करना बड़ा मुश्किल होता है।

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