Inspection to get the Community Health Center (CHC) of Govindgarh in Chomu EQUAS certified

08.06.2022
गोविंदगढ़ कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सेवाओं को देखते हुए इसे एंक्वास सर्टिफाइड कराने के लिए तैयारियां चल रही हैं। क्योंकि लंबे समय से सीएचसी गोविंदगढ़ अच्छी सेवाएं दे रहा है। कायाकल्प में प्रमाण पत्र प्राप्त संस्था है। भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सेवाएं जारी हैं, प्रत्येक विभाग अपनी उत्कृष्ट सेवाएं दे रहा है। राज्य स्तरीय असेसमेंट परीक्षण होने के बाद अब राष्ट्रीय स्तरीय टीम द्वारा निरीक्षण एसेसमेंट किया जा रहा है। यदि सभी मापदंडों पर खरा उतरता है राष्ट्रीय टीम द्वारा एंक्वास सर्टिफाइड कर दिया जाएगा।राज्य सरकार के डॉ. जितेंद्र सोनी (एमडी एनएचएम एवं संयुक्त शासन सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) की अध्यक्षता व राज्य नोडल अधिकारी डॉ महेश सचदेवा की नेतृत्व में मंगलवार सीएमएचओ एवं डिप्टी सीएमएचओ (परिवार कल्याण) के निर्देशन में राष्ट्रीय असेसमेंट टीम से पूर्व सभी तैयारियों का जायजा डॉ प्रवीण एवं सुबेसिंह यादव ने प्रत्येक विभाग का जाकर लिया। प्रत्येक डिपार्टमेंट के कार्यों के रिकॉर्ड एवं उत्कृष्ट सेवाओं का निरीक्षण किया गया। सभी व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया गया, जिसके अंतर्गत चेक किया कि गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एवं राज्य सरकार की सर्विस प्रोटोकॉल के अनुसार सेवाएं दी जा रही है या नहीं।
निरीक्षण टीम में डॉ प्रवीण डिप्टी सीएमएचओ (परिवार कल्याण) एवं सुबेसिंह यादव (कायाकल्प एवं एंक्वास ग्रामीण नोडल) द्वारा निरीक्षण किया गया। सकारात्मक सहयोगात्मक विजिट करके ऐसे ही सर्विस आगे भी देने के लिए संस्था के कार्मिकों का मनोबल बढ़ाया, इस दौरान डॉ प्रवीण डिप्टी सीएमएचओ परिवार कल्याण, डॉ हर्षिता श्री सुबेसिंह यादव (ग्रामीण नोडल क्वालिटी व मास्टर ट्रेनर) द्वारा मीटिंग एवं ट्रेनिंग हाल में रिकॉर्ड जांच के बाद, डिजास्टर (आपदा) प्रबंधन, बेसिक लाइफ सपोर्ट, एडल्ट सीपीआर, बायो मेडिकल वेस्ट, एएनसी विजिट, एएमटीएसएल प्रबंधन, फंडल हाइट मापना, पार्टोग्राफ, रक्त व मरकरी फैलाव प्रबंधन अन्य सभी प्रमुख विषय पर प्रशिक्षण देकर अपडेट किया गया। इस दौरान चिकित्सा अधिकारी प्रभारी के नेतृत्व में राजकुमार विजयवर्गीय, डॉ मनोज, दिनेश हरिद्वारी, रेनू शर्मा, सुरेश यादव, कैलाश मीणा, सूरज सहित सभी डिपार्टमेंट इंचार्ज मौजूद थे।

In view of Yoga Day in Bhopal, camps are being set up for yoga practice.

08.06.2022
आगामी 21 जून को आयोजित होने वाले 8वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी शुरू हो गई है। इसको लेकर जिले में जगह जगह प्रोटोकाल में शामिल आसन व योग को लोगों को करवाया जा रहा है ताकि बड़ी संख्या में योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में लोग भाग ले सके। योग के लिए अभियान चला रही संस्थाएं इसको लेकर सचेत हो गई।योग दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में कुछ चयनित योगाभ्यास ही किए जाए है। जिसमें ग्रीवा चालन, सकंध चालन, घुटना चालन, ताड़ासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन, अर्थचक्रासन, पादहस्तासन, भद्रासन, वज्रासन, शशांकासन, उत्तानमंदूक आसन, वक्रासन, भुजंगासन, मकरासन, शलभासन, उत्तानपदासान, पवन मुक्तासन, सेतूबंध आसन, अर्ध हलासन, कपालभाती, अनुलोम विलोम, शीतली, भ्रामरी प्राणायाम व ध्यान का अभ्यास करवाया।

All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) Bhopal will now be modular

08.06.2022
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल के अध्यक्ष डा. वायके गुप्ता ने मंगलवार को एम्स के निरीक्षण के बाद कहा है कि संस्‍थान की रसोई को माड्युलर बनाया जाएगा, जिससे यहां पर सफाई और बेहतर हो सके। वह करीब आधा घंटा तक यहां रहे। इसके बाद आपरेशन थियेटर में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने दावा किया किया कि अस्पताल के 24 ओटी में से 23 चालू हालत में हैं। एनेस्थीसिया विशेषज्ञों की कमी की वजह से सभी चल नहीं पा रहे हैं। भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। अभी नियमित फैकल्टी के पद भरे जाने के बाद यह दिक्कत दूर हो जाएगी। हकीकत यह है कि ऐनस्थीसिया में फैकल्टी के 15 में सिर्फ दो पद ही खाली हैं। अस्पताल भवन की दूसरी और तीसरी मंजिल में माड्युलर ओटी हैं। तीसरी मंजिल पर पांच ओटी चल ही नहीं रहे हैं। स्त्री एवं प्रसूति विभाग की सर्जरी इमरजेंसी ओटी में हो रही है।अध्यक्ष डा. गुप्ता ने बताया कि ट्रामा एवं इमरजेंसी और अन्य जगह उपकरणों के खराब होने पर उन्हें जल्द सुधरवाने को कहा गया है। जब तक उपकरण नहीं सुधरते उनके ऊपर लिखकर रखा जाएगा कि यह उपकरण खराब हैं। उन्होंने अस्पताल में चल रही अमृत फार्मेसी में जाकर उपलब्ध दवाओं के बारे में जानकारी ली। इस दौरान एम्स के निदेशक डा. नितिन नागरकर भी मौजूद थे।

Bhamashah will now help Tuberculosis (TB) patients financially in Sikar

08.06.2022
केंद्र सरकार के टीबी मुक्त अभियान 2025 की अनुपालना में सीकर में जल्द ही राजस्थान निक्षय संबल योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत भामाशाहों और संस्थाओं को एक साल के लिए टीबी मरीजों की यूनिट को गोद लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से अब तक हर टीबी मरीज को निक्षय पोषण योजना के तहत प्रतिमाह 500 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। अब सरकार ने इस सहायता को बढ़ाने के लिए राजस्थान निक्षय संबल योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत कोई भी भामाशाह, स्वयंसेवी संस्था, जनप्रतिनिधि क्षय रोगियों को गोद ले सकता है। भामाशाह या समाजसेवी संस्था को प्रत्येक टीबी मरीज को प्रतिमाह 3 किलो अनाज, 3 किलो दलहन और 1 किलो खाद्य तेल उपलब्ध करवाना होगा।

Dr. Abhishek Goyal sheds light on brain tumor on World Tumor Day in Alwar

08.06.2022
ट्यूमर पर रोशनी डालते हुए डॉ. अभिषेक गोयल ने कहा कि कुछ समय पहले तक लाइलाज मानी जाने वाली यह बीमारी समय रहते इलाज से ठीक हाे रही है। लाेगाें में जागरुकता लाने के लिए ही यह दिवस मनाया जाता है। विश्व में एक लाख आबादी में 6 से 7 लाेगाें में ब्रेन ट्यूमर की बीमारी हाेती है। भारत में हर साल 25 हजार से अधिक नए ब्रेन ट्यूमर के मामले सामने आते हैं।दिमाग की गांठ काे लाेग कैंसर मान लेते है लेकिन ज्यादातर ट्यूमर बिना कैंसर वाले हाेते हैं। इलाज में लापरवाही के कारण माैताें में ब्रेन ट्यूमर एक बड़ा कारण है। लेकिन समय पर पता लग जाए ताे बीमारी लाइलाज नहीं है। यह बीमारी किसी भी उम्र में हाे सकती है। यह गांठ छाेटे मस्तिष्क में हाेती है। यह गांठ दिमाग की झिल्ली, तंत्रिका तंतु व शरीर अन्य हिस्सों से भी दिमाग में पहुंच सकती है। डाॅॅॅ. गोयल ने कहा कि ब्रेन ट्यूमर का पता सीटी स्कैन एवं एमआरआई से लगता है। ब्रेन ट्यूमर ग्रेड-1, ग्रेड-2, ग्रेड-3 और ग्रेड-4 तरह का हाेता है। ग्रेड-1 में रेडियाे और कीमाेथैरेपी की जरूरत नहीं पड़ती। ग्रेड -2,3 और-4 में रेडियाे और कीमाे की जरूतर पड़ती है। इस बीमारी के इलाज का पहला पार्ट सर्जरी है। इसमें पूरे ट्यूमर को या उसके कुछ भाग को ब्रेन से निकाल दिया जाता है।सर्जरी के दौरान संक्रमण और ब्लीडिंग जैसे खतरे भी होते हैं। अब माइक्रो एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी के जरिए सर्जरी को आसान और बेहतर बना दिया है। दूसरा कीमोथैरेपी से ब्रेन ट्यूमर का इलाज किया जाता है। इसके अलावा रेडिएशन थैरेपी में ट्यूमर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए हाई एनर्जी बीम जैसे एक्स-रे या प्रोटॉन्स का उपयोग किया जाता है।

Dr. Anita Dhayal, a radiologist from Bilara in Jodhpur, got emotional in front of Sub Divisional Officer Bhavani Singh, was troubled by the mental torture of BCMO

08.06.2022
बिलाड़ा अस्पताल की रेडियोलॉजिस्ट डॉ अनीता धायल , बीसीएमओ डॉ. जितेंद्रसिंह चारण पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए उपखंड अधिकारी भवानी सिंह के सामने रो पड़ी। डॉ. अनीता धायल ने एसडीएम को ज्ञापन शॉप कर बताया कि वह अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
डॉक्टर चारण ने मीडिया में बयान देकर जो तथ्य दिए हैं, वह निराधार हैं। मेरी छवि को बिगाड़ने का प्रयास किया गया है, उन्होंने बताया कि 26 मई को उन्होंने आधा दिन की सीएल ट्रोमा प्रभारी से ली थी व इसकी सूचना लिखित में लिख कर दी गई थी, डॉक्टर को व्हाट्सएप पर भी सूचना दी गई थी। उन्होंने आरोप लगाते हुए बोला कि 24 दिन की चाइल्ड केयर लीव पर रहने के दौरान सोनोग्राफी के लिए एक अन्य डॉक्टर का विकल्प होने के बावजूद प्रभारी ने सोनोग्राफी के लिए नहीं भेजा। डॉ. अनीता धायल ने कहा कि प्रभारी मुझसे द्वेष की भावना रखते हैं, इस तरह की घटना से में मानसिक परेशान हूं व असुरक्षित महसूस कर रही हूं एसडीएम भवानी सिंह ने कहा कि डॉ. अनीता ने ज्ञापन सौंपा है,हम मामले की तहकीकात कर सच जानकर कार्यवाही करने की पूरी कोशिश करेंगे।

Raipur Chief Minister Bhupesh Baghel inaugurated Maternal and Pediatric Hospital in Kanker

07.06.2022
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन दिनों कांकेर जिले के दौरे पर हैं, जहां वो प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के लिए गए हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री ने कांकेर जिला मुख्यालय के अलबेलापारा में मातृ एवं शिशु रोग अस्पताल का शुभारंभ किया।इससे पहले यहां आदर्श महिला महाविद्यालय संचालित किया जा रहा था, लेकिन कोरोनाकाल में इसे कोविड अस्पताल में बदल दिया था, जिसके बाद जिला चिकित्सालय कांकेर में संचालित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य अस्पताल को यहां शिफ्ट किया गया है।इस अस्पताल में मां एवं बच्चों का हर प्रकार का इलाज होगा। इस अस्पताल में प्रसुति एवं स्त्री रोग ओ.पी.डी., सोनोग्राफी, डिलिवरी से पहले और बाद के रूम, एक्लेमशिया कक्ष, ऑपरेशन थियेटर, मातृ आई.सी.यू. एवं पी.पी.ओ.टी. और शिशु स्वास्थ्य में शिशु रोग ओ.पी.डी., नवजात शिशु चिकित्सा ईकाई, शिशु गहन चिकित्सा ईकाई, स्टेप डाऊन, 57 बिस्तरीय वार्ड एवं पोषण पुनर्वास केन्द्र की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। कांकेर में इस अस्पताल के शुरू होने से लोगों को बहुत राहत मिलेगी।

32 doctors honored with Health Pride Award in Raipur, their work is commendable

07.06.2022
हेल्थ प्राइड अवॉर्ड फंक्शन रायपुर के होटल सयाजी में रखा गया।इस दौरान शहर के तमाम प्रसिद्ध डॉक्टर का सम्मान किया गया । ऐसे चिकित्सकों को भी इस सम्मान समारोह में शामिल किया गया, जिन्होंने कोविड-19 के मुश्किल वक्त के बीच लोगों की सेवा की। कार्यक्रम में बतौर अतिथि पहुंचे रायपुर के महापौर एजाज ढेबर पद्मश्री डॉ एटी दाबके, डॉक्टर पीएस देशपांडे ने प्रसिद्ध चिकित्सकों को सम्मानित किया।कार्यक्रम में महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि कोविड-19 के वक्त में डॉक्टरों ने जो किया उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। रायपुर के डॉक्टरों की सेवा का ही नतीजा है कि आज हम सब एक खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं । एजाज ने कहा कि मैंने भगवान को तो नहीं देखा है मगर भगवान के रूप में डॉक्टर को देख रहा हूं। कार्यक्रम में डॉ संदीप दवे ने डॉक्टर दाबके और डॉक्टर पीएस देशपांडे की सादगी की तारीफ करते हुए उनके अनुभवों को भी साझा किया।सीनियर डॉक्टर एटी दाबके, डॉक्टर पीएस देशपांडे को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। इसके बाद हेल्थ प्राइड अवार्ड के तहत शहर के प्रसिद्ध डॉक्टर संदीप दवे,डॉक्टर सुनील खेमका, डॉक्टर पीके हरि कुमार, डॉ यूसुफ मेमन, डॉक्टर देवेंद्र नायक, डॉक्टर जऐश शर्मा, डॉक्टर विवेक केसरवानी, डॉक्टर सुशील शर्मा, डॉक्टर प्रकाश कुमार खुटे, डॉक्टर नलिनी मढ़रिया, डॉक्टर हर्षवर्धन गुप्ता, डॉक्टर मनोज अग्रवाल, डॉ. निखिल मोतीरमानी, डॉक्टर विवेक पांडेय, डॉक्टर राहुल अहलूवालिया, डॉक्टर गरिमा राजिम वाले, डॉ आशीष मित्तल डॉक्टर राज मनहरे, डॉ विजय गुलिया, डॉक्टर नवीन बागरेचा, डॉक्टर खुशबू अरोरा, डॉ गौरव त्रिपाठी, डॉ प्रशांत सिंह , डॉक्टर पूर्वा गुप्ता, डॉक्टर साजन अग्रवाल, डॉक्टर मुनमुन अग्रवाल, रिम्स हॉस्पिटल रायपुर, डॉक्टर जितेंद्र सराफ़, डॉक्टर सुनील रमनानी, डॉक्टर पीके निगम को सम्मानित किया गया

Chandigarh’s Dhanas and Maloya got hospital gift, with the help of Infosys, the health department will build a hospital

07.06.2022
इंफोसिस की मदद से स्वास्थ्य विभाग पुनर्वास कॉलोनी में रहने वाले हजारों लोगों के लिए 50 बेड का अस्पताल बनाएगा। 50 बेड का यह अस्पताल धनास और मलोया में बनाया जाएगा। इसका बड़ा कारण यह है कि धनास और मलोया में लाखों लोग रहते हैं। यह लोग इलाज के लिए पूरी तरह शहर के दो बड़े चिकित्सा संस्थान जीएमसीएच-32 और जीएमएसएच-16 पर निर्भर हैं। ऐसे में अगर 50 बेड का एक हॉस्पिटल इन दोनों इलाके के नजदीक बना दिया जाए, तो जीएमसीएच-32 और जीएमएसएच-16 अस्पताल पर से मरीजों का कुछ बोझ कम होगा, क्योंकि लोगों को अपने घर के नजदीक ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो जाएंगी। सांसद किरण खेर ने भी वर्ष 2017 में मलोया में 50 बेड के हॉस्पिटल के निर्माण की घोषणा की थी, लेकिन यह प्रोजेक्ट अब तक सिरे नहीं चढ़ सका। अब स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने इस प्रोजेक्ट को लेकर डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए स्वास्थ्य निदेशक डा. सुमन सिंह को निर्देश दिए हैं। इस प्रोजेक्ट में इंफोसिस भी मदद करेगा। जल्द से जल्द अस्पताल बनकर यहां रहने वाले लोगों के लिए शुरू कर दिया जाएगा।

44th organ donation in MP’s Indore, kidney and liver of brain dead person transported by green corridor, two people got life donation

07.06.2022
इंदौर में 44वीं बार अंगदान के लिए ग्रीन कॉरिडोर बना,जिससे ब्रेन डेड मरीज के अंगों के प्रत्यारोपण से दो मरीजों को नई जिंदगी मिल गई। खरगोन निवासी 52 वर्षीय किराना दुकानदार को ब्रेन हैमरेज हुआ था। उनकी मौत के बाद परिजनों ने उनकी किडनी और लिवर दान करने का फैसला किया। किडनी और एक लिवर दो मरीजों को प्रत्यारोपित की गई, जिससे उन्हें नई जिंदगी मिल गई। परिजनों की सहमति के बाद, सर्जन ने मृतक के शरीर से उनका लिवर और दोनों किडनी निकाल लिए। शहर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि अलग-अलग अस्पतालों में ऑपरेशन के दौरान बिरला का लिवर एक 48 वर्षीय पुरुष को प्रत्यारोपित किया गया जो सिरोसिस, बाई ब्लडप्रेशर और हृदय रोग से जूझ रहे हैं। मायाचंद्र बिरला की एक किडनी एक अन्य मरीज के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया। दीक्षित ने बताया कि तकनीकी कारणों से बिरला की दूसरी किडनी किसी मरीज में प्रत्यारोपित नहीं हो सका।अधिकारियों ने बताया कि इंदौर में पिछले सात साल के दौरान दिमागी रूप से मृत 44 मरीजों का अंगदान हो चुका है। इससे हार्ट, किडनी, लिवर, स्किन और आंखों के प्रत्यारोपण से मध्य प्रदेश के अलावा दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र के जरूरतमंद मरीजों को नये जीवन की सौगात मिली है। उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों में हवाई मार्ग से अंग पहुंचाकर उनका प्रत्यारोपण किया गया।