जैसलमेर के सबसे बड़े जवाहर अस्पताल की हालत बद से बदतर

30.5.2022
जिले के सबसे बड़े अस्पताल की ऐसी हालत दुर्भाग्यपूर्ण है, मोर्चरी में पोस्टमॉर्टम के सिस्टम और बयां करती तस्वीरें यह साबित करती है कि सरकारी अस्पतालों को इतना फंड मिलने के बावजूद उनमें मरीजों को दी जाने वाली सेवाएं दुरुस्त करने की काफी जरूरत है।

जैसलमेर के सबसे बड़े अस्पताल की व्यवस्था देखने लायक नहीं है क्योंकि यहां पर मरीजों की पर्याप्त देखरेख व इलाज के लिए अत्याधुनिक मशीनों की कमी है जिसके अंतर्गत बड़ी-बड़ी समस्याओं से जूझते हुए मरीजों का इलाज होना असंभव है। इससे बुरे हाल यहां की मोर्चरी के हैं जहां शवों को रखा जाता है,मोर्चरी में से आती दुर्गंध यह बताती है कि मोर्चरी में ना ही कोई डीप फ्रीज है और ना ही कोई सुविधा , जिसमें शवों को रखा जाता है, वही पोस्टमॉर्टम करने के लिए ना कोई अत्याधुनिक औजार है बल्कि पुराने तौर-तरीकों व पोस्टमॉर्टम करते वक्त खोपड़ी तोड़ने के लिए छेनी का इस्तेमाल करना पड़ता है। सरकार द्वारा समय-समय पर सरकारी अस्पतालों पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं परंतु हालत अभी भी देखने योग्य नहीं है, इससे ना केवल डॉक्टरों बल्कि मरीजों के परिजनों का भी मनोबल व धैर्य टूटता है और सरकारी अस्पतालों की ओर विश्वास कम होता है।

Facebook Comments