Annual Performance Appraisal reports filling authorities
अरिसदा और चिकित्सकों की लम्बे समय से मांग थी की राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों के वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन/ annual performance appraisal (APA)/annual confidential report (ACR) विभागीय अधिकारीयों द्वारा ही भरी जानी चाहिए, जबकि पहले ये रिपोर्ट्स समीक्षा के लिए पंचायती-राज के कार्यकारी अधिकारीयों और जिला कलेक्टर आदि के पास जाती थी […]
Joining after court stay on transfer
गलत तबादला किये जाने अथवा अन्य स्थिति में कई बार कार्मिक अदालत जाकर न्याय मांगते हैं और कई बार वो उस तबादले पर स्थगन आदेश ले आते हैं और उन्हें वापस से जॉइन करवाया जाता है ।
लेकिन जॉइन कहाँ करवाया जाए यह मुद्दा विचारणीय है, इसके लिए निदेशक जन स्वास्थ्य द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया है (यह आदेश मेडिकल सुपरिटेंडेंट पर लागू नहीं होता है) –
इस आदेश की आड़ में अनावश्यक ऐ पी ओ कर के रखता है सचिवालय ।
किसी भी विभाग में ऐसा नहीं होता है कि स्थगन प्राप्त अधिकारी कर्मचारी को निदेशालय में उपस्थिति देनी पड़े वह भी महीनों तक ।
मेडिकल सुपरिंटेंडेंट के अधीनस्थ चिकित्सक को सीधे ही ज्वाइन करवाया जाता है ।
जबकि निदेशालय के अधिनस्थ, पीएमओ ,सीएमएचओ एवम् ब्लॉक सीएमओ के अधीन चिकित्सकों को ही निदेशालय में उपस्थिति देनी पड़ती है ।
फाइलें सचिवालय की टेबल पर पड़ी रहती हैं लेकिन डिप्टी सेक्रेटरी साहब कहते हैं contempt lagado contempt laga do :/
ये लोग न्यायालय के आदेशों की पूर्ण पालना नहीं करना चाहते ।
जिन की राजनीतिक (₹) पहुंच है वे अपने स्थानांतरण ही निरस्त करवा लेते हैं, बाकी आम कार्मिक भटकते रहते हैं ।
एपीओ की अधिकतम अवधि फिक्स होनी चाहिए और उसमें कार्मिक के साथ सहयोगात्मक रवैया दिखाते हुए मामले को निपटाया जाना चाहिए, जबकि होता उल्टा है कि जानबूझकर परेशान करने के लिए लटकाया जाता है ताकि कार्मिक सिस्टम के आगे सरेंडर कर दे (₹₹₹) !
Bhamashah Swasthya Bima Yojana BSBY
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना (BSBY)
राजस्थान की भाजपा सरकार की 13 दिसंबर 2015 को प्रारम्भ की गयी एक महत्वकांक्षी योजना है जिसमें राष्ट्रिय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), राष्ट्रिय बीमा सुरक्षा योजना (RBSY) के लाभार्थियों और BPL लोगों को अस्पताल में भर्ती होने पर होने वाली सभी जांचें (सात दिवस में), इलाज, दवाइयां आदि मुफ्त प्रदान की जाती हैं, साथ ही डिस्चार्ज के समय पन्द्रह दिन तक की दवाइयां भी दी जाती हैं, योजना प्रदेश के एक करोड़ परिवारों को कवर करती है |
राजस्थान में श्री नवीन जैन, एमडी एनएचएम, स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी के सीईओ हैं |
भामाशाह योजना का करार देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कम्पनी “न्यू इंडिया एश्योरेंस (NIA) लिमिटेड” से है जिसके तहत सरकार कम्पनी को 1261 रुपये प्रति परिवार, वार्षिक प्रीमियम चुकाती है |
इस योजना में कुल 1401 बिमारियों का इलाज किया जाता है जिनमें से 663 बीमारियाँ गंभीर श्रेणी की हैं जिनके लिए तीन लाख रुपये तथा शेष 738 तरह की सामान्य बिमारियों के लिए तीस हजार रूपये तक का इलाज किया जाता है (राशी वार्षिक है), इस योजना में 500 सरकारी अस्पतालों में चल रही है तथा 700 प्राइवेट अस्पताल अनुबंधित किये गए हैं |
हालांकि सरकारी अस्पतालों में स्टाफ एवं गुणवत्ता की कमी योजना में बाधक है, साथ ही प्राइवेट अस्पतालों द्वारा पूरी सुविधा नहीं देना, महंगे चार्ज लगाना, ज्यादा बेड संख्या दिखाना, वास्तविक से ज्यादा दिन का ठहराव दर्शाना, दवा दिए बिना ही बिल में जोड़देना, छोटा ओपरेशन करके बड़े के पैसे जोड़ना (जैसे लेजर के बजाय नाइफ सर्जरी करना) आदि कई विषय हैं जिन पर नजर रखना जरुरी है |
अभी तक करीब 22 लाख लाभार्थियों को कैशलेस और मुफ्त इलाज इस योजना के तहत दिया जा चुका है तथा वर्तमान में करीब दो करोड़ रुपये प्रतिदिन के क्लैम जारी किये जा रहे हैं |
योजना के बारे में कोई भी अतिरिक्त जानकारी टोल फ्री नंबर 1800-180-6127 पर कॉल करके या फिर वेबसाइट health.rajasthan.gov.in/bsby से ली जा सकती है |