Supreme Court’s new move to include unmarried women under abortion law

08.08.2022
सुप्रीम कोर्ट अविवाहित महिलाओं को गर्भपात की अनुमति देने को लेकर कानून में बदलाव करने पर विचार करेगा। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार एक अविवाहिता महिला को सुरक्षति गर्भपात के अधिकार से वंचित करना उसकी व्यक्तिगत आजादी है।ऐसे में कोर्ट अब मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) अधिनियम और संबंधित नियमों की व्याख्या करेगा कि क्या अविवाहित महिलाओं को 24 सप्ताह के गर्भपात की अनुमति दी जा सकती है या नहीं।न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने शुक्रवार को केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को इस प्रक्रिया में अदालत की सहायता करने को कहा।सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि जब कानून के तहत अपवाद प्रदान किए गए हैं, तो अविवाहित महिलाओं को 24 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए शामिल क्यों नहीं किया जा सकता है। हालांकि हमे इसके लिए डॉक्टर की सलाह को तरजीह जरूर देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि संसदीय मंशा स्पष्ट प्रतीत होती है क्योंकि इसने “पति” को “साथी” के साथ बदल दिया है. यह दर्शाता है कि उन्होंने अविवाहित महिलाओं को भी 24 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति देने वालों की श्रेणी में रखा है।

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