Dr. YS Sachan death case

Dr. YS Sachan death case: Ban on summoning many officers including former DGP to court

10.08.2022
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पूर्व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी (डिप्टी सीएमओ) डॉ वाईएस सचान की जेल में संदिग्ध परिस्थिति में मौत के मामले में विशेष अदालत के सात जुलाई, 2022 के आदेश पर रोक लगाते हुए पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कर्मवीर सिंह, तत्कालीन अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) विजय कुमार गुप्ता और अन्य को बड़ी राहत दी है।उच्‍च न्‍यायालय ने डॉ. सचान की जेल में मौत के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा बतौर अभियुक्त तलब किए गए तत्कालीन डीजीपी कर्मवीर सिंह, तत्कालीन अपर डीजीपी विजय कुमार गुप्ता एवं तत्कालीन जेलर भीमसेन मुकुंद के खिलाफ गत सात जुलाई को जारी तलबी आदेश पर रोक लगा दी है।अदालत ने डॉ. सचान की पत्नी मालती सचान को नोटिस जारी कर उनको इस मामले में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट, सीबीआई के सात जुलाई के आदेश पर अंतरिम रोक केवल याचिकाकर्ताओं के लिए रहेगी।न्यायमूर्ति ए के श्रीवास्तव की पीठ ने उपरोक्त तीनों पूर्व अधिकारियों की ओर से अलग-अलग दाखिल याचिकाओं पर यह आदेश दिया। आदेश सोमवार को जारी किया गया। पीठ ने अपने आदेश में सीबीआई के अधिवक्ता अनुराग कुमार सिंह की दलील को आधार बनाया, जिसमें उन्होंने कहा था सीबीआई ने मामले की बारीकी से जांच की थी और डॉ. सचान की मृत्यु को आत्महत्या पाए जाने के बाद ही क्लोजर रिपोर्ट लगाई गई थी।याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि मामले में सीबीआई जांच कर चुकी थी और डॉ. सचान की मृत्यु को आत्महत्या पाते हुए क्लोजर रिपोर्ट भी दाखिल की गई थी। यह भी दलील दी गई कि सरकारी अधिकारी होने के कारण याचिकाकर्ताओं को तलब किए जाने से पूर्व शासन से संस्तुति प्राप्त करना अनिवार्य था।उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सचान कथित राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में मुख्य आरोपी थे। यह घोटाला स्वास्थ्य केंद्रों को उन्नत करने के मद में जारी करोड़ों रुपये का गबन से संबंधित है। डॉ. सचान एनआरएचएम घोटाला मामले में न्यायिक हिरासत में थे और 22 जून 2011 को लखनऊ जेल में संदिग्ध परिस्थिति में उनकी मौत हो गई थी।यहां की एक अदालत ने पूर्व डीजीपी सिंह, तत्कालीन एडीजी गुप्ता, तत्कालीन लखनऊ जेल के जेलर भीम सेन मुकुंद को एक दशक पहले जेल में डॉ.सचान को मारने की साजिश रचने के आरोप में मुकदमे का सामना करने के लिए तलब किया था।उनकी मौत के सिलसिले में 26 जून, 2011 को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ थाना गोसाईगंज में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. इसके बाद डॉ सचान की मौत की न्यायिक जांच शुरू हुई। 11 जुलाई 2011 को न्यायिक जांच रिपोर्ट में डॉ सचान की मौत को हत्या करार दिया गया। 14 जुलाई, 2011 को उच्‍च न्‍यायालय ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी।27 सितंबर, 2012 को सीबीआई ने जांच के बाद डॉ सचान की मौत को आत्महत्या करार देते हुए अंतिम रिपोर्ट दाखिल किया।डॉ.सचान की पत्नी मालती सचान ने सीबीआई की अंतिम रिपोर्ट को चुनौती दी. सीबीआई की विशेष अदालत ने उनकी अर्जी स्वीकार करते हुए सीबीआई को अतिरिक्त कार्रवाई का आदेश दिया. नौ अगस्त, 2017 को सीबीआई ने फिर से अंतिम रिपोर्ट दाखिल किया। 19 नवंबर, 2019 को सीबीआई अदालत ने इसे भी खारिज कर दिया और मालती सचान की अर्जी को परिवाद के रूप में दर्ज किया।मालती सचान ने अदालत में न्यायिक जांच रिपोर्ट के अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मेडिकल एक्सपर्ट ओपिनियन और पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉक्टरों के बयान के साथ ही सीबीआई द्वारा दर्ज बयानों का भी हवाला दिया। सात जुलाई 2022 को सीबीआई अदालत ने डॉ सचान की मृत्यु को हत्या का मामला मानते हुए, तत्कालीन डीजीपी सिंह, तत्कालीन एडीजीपी गुप्ता एवं लखनऊ जोन के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुबेश कुमार सिंह समेत लखनऊ जेल के तत्कालीन जेलर बीएस मुकुंद, डिप्टी जेलर सुनील कुमार सिंह, प्रधान बंदीरक्षक बाबू राम दूबे और बंदीरक्षक फहींद्र सिंह को हाजिर होने का आदेश दिया था।

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Fire at Jabalpur hospital

Fire breaks out at Netaji Subhas Chandra Bose Medical Hospital in Jabalpur, no casualties

10.08.2022
जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल अस्पताल के शिशु वॉर्ड के करीब आग लग गई। हालांकि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। लेकिन एक बार फिर मध्यप्रदेश में फायर एनओसी और फायर सेफ्टी को लेकर बहस तेज हो गई है। जानकारी के अनुसार सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के बच्चा वार्ड में 40 बच्चे भर्ती थे, जब उसके करीब शॉर्ट सर्किट हुआ. जिसके चलते वार्ड में धुआं फैल गया और लाइट चली गई।गौरतलब है कि पिछले डेढ़ साल में प्रदेश के छह अस्पतालों में आगजनी से 23 लोगों की मौत हुई है। बता दें कि अस्पताल खोलने या नवीनीकरण के लिए 12 दस्तावेज मांगे जाते हैं। इसमें 11 तो जरूरी हैं लेकिन फायर एनओसी नहीं। सिर्फ फायर एनओसी के लिए आवेदन की पावती के आधार पर पिछले 2 साल में राज्य में 200 से ज्यादा नए अस्पतालों को मंजूरी दे दी गई है। हालांकि सरकार की तरफ से अकेले जबलपुर में फायर एनओसी नहीं होने तथा अन्य कमियां पाये जाने पर अब तक 24 अस्पतालों के पंजीयन निरस्त किये जा चुके हैं।नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने पूरे मामले पर कहा है कि फायर एनओसी नगर निगम देता है फिर हेल्थ डिपार्टमेंट लाइसेंस देता है। फायर एनओसी का पालन संबंधित लोगों ने किया है या नहीं ये देखना चाहिये, ये दोनों तरफ से लापरवाही होती है। इसलिये इस तरह की घटना होती है। इसमें सरकार सख्ती से कार्रवाई कर रही है।

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Doctors pray to god before surgery

Does medical science also believe in God? You will also ask the same question after watching VIDEO

डॉक्टर भी कठिन परिस्थितियों और मुश्किल वक्त में ईश्वर को याद करते हैं। इसका अंदाजा हाल ही में वायरल इस वीडियो को देखकर लगाया जा सकता है, जिसमें डॉक्टर्स और नर्सेस की टीम को ऑपरेशन से पहले प्रार्थना करते हुए देखा जा रहा है।हमारे देश में डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है, लेकिन धरती के ये भगवान भी उस परमपिता और अदृष्य शक्ति पर भरोसा करते हैं, जो इस संसार को चला रही है।भले ही साइंस कितनी ही आगे निकल जाए, लेकिन कोई भी ‘दैवीय शक्ति’ को नकार नहीं सकता। इसका अंदाजा वायरल हो रहे इस वीडियो को देखकर लगाया जा सकता है।डॉक्टर भी कठिन परिस्थितियों और मुश्किल वक्त में ईश्वर को याद करते हैं। ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें डॉक्टर्स और नर्सेस की टीम को ऑपरेशन से पहले प्रार्थना करते हुए देखा जा सकता है।

NMC investigate from Dolo company

To which doctors-professionals gave gifts of 1000 crores, NMC sought answers from Dolo manufacturer pharmaceutical company

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने आयकर विभाग से उन डॉक्टरों का ब्योरा मांगा है, जिन्होंने डोलो 650 बनाने वाली माइक्रो लैब्स सहित छह दवा कंपनियों से कथित तौर पर मुफ्त गिफ्ट लिए. आयकर विभाग के प्रशासनिक निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने जुलाई में व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली डोलो-650 टैबलेट के निर्माताओं पर गलत चिजों में लिप्त होने और चिकित्सा पेशेवरों एवं डॉक्टरों को इसके उत्पादों को बढ़ावा देने के बदले में लगभग 1,000 करोड़ रुपये के मुफ्त उपहार वितरित करने का आरोप लगाया था. बता दें कि आयकर विभाग ने छह जुलाई को बेंगलुरु स्थित माइक्रो लैब्स लिमिटेड के खिलाफ नौ राज्यों में 36 परिसरों पर छापेमारी की थी.एनएमसी ने गत तीन अगस्त को एक पत्र में, सीबीडीटी के अध्यक्ष नितिन गुप्ता से शामिल डॉक्टरों के नाम, पंजीकरण संख्या और पते भेजने का अनुरोध किया था ताकि उन विवरणों को सूचना एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित राज्य चिकित्सा परिषदों को भेजा जा सके. एनएमसी के नैतिकता और चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड (ईएमआरबी) के सदस्य डॉ. योगेंद्र मलिक ने पत्र में समय-समय पर संशोधित भारतीय चिकित्सा परिषद (व्यावसायिक आचरण, शिष्टाचार और नैतिकता) विनियम, 2002 की धारा 6.8 की ओर ध्यान आकर्षित किया, जो दवा कंपनियों और संबद्ध स्वास्थ्य क्षेत्र उद्योग के साथ डॉक्टरों के संबंधों में आचार संहिता निर्धारित करता है।उन्होंने कहा कि यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि पहली बार, पंजीकृत चिकित्सक द्वारा पेशेवर कदाचार के संबंध में किसी भी शिकायत का निस्तारण संबंधित राज्य चिकित्सा परिषद द्वारा किया जाना है. मलिक ने कहा कि मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि नैतिकता और चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड (ईएमआरबी), राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग पंजीकृत चिकित्सकों के जीवन में नैतिकता लाने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी कदाचार को बर्दाश्त नहीं करेगा

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Checks stopped in sms jaipur

Work-disruption system in SMS Hospital, check stopped due to bad machines

08.08.2022
एसएमएस अस्पताल डेढ़ साल से कार्यवाहक अधीक्षक के भरोसे है। अस्थाई अधीक्षक डॉ. विनय मल्होत्रा के पास एसएमएस के साथ-साथ सुपर स्पेशलिटी का भी जिम्मा है। कर्मचारियों की लापरवाही और घोटालों से नाराज डॉ. मल्होत्रा का दर्द छलक उठा। उनका कहना है अधीक्षक पद पर स्थाई नियुक्ति हो तभी बेहतर होगा। लापरवाही और घोटाले स्थाई हैं और मैं अस्थाई। कार्यवाहक सिर्फ, कार्यवाहक ही होता है। सिस्टम स्थाई अधीक्षक ही सुधार सकता है।

2000 तक के एलर्जी टेस्ट और 900 की एनटीसीसीपी समेत 7 जांचें नहीं
अफसर और बाबुओं की मनमानी से 2 महीने पहले आईं 2 जांच मशीनें शुरू नहीं हो सकी हैं। अस्पताल अधीक्षक मशीनों को शुरू करने के लिए 3 बार बोल चुके हैं, लेकिन हालात नहीं सुधरे। मशीनें शुरू नहीं होने के कारण करीब 2000 रुपए तक वाली एलर्जी, 900 रुपए की एनटीसीसीपी समेत 7 तरह की महंगी जांचें बंद हैं। ओपीडी में हर दिन एलर्जी के 100 से अधिक केस आते हैं। इनमें से 40 फीसदी मरीजों की जांचें होती हैं। इन सभी मामलों में उनका कहना है कि मैं कई बार इनसे कह चुका हूं लेकिन सुविधाएं शुरू नहीं हुईं। इस पर सख्ती की जाएगी।

सैटेलाइट-कांवटिया भी कार्यवाहक के भरोसे हैं
एसएमएस अस्पताल के अलावा कांवटिया और सैटेलाइट अस्पताल शास्त्रीनगर भी कई सालों से कार्यवाहक अधीक्षक के भरोसे ही हैं। यही कारण है कि इन अस्पतालों में भी व्यस्थाएं नहीं सुधर पा रही हैं। चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी लगातार इन अस्पतालों की अनदेखी कर रहे हैं। इन अस्पतालों में भी मरीजों से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता है।

डॉक्टरों के ट्रांसफर में बिजी अफसर
एसएमएस अस्पताल के प्रमुख पद ही कार्यवाहक के जिम्मे हैं और चिकित्सा विभाग सिर्फ डॉक्टरों के ट्रांसफर में व्यस्त है। इन ट्रांसफर में भी अफसरों ने जमकर गलतियां कीं और सरकार की किरकिरी कराई। मेडिकल कॉलेज में एडिशनल प्रिंसिपल के रिक्त पद को भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए।

स्थाई अधीक्षक से ही बेहतर काम
स्थाई पद हो तो काम आसान होता है। आमजन को बेहतर इलाज मिले इसके लिए कोशिशें की जा रही हैं। सुपर स्पेशलिटी सेंटर को भी बेहतर चलाया जाना है और उसकी भी जिम्मेदारी है। – डॉ. विनय मल्होत्रा, कार्यवाहक अधीक्षक, एसएमएस

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Medical tourism grow in india

India is leaving the world behind in medical tourism, made it to the top 10 countries

भारत के कई टूरिज्म प्लेस के बारे में तो आपने सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि भारत मेडिकल टूरज्म के मामले में दुनिया के 10 स्थानों में शामिल हो गया है। इलाज के लिहाज से आज भारत को बिल्कुल सही जगह माना जा रहा है।देश में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन मंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय चिकित्सा और कल्याण पर्यटन बोर्ड का गठन किया है। इसके अलावा पर्यटन मंत्रालय अपनी जारी गतिविधियों के तहत देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों और प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए ‘अतुल्य भारत’ ब्रांड-लाइन के तहत विदेशों के महत्वपूर्ण व संभावित बाजारों में वैश्विक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन मीडिया कैंपेन चलाता है‌।मेडिकल टूरिज्म को लेकर मंत्रालय के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नियमित रूप से डिजिटल पोस्ट भी किए जाते हैं।

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Doctor committed suicide in indore

Doctor committed suicide in Indore

08.08.2022
इंदौर में बड़वाह (खरगोन) के सरकारी अस्पताल में पदस्थ एक डॉक्टर ने अपने ससुराल में फांसी लगाकर जान दे दी। वह शनिवार को पत्नी और 13 महीने की बेटी के साथ इंदौर आए थे। रविवार सुबह पत्नी ने उन्हें फंदे पर लटके देखा और अपने पिता को घटना की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।पुलिस के मुताबिक अभी कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। यह जानकारी सामने आई है कि खुदकुशी करने वाले डॉक्टर का इंदौर के रिहेब सेंटर में तीन माह तक इलाज चला था। उन्हें सोमवार को दोबारा रिहेब सेंटर ले जाने की तैयारी थी। लेकिन वे जाने को तैयार नहीं थे।

पत्नी ने देखा सबसे पहले

इंदौर के द्वारकापुरी TI सतीश द्विवेदी के मुताबिक घटना ग्रेटर वैशाली की है। यहां डॉक्टर अनिल सोलंकी (35) पुत्र स्व. बाबूसिंह सोलंकी निवासी बड़वानी ने अपने ससुराल में फांसी लगाकर जान दे दी। पत्नी नंदिनी ने उन्हें सुबह फंदे पर लटके देखा था। डॉ. अनिल की 2019 में शादी हुई थी। उनकी 13 माह की बेटी भी है। साला भी पेशे से डॉक्टर है ओर ससुर रिटायर्ड फूड ऑफिसर है। पत्नी नंदिनी से सुबह पति को फंदे पर लटके देखा। जिसके बाद पिता माधव सिंह को जानकारी दी।

रिहेब सेंटर में चला था उपचार

पुलिस के मुताबिक डॉ. अनिल ने इंदौर के एक रिहेब सेंटर में उपचार कराया था। उनके पिता की काफी समय पहले मौत हो चुकी है। छोटा भाई भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। पुलिस पूरे मामले में जांच कर रही है। पहले पुलिस द्वारा इनकी पोस्टिंग बड़वानी बताई जाती रही, लेकिन बाद में परिवार ने पुलिस को स्पष्ट किया कि वे खरगोन जिले के बड़वाह के सरकारी अस्पताल में पदस्थ थे।

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NMC team check medical college

The team of Indian Medical Council (NMC) will come this month to see the arrangements in the medical college of Sikar.

08.08.2022
मेडिकल काॅलेज की व्यवस्थाएं देखने इसी माह इंडियन मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) की टीम अाएगी। निरीक्षण के बाद थर्ड ईयर शुरू करने का फैसला हाेगा। थर्ड ईयर में 100 स्टूडेंट काे प्रवेश दिया जाएगा। मेडिकल काॅलेज और राजमेस के अधिकारियाें ने फैकल्टी, उपकरण और नाॅन क्लीनिकल स्टाफ की भर्ती कर रहे हैं।टीचिंग फैकल्टी के आवेदन लेकर चयन कर लिया है। 12 अगस्त ज्वाइनिंग की अंतिम तिथि है। मेडिकल काॅलेज में सर्जरी डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्राेफसर, गायनिक में एसाेसिएट, मेडिसिन में असिस्टेंट, पीसीएम में एसाेसिएट प्राेफेसर के एक-एक पर नियुक्ति हाेगी। रेडियाेलाॅजी डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्राेफेसर का पद भरने की कवायद चल रही है। सीनियर डेमाेस्ट्रेटर के पद भी भरे जाएंगे। मेडिकल काॅलेज स्तर पर सीनियर रेजीडेंट और जूनियर रेजीडेंट के पद भरने काे लेकर प्रक्रिया पूरी कर ली है।मेडिकल काॅलेज की लैब में उपकरण और लाईब्रेरी में पुस्तकें समेत दूसरी सुविधाएं भी जुटा ली है। अटैच एसके अस्पताल में भी सुविधाएं जुटाई जा रही है। अस्पताल में निर्धारित बैड की संख्या, ऑपरेशन थिएटर, लेबाेरेट्री समेत तमाम सुविधाएं पहले से ही संचालित है।

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Corona infection in Alwar

Corona infection in Alwar, government doctors and CISF jawans found positive

08.08.2022
जिले में काेराेना संक्रमण तेजी से बढ़ने लगा है। शनिवार काे अकबरपुर सीएचसी का डाॅक्टर और सीआईएसएफ सेंटर अनंतपुरा के जवान सहित 89 नए पाॅजिटिव मिले। 24 घंटे में पिछले 3 महीने में काेराेना पाॅजिटिव मरीजाें की यह सबसे बड़ी संख्या है।चिकित्सा विभाग के अनुसार बहराेड़ ब्लाॅक में सर्वाधिक 29, अलवर शहर व तिजारा में 8-8, मालाखेड़ा, लक्ष्मणगढ़ व रामगढ़ में 7-7, काेटकासिम, भिवाड़ी, राजगढ़ व नीमराना में 4-4, रैणी में 3, खेड़ली में 2, शाहजहांपुर व मुंडावर में 1-1 पाॅजिटिव मिले हैं।जिले में अब एक्टिव केस बढ़कर करीब 225 हाे गए हैं। चिकित्सा विभाग के अनुसार अलवर शहर में पुलिस लाइन, कालाकुआं, जाट काॅलाेनी दाे साै फुट राेड, लाजपत नगर, नाथकी बगीची, मालाखेड़ा में सीरावास, अहमदपुर, पलखड़ी, कालीखाेल, काेटकासिम, भाेजराजका की ढाणी, मकडावा, जमालपुर, बहराेड़, बर्डाेद, अजमेरीपुर, ढिस, कांकरा, नांगल खाेडिया, डूमराेली, गाेलावास, भिटेडा, रामगढ़, सैंथली,मिलकपुर,अकलीमपुर, लक्ष्मणगढ़ में बड़ाैदामेव, दीनार, बसई सैदावत, कफनवाड़ा,हिगाेटा, सैमला खुर्द, तिलवाड़, राजगढ़ में शिंभूबास, राजपुरबड़ा, टहला, खेड़ली में हाजीपुर, मेठाना, रैणी में पाटन, बीलेटा व माेराेदकलां, नीमराना में चाैबारा, सक्तपुरा,शाहजहांपुर में जाैनायचा कलां, मुंडावर में भीखावास, तिजारा ब्लाॅक में काराेली, खिजूरीवास, करनकुंज, नंदरामपुर, निंबाहेडी, शाहबाद, टपूकड़ा व गंधाेला चाैपानकी, भिवाड़ी में भिवाड़ी गांव व मिलकपुर में पाॅजिटिव केस मिले हैं। एक सीकरी भरतपुर और एक काेटपूतली का केस पाॅजिटिव मिला है।

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NMC approves 2 new medical colleges

NMC approves 2 new medical colleges in Gujarat

08.08.2022

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने हाल ही में राज्य में दो नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी है, एक पंचमहल जिले के गोधरा में और दूसरा पोरबंदर में।एनएमसी द्वारा 29 जुलाई को दो कॉलेजों का निरीक्षण किया गया था, जिसके बाद उन्होंने एक सप्ताह से भी कम समय में मंजूरी जारी कर दी थी।वर्तमान में, राज्य में 30 मेडिकल कॉलेज हैं जिनमें निजी, सरकारी और अनुदान प्राप्त कॉलेज शामिल हैं, जिनमें कुल उपलब्ध मेडिकल सीटों की संख्या 5,500 है।नए स्वीकृत दो कॉलेजों में प्रत्येक में 100 सीटें होंगी, जिससे राज्य में उपलब्ध मेडिकल सीटों की कुल संख्या बढ़कर 5,700 हो जाएगी।राज्य में प्रस्तावित पांच नए मेडिकल कॉलेजों में से एनएमसी ने उनमें से दो के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। अन्य तीन प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज राजपीपला, नवसारी और मोरबी में स्थित हैं। एनएमसी ने कथित तौर पर राजपिपला, नवसारी और मोरबी में अन्य तीन प्रस्तावित मेडिकल कॉलेजों का भी निरीक्षण किया था।स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों का निर्माण 660 करोड़ रुपये और प्रत्येक में 330 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। और सूत्रों के अनुसार, खर्च का 60% केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा जबकि शेष 40% राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।यह कहते हुए कि दो कॉलेजों को एनएमसी द्वारा अनुमोदित किया गया है, गुजरात के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, मनोज अग्रवाल ने कहा, “प्रत्येक में 100 एमबीबीएस सीटें होंगी। इससे राज्य के छात्रों को बड़े पैमाने पर मदद मिलेगी।” उन्होंने कहा कि वे उम्मीद कर रहे हैं कि एनएमसी जल्द से जल्द तीन अन्य कॉलेजों के लिए भी मंजूरी दे देगा।नए कॉलेजों में प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, छात्रावास, ट्यूटर और पैरामेडिकल स्टाफ जैसी सुविधाएं होंगी। गुजरात मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सोसाइटी (जीएमईआरएस) ने हाल ही में प्रस्तावित नए कॉलेजों में मेडिकल कॉलेजों में शिक्षक के रूप में काम कर रहे 258 डॉक्टरों को स्थानांतरण आदेश जारी किए थे।

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