Notification after permission of DOP, Finance and Law Department, new policy for doctors in Rajasthan, separate cadre of specialist doctors will be formed

08.07.2022

सरकारी नौकरी से दूर भाग रहे डॉक्टरों को आकर्षित करने के लिए सरकार अब पॉलिसी बदलेगी। स्पेशलिस्ट डॉक्टर नॉन क्लिनिकल का काम नहीं करेंगे। आने वाले भविष्य, डिजिटल युग और फैल रही बीमारियों को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीन काम कर रहे डॉक्टरों की पॉलिसी का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा है। इसके बाद डीओपी, वित्त और विधि विभाग की अनुमति मिलने पर फाइल सीएमओ जाएगी।इसके बाद नियमों में संशोधन में होने के बाद गजट नोटिफिकेशन जारी होगा। उल्लेखनीय है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीन करीबन 12 हजार डॉक्टर काम कर रहे है। इनमें से 1200 स्पेशलिस्ट और 10 हजार एमबीबीएस डॉक्टर शामिल हैं।

हॉस्पिटल मैनेजमेंट कैडर का गठन होगा

वर्ष 2021-22 में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में दूरस्थ स्थानों पर विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों का अलग कैडर बनाने की घोषणा की है। साथ ही मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों, अस्पताल के लिए हॉस्पिटल मैनेजमेंट कैडर का गठन किया जाना प्रस्तावित है।

वर्ष -2011 और 2017 में समझौते की मूल भावना के अनुरूप संघ के प्रतिनिधि से विचार-विमर्श करना चाहिए। जिससे चिकित्सकों को समुचित लाभ जैसे 10 हजार रुपए ग्रेड-पे के रूप में कैडर होना चाहिए। -डॉ.डीएस सैनी

पॉलिसी में यह होगा

3 तरह के कैडर में स्पेशलिस्ट डॉक्टर, हॉस्पिटल मैनेजमेंट और पब्लिक हैल्थ कैडर बनाए जाएंगे।
पब्लिक हैल्थ, ईएसआई, अरबन हैल्थ, नॉन कम्यूनिकेबल, सूचना प्रौद्योगिकी के 12 निदेशक नियुक्त।
हॉस्पिटल मैनेजमेंट में एमबीबीएस के अलावा अस्पताल प्रबंधन वाले एमबीए, एमपीएच आदि शामिल। पब्लिक हैल्थ कैडर में एमबीबीएस डॉक्टर को नियुक्ति के साल भर में पब्लिक हैल्थ का कोर्स अनिवार्य।
स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की ग्रेड-पे बढ़ाना प्रस्तावित।

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