Now specialist doctors will be made every 1 year in the country, PG medical seats will be equal to MBBS
04.08.2022
मामूली सर्दी-जुकाम में भी लोग अब विशेषज्ञ डॉक्टर से ही इलाज कराना चाहते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने हर साल दोगुने विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए देश में एमबीबीएस सीटों को तो ज्यादा नहीं बढ़ाया जाएगा, लेकिन पीजी की सीटों को दोगुना कर एमबीबीएस सीटों के बराबर कर दिया जाएगा।अभी देश के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कुल सीटें 91,927 हैं, जिन्हें 1.10 लाख करने का लक्ष्य है। इतनी ही सीटें पीजी की होंगी, जो अभी 55 हजार हैं। लेकिन, मनपसंद विषय नहीं मिलने की वजह से 50 हजार सीटें भी नहीं भर पातीं। लेकिन, अब पीजी सीटें बढ़ने के बाद एमबीबीएस पास करने के बाद हर डॉक्टर के पास पीजी करने का मौका होगा। नीति आयोग, स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन और वित्त मंत्रालय ने इस योजना का खाका बनाना शुरू कर दिया है।
निजी अस्पतालों में भी बनेंगे विशेषज्ञ
केंद्र सरकार का अनुमान है कि अगर पीजी सीटें बढ़ाकर दोगुनी कर दी जाती हैं तो अगले 5-7 साल में देश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर हो जाएगी। इसके लिए सरकारी अस्पतालों में तो पीजी सीटें बढ़ाई ही जाएंगी, साथ में बड़े निजी अस्पतालों में डीएनबी कोर्स के माध्यम से विशेषज्ञ डॉक्टर्स तैयार किए जाएंगे। अभी भी देश में 12 हजार डीएनबी सीटें हैं।यहां से विशेषज्ञ बनने वाले डॉक्टरों को निजी अस्पतालों में स्टायपेंड नहीं दिया जाता है या कम दिया जाता है। इस वजह से सीटें नहीं बढ़ पा रही हैं। अब सरकार इसे लेकर नीतिगत निर्णय ले सकती है। सूत्र बता रहे हैं कि निजी अस्पतालों से डीएनबी कोर्स करने वाले डॉक्टरों के लिए सरकार ही स्टायपेंड देना शुरू करेगी। यह राशि अस्पतालों को उनके यहां भरी गईं पीजी सीटों के आधार पर मिलेगी। इस तरह डीएनबी सीटों को बढ़ाकर 25 हजार करने की तैयारी है।
100 से ज्यादा बेड वाले अस्पतालों में डीएनबी कोर्स कराए जा सकेंगे
पीजी कोर्स कराने के लिए निजी अस्पतालों के अलावा ईएसआईसी, आर्मी और पीएसयू के अस्पतालों को भी शामिल किया जाएगा। 100 से ज्यादा बेड वाले अस्पताल में डीएनबी कोर्स की अनुमति दी जाएगी। इसमें 2 साल का डिप्लोमा और 3 साल का डीएनबी कोर्स शामिल होगा। डिप्लोमा करने वाले डॉक्टर नॉन टीचिंग रहेंगे, जबकि डीएनबी वाले टीचिंग कैडर में शामिल किए जाएंगे।
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