Declared three years ago in Banswara, the pace of construction work of Government Medical College is very slow, all limits of delay have been crossed

15.07.2022
तीन साल पहले घोषित सरकारी मेडिकल कॉॅलेज के भवन निर्माण कार्य की गति मंथर होने से वागड़ की धरा बांसवाड़ा में वर्ष 2023 में मेडिकल पढ़ाई का सपना धुंधलाता जा रहा है। नौ माह पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों कॉलेज भवन का शिलान्सास होने के बावजूद स्थानीय सरकार एजेंसी निर्माण कार्य के प्रति गंभीरता नहीं दिखा पा रही है। लेट लतीफी के हाल से निर्माण कार्य की गति पटरी से ही उतरती नजर आ रही है।प्रदेश में दस नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा करीब तीन साल पहले केन्द्र सरकार ने की थी, इनमें बांसवाड़ा को भी शामिल किया गया। जिले में कॉलेज खुलने की घोषणा से युवाओं की घर में ही रह कर मेडिकल की पढ़ाई करने की उम्मीद बलवती हुई। लेकिन घोषणा के करीब तीन साल होने के बावजूद कॉलेज भवन दस फीसदी भी बन कर खड़ा नहीं हो सका।तय समय पर कॉलेज का शैक्षणिक सत्र शुरू होने की उम्मीद उस वक्त और धुंधला गई, जब राज्य सरकार ने दस जिले में इसी साल मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई शुरू करने के लिए चार जिलों का चयन प्राथमिकता से करते हुए बांसवाड़ा का नाम बिसरा दिया।

डेढ़ साल का लगेगा समय
बांसवाड़ा में निर्माण का जिम्मा केन्द्र सरकार के उपक्रम होस्पिटल सर्विसेज कंस्लटेंसी कारर्पोशन (एचएससीसी संभाले हुए है। यहां कॉलेज भवन में एकेडमिक ब्लॉक और पहले बैच में सौ विद्या र्थियों के लिए हॉस्टल का काम शुरू हुआ है। एजेंसी का मानना है कि 325 करोड़ की लागत के बनने वाले कॉलेज भवन के लिए पहले फेज में 144 करोड़ के काम ही हो सकेंगे। इसमें भी करीब डेढ़ साल का समय लगेगा, ऐसे में अगले साल अकादमिक सत्र शुरू होना अधर में ही है।

यूं रही ढिलाई
केन्द्र सरकार ने प्रदेश में बांसवाड़ा व चित्तौड़गढ़ समेत दस जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जाने के घोषणा 14 अक्टूबर 2019 को की थी, निर्माण का जिम्मा एचएससीसी को सौंपा, लेकिन एचएससीसी की ढिलाई को देखते हुए राज्य सरकार ने चित्तौड़गढ़, श्रीगंगानगर, धौलपुर व सिरोही मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य आरएसआरडीसी को सौंप दिया। चित्तौड़गढ़ में आरएसआरडीसी ने सक्रियता दिखाई और 9 मई 2021 में काम भी शुरू कर दिया। लेकिन एचएससीसी के जिम्मे बांसवाड़ा होने से यहां काम ही अटक गया।

वही एचएससीसी के अधीन कुछेक कॉलेज के निर्माण कार्य की तो प्रथम चरण की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो सकी।

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