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After giving the appointments in the Community Health Officer (CHO) held on 10th November 2020 in Rajasthan, now the paper link has been revealed.

16.06.2022
प्रदेश में पेपर लीक मामलों से त्रस्त बेरोजगारों के लिए एक और मायूसी भरी खबर है। कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) भर्ती की 10 नवंबर 2020 को हुई परीक्षा का पेपर भी लीक हुआ था। प्रशिक्षण और नियुक्ति के 3 माह बाद एसओजी ने पेपर लीक मानते हुए सोमवार को केस दर्ज किया है। एसओजी ने जागृति विद्या मंदिर उच्च माध्य स्कूल उद्योग नगर निवारू रोड झोटवाड़ा से पेपर लीक माना है। इस स्कूल का संचालक धीरज शर्मा कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक में पहले से गिरफ्तार है।एसओजी ने जागृति स्कूल की परीक्षा के बाद जमा कराई गई सामग्री जांची। इसके बाद बनी जांच कमेटी ने सेंटर की ओर से जमा कराए उन अभ्यर्थियों के प्रश्न पत्र खंगाले, जो परीक्षा में अनुपस्थित रहे थे। सामने आया कि स्कूल ने ऐसे 18 पेपर वापस जमा कराए, जिनमें से 2 पेपर की सील खुली हुई थी। जो छात्र परीक्षा में नहीं आए, परीक्षा से पहले उनके पेपर खोले गए और पेपर लीक कर दिया गया।इसे आधार मानते हुए परीक्षा के डेढ़ साल बाद एसओजी में मुकदमा दर्ज हुआ है। अब एसओजी आगे की जांच कर रही है।

Doctor surprised to see Rahul’s normal BP, pulse in hospital after removing Rahul who fell in borewell in Janjgir Champa, Chhattisgarh

16.06.2022
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल में फंसे राहुल को 106 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन बाद मंगलवार देर रात सुरक्षित निकाल लिया गया। रेस्क्यू के फौरन बाद उसे बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। राहुल शुक्रवार को दोपहर करीब 2 बजे 60 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था। प्रशासन, SDRF, NDRF और सेना ने इस ऑपरेशन को बिना रुके अंजाम दिया। ये देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन बताया जा रहा है। इससे पहले हरियाणा के कुरूक्षेत्र में 21 जुलाई 2006 को 50 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 5 साल के प्रिंस को 50 घंटे में बचाया गया था।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे। वो राहुल के परिजनों के संपर्क में थे। मंगलवार रात उन्होंने सोशल मीडिया पर रेस्क्यू ऑपरेशन कामयाब होने की जानकारी दी। CM ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान गड्‌ढे में एक सांप भी आ गया था। मगर खतरा टल गया। काफी लोग घटनास्थल के पास मौजूद थे।जैसे ही राहुल को बाहर निकाला गया जवानों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। लोगों ने रेस्क्यू टीम के लिए तालियां बजाईं और पटाखे चलाए। लोगों ने SDRF, NDRF और सेना के जवानों को गोद में उठा लिया।

Patna Health Minister Mangal Pandey and Department’s Additional Chief Secretary Pratyaya Amrit gave instructions to maintain order in Patna hospitals for corona patients

15.06.2022
पटना सहित प्रदेश में इन दिनों कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती देख स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी सिविल सर्जन और सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पदाधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में व्यवस्था दुरूस्त रखें।बेड, ऑक्सीजन, दवा, वेंटिलेंटर, आईसीयू तमाम चिकित्सकीय सुविधाओं को पहले से दुरूस्त करके रखें। जिससे कोरोना मरीज कभी भी अस्पताल पहुंचे तो उसका तुरंत इलाज शुरू हो जाए। मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग कर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी जिलों के सिविल सर्जन और अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट और अन्य पदाधिकारी से चर्चा की।अस्पतालों का दावा है कि मरीजों की संख्या बढ़नी शुरू होगी तो उसी के अनुसार बेडों की संख्या भी बढ़ा दी जाएगी। पीएमसीएच, एनएमसीएच, पटना एम्स, आईजीआईएमएस में इलाज की व्यवस्था रखी गई है। पीएमसीएच, आईजीआईएमएस और एनएमसीएच में ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था है। इसलिए यहां ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी।

Government Maharaj Tukojirao Kholkar (MTH) Hospital of Indore lost power due to rat entering the feeder, the hospital depended on generator for 6 hours

13.06.2022
सरकारी महाराज तुकोजीराव होलकर (एमटीएच) अस्पताल में शनिवार को अजीब स्थिति बन गई। अचानक बिजली गई तो जनरेटर शुरू हो गया, लेकिन इसके बाद जब बिजली वापस आई तब भी जनरेटर का बैकअप कट नहीं हुआ। बिजली का जो फीडर लगा है, वह चालू नहीं हुआ। डॉक्टर्स व स्टाफ परेशान होते रहे। स्थिति यह हो गई कि डीन को खुद रात को अस्पताल जाना पड़ा। करीब छह घंटे मशक्कत चली। फीडर को जांचा गया तब जाकर पता लगा कि उसमें चूहा घुस गया है।मेडिकल कॉलेज के अधिकारी पीडब्ल्यूडी के अफसरों को बार-बार फोन लगाते रहे। रात करीब साढ़े तीन बजे चूहा पकड़ में आया तब जाकर अस्पताल कर्मियों ने राहत की सांस ली। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित का कहना है कि बार-बार बिजली फॉल्ट होने की सूचना मिली थी। जनरेटर चालू था, लेकिन फीडर में कुछ परेशानी थी, जिसके कारण ऐसी स्थिति बनी। मरीजों को कोई परेशानी नहीं हुई। हम सभी अस्पतालों में व्यवस्थाओं की जांच करवा रहे है।एमटीएच में बिजली फीडर के साथ जनरेटर भी उपलब्ध है। इसकी क्षमता आठ से दस घंटे की है। शनिवार को बारिश शुरू होने के करीब छह घंटे तक बिजली फॉल्ट बना रहा। जब फीडर से बिजली बैकअप नहीं आया तो सभी का ध्यान गया। यदि थोड़ी देर यही स्थिति रहती तो अस्पताल में सभी परेशानी में आ जाते। यहां रोजाना 70 से 80 प्रसव होेते हैं।

Case of lack of space in dialysis center in Begusarai Sadar Hospital due to more patients

13.06.2022
गरीब मरीजों के लिए संजीवनी का काम कर रही सदर अस्पताल का डायलिसिस सेंटर अब मरीजों की संख्या को देखते हुए छोटा पड़ने लगा है। सात बेड वाले पीपीपी मोड पर संचालित डायलिसिस सेंटर पर रोजाना 23 मरीजों का डायलिसिस होता है। एक मरीज के डायलिसिस में तीन से चार घंटे लगते हैं तथा एक मरीज को सदर अस्पताल में डायलिसिस कराने से 40 हजार रुपए की बचत होती है।बलिया के शशिभूषण ने बताया कि 8 महीने से उनकी डायलिसिस हो रही है अगर मुझे प्राइवेट में डायलिसिस करानी पड़ती तो साढ़े तीन लाख से भी ज्यादा रुपए खर्च होते और मेरी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि मैं इतना खर्च कर पाता। बेगूसराय जिला के अलावे खगड़िया, समस्तीपुर, सिमरी बख्तियारपुर, मोकामा, लखीसराय के किडनी मरीज डायलिसिस कराने पहुंच रहे है, जिसकी वजह से डायलिसिस के लिए 7 बेड भी अब कम पड़ने लगा है।इसको लेकर तीन डायलिसिस बेड लगाने के प्रस्ताव जगह की कमी के कारण ठंडा बस्ता में पड़ा हुआ है, तो दूसरी ओर किडनी के 10 मरीजों का बेड की कमी होने के कारण उनका डायलिसिस ही नहीं हो पा रहा है, क्योंकि पूर्व से 65 मरीज यहां नियमित रूप से सप्ताह में दो बार और कुछ मरीजों का सप्ताह में तीन बार डायलिसिस सेवा देनी पड़ रही है। साथ ही पांच हेपेटाइटिस सी से प्रभावित मरीजों को भी यहां निशुल्क डायलिसिस सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

In a research conducted at Jaipur’s Women’s Hospital Sanganeri Gate and Janana Hospital Chandpol, a team of doctors administered umbilical cord blood to 168 critically ill newborns soon after birth, increased blood levels in 4 months, gave life

13.06.2022
कोख में बच्चे को नाभि के जरिए मां से जोड़ने वाली गर्भनाल को शिशु के जन्म के बाद काटकर फेंक दिया जाता है लेकिन चिकित्सा विज्ञान में हुए नए शोध के आधार पर गर्भनाल का खून नवजात के लिए संजीवनी साबित हो रहा है। जयपुर के महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट और जनाना अस्पताल चांदपोल में हुए शोध में जन्म के तुरन्त बाद 168 नवजात को गर्भनाल का खून चढ़ाया गया। चार माह बाद डॉक्टरों की टीम के शोध में खुलासा हुआ कि बच्चे में खून की कमी नहीं हुई।गंभीर हालत में भी बच्चे को आईसीयू में या ऑक्सीजन पर नहीं लेना पड़ा। साइड इफेक्ट भी नहीं मिला। टीम में डॉ. सुनील गोठवाल, डॉ. कैलाश मीणा, डॉ. आनंद कुमावत, डॉ. विवेक अडवानी शामिल रहे। यह शोध राष्ट्रीय स्तर के जर्नल ऑफ पेरिनेटोलोजी में अप्रेल-2022 में प्रकाशित हुआ है।

50 thousand rupees were sought from the relatives for handing over the dead body to Samastipur Sadar Hospital in Patna, the Health Minister ordered an inquiry

10.06.2022
सदर अस्पताल में एक अज्ञात शव की पहचान के बाद उसे स्वजन को सौंपने के एवज में पोस्टमार्टम कर्मी ने 50 हजार रुपये मांगे। स्वजन गांव लौटे और घर-घर जाकर राशि जुटाने के लिए भीख मांगने लगे। इसका वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया। अवकाश पर रहते हुए भी डीएम योगेंद्र सिंह ने सिविल सर्जन को तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया है। इस मामले को स्वास्थ्य मंत्री ने गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। उन्होंने कहा है कि दोषि को छोड़ा नहीं जाएगा और उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, अस्पताल में ऐसी घटना होना बहुत ही निंदनीय बात है इससे आम लोगों का अस्पतालों पर भरोसा कम होता चला जाता है।

इंदौर में हिप सर्जरी के मामलों में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी

09.06.2022
इंदौर में कोरोना के बाद अब हिप सर्जरी जैसे मामले लगातार बढ़ते दिख रहे हैं। यह बात काफी हैरान कर देने वाली है की कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए इस्तेमाल किए गए स्टेराॅयडस के साइड इफैक्ट अब तक देखने को मिल रहे हैं। इंदौर में हर महीने 80 से ज्यादा हिप सर्जरी हो रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि इनमें से आधे रोगी छह से आठ महीने पहले काेरोना संक्रमित रहे हैं। कोविड से पहले इससे आधे भी केस नहीं आते थे।डॉक्टर्स का मानना है कि प्रारंभिक तौर पर खून का थक्का जमने व कोविड के लिए ज्यादा मात्रा में स्टेरॉयड लेने से यह परेशानी आ रही है। इसे एवीएन (एवैस्कुलर नेक्रोसिस) कहते हैं। हालांकि अभी इसे लेकर कोई स्टडी नहीं हुई है। इस बारे में आईसीएमआर को पत्र लिखकर पूरे देश में इस पर स्टडी कराने का आग्रह भी किया गया है।

Hi-tech digital radiography X-ray machine found by Bangar Hospital in Pali, still unable to operate for patients

09.06.2022
बांगड़ अस्पताल के मरीजों को सिआर सिस्टम की मशीनों से निकलने वाली रेडिएशन से बचाने के लिए 2 महीने पहले हाईटेक डीआर सिस्टम की एक्स रे मशीन मंगवाई थी। उसके लिए मेडिकल प्रबंधन ने 25 लाख रुपए खर्च किए थे‌। लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने अभी तक मशीन के लिए कोई कमरा सुनिश्चित नहीं किया है, इसकी वजह से यह मशीन जैसे पैक हो कर आई थी वैसे ही पड़ी हुई है व धूल खा रही है। वहीं इस मशीन की बात करें तो मशीन को ऑपरेट करने के लिए केवल एक कर्मचारी की आवश्यकता होती है। इसमें ज्यादा मेन पावर की जरूरत नहीं होती। साथ ही इस मशीन से निकलने वाली रेडिएशनो का मरीजों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और वह गंभीर बीमारियों से बचता है। इस तरह की मॉडर्न टेक्नोलॉजी की मशीन के और भी कई फायदे हैं परंतु अस्पताल प्रबंधन ने अभी तक इस मशीन को चालू नहीं किया है, जिससे मरीजों व काम करने वाले कर्मचारियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

Free medical check-up camp organized under the aegis of Sunshine Hospital in Surat

07.06.2022
निशुल्क चिकित्सा जांच शिविर के आयोजन करवाने का मकसद आम जनों तक निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है,जिससे कि उन्हें होने वाली बीमारियों का जांच से पता चल सके। ऐसा ही आयोजन सूरत के सनशाइन अस्पताल में हुआ, जहां आए हुए गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्वलित कर आयोजन का शुभारंभ किया। जिसमें 200 से अधिक लोगों ने नेत्र, दांत, ईसीजी, रैंडम शुगर, ब्लड प्रेशर, फिजियोथैरेपी सहित अन्य जांच करवा कर डॉक्टरों से परामर्श लिया। शिविर में जरूरतमंदों को चश्मे वितरित किए तथा आयोजन में सहायता करवाने वाले लोगों का आभार व्यक्त किया गया, जिससे कि आने वाले समय में ऐसे शिविरों का आयोजन होता रहे व आमजन को इसका लाभ पहुंचता रहे