PhD degree holder was cheating in the name of getting admission in MBBS, Delhi Police arrested

28.06.2022
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले आरोपी को दिल्ली की अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने ने अर्थशास्त्र में पीएचडी की हुई है। जानकारी के मुताबिक, आरोपी नेट को स्पूफिंग कर मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के लैंडलाइन नंबरों से पीड़ितों को फोन करता था।दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने ठगी करने वाले पीएचडी डिग्री होल्डर को गिरफ्तार किया है। आरोपी मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी करता था। गिरफ्तार आरोपी विकास पारस उर्फ आशीष जैसवाल (33) नेट को स्पूफिंग कर मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के लैंडलाइन नंबरों से पीड़ितों को फोन करता था। इससे पीड़ित को लगता था कि आरोपी मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से बोल रहा है।वह मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के ई-मेल को स्पूफिंग कर पीड़ित को मेल करता था। इससे पीड़ित को विश्वास हो जाता था। कानपुर, यूपी निवासी विकास पारस ने अर्थशास्त्र में पीएचडी की हुई है। पुलिस ने इसके पास से तीन फर्जी आधार कार्ड, उन पर खुलवाए गए बैंक खाते की चैकबुक और पैनकार्ड बरामद किया गया है।अपराध शाखा डीसीपी राजेश देव के अनुसार इंद्र कुमार रॉय इंद्रिश की शिकायत पर 30 मई को मामला दर्ज किया गया था। पेशे से साइंस शिक्षक इंद्र कुमार ने अपनी शिकायत में कहा था कि उनका बेटा शिवम वर्ष 2019-20 में नीट परीक्षा में बैठा था, मगर कम अंक आने के कारण उसे एमबीबीएस में दाखिला नहीं मिल सका। वह वर्ष दिसंबर, 2020 में आशीष जैसवाल, रोहन सिंह और रोहित के संपर्क में आया। उन्होंने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में उसके बेटे को गर्वमेंट नोमिनी कोर्ट के तहत दाखिला करवाने का झांसा दिया। इसके बदले उसे डोनेशन के नाम पर बीस लाख रुपये की मांग की गई। आरोपियों के झांसे में आकर आशीष जैसवाल के आईसीआईसीआई बैंक खाते में बीस लाख रुपये ट्रांसफर की दिए। रकम लेने के बाद आरोपी गायब हो गए और मोबाइल बंद कर लिया। मामला दर्जकर एंटी एक्सटॉर्शन एंड किडनेपिंग सेल में तैनात इंस्पेक्टर दलीप कुमार की देखरेख में एसआई राजीव बमल की टीम ने जांच शुरू की।जांच में पुलिस टीम को पता लगा कि पीड़ित के पास मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और एमसीआई के यहां से की गई लैंडलाइन कॉल वास्तव में स्पूफिंग थी। बैंक खाता भी फर्जी आधार कार्ड पर खोला गया है। आखिरकार इंस्पेक्टर दलीप कुमार की टीम ने कई दिन की जांच के बाद विकास पारस को शेख सराय इलाके से गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी के पास तीन आधार कार्ड
आरोपी का असली नाम विकास पारस है। कानपुर, यूपी निवासी आरोपी ने हेमवती नंदन बहूगुना यूनिवर्सिटी, उत्तराखंड से अर्थशास्त्र में पीएचडी की हुई है। उसके पिता कानपुर ऑर्डिनेंस फैक्टरी में सरकारी नौकर थे। पिता की कैंसर व कोविड के चलते वर्ष 2020 में मौत हो गई थी। वह आशीष जैसवाल के नाम से ठगी करता था। आरोपी ने तीन फर्जी आधार कार्ड बनवा रखे थे। इन फर्जी आधारकार्ड की मदद से नकली बैंक खाता खोल रखा था। उसने वर्ष 2020 में बंधन बैंक का खाता नशा करने वाले आशीष जैसवाल से खरीदा था। वह व उसके सहयोगी पीड़ित से चाणक्यपुरी स्थित कॉफी डे में मिले थे। उसके एक अ

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