Red blood black business in Patna; page of entry register of blood center of niveda hospital missing

27.07.2022
बच्चों का खून निकालकर बेचने के मामले में ड्रग कंट्रोलर विभाग की टीम ने कंकड़बाग स्थित निवेदा अस्पताल के ब्लड सेंटर से बरामद कागजात की जांच शुरू की है। अस्पताल के चेयरमैन ने मंगलवार को एक दिन का बाकी कागजात और ब्लड सेंटर के प्रभारी को बुलाने के लिए एक दिन का समय लिया है।यानी बुधवार को फिर टीम जांच करने के लिए निवेदा अस्पताल के ब्लड सेंटर जाएगी। अस्पताल से जो कागजात मिले हैं फिलहाल उसकी जांच की जा रही है। ब्लड सेंटर से छह रजिस्टर मिले हैं। ब्लड इंट्री रजिस्टर के पेज भी बीच-बीच में फाड़कर हटाए गए हैं। रजिस्टर देखकर लगता है कि पेज हाल ही में फाड़ा गया है। इसकी पुष्टि ड्रग कंट्रोलर ने की है।

जिसके नाम से लाइसेंस वह नालंदा पीएचसी में पोस्टेड

बताया गया कि ब्लड सेंटर का लाइसेंस जिस डॉक्टर के नाम से है वह नालंदा में पीएचसी में पोस्टेड हैं। सोमवार को उन्हें कई बार फोन करके बुलाया गया पर वे मौजूद नहीं हो सके। अस्पताल के चेयरमैन ने उन्हें बुधवार को बुलाने की बात कही है। बताया गया कि अमूमन कोई बड़ी घटना पर दूसरे राज्यों से खून मंगाया जाता है।पर निवेदा अस्पताल के ब्लड सेंटर कोलकाता के लाइफ केयर फाउंडेशन नामक ब्लड सेंटर से रेगुलर खून मंगाता था। सिर्फ 22 दिन के अंदर कोलकाता के ब्लड सेंटर से 533 यूनिट खून बैग समेत मंगाया गया है। इस बाबत अस्पताल ने कोलकाता के ब्लड सेंटर से करार भी किए हुए हैं। सबसे महत्वपूर्ण है कि खून खरीदकर मंगाने का रिकार्ड तो है पर किसको दिया गया है इसका कोई रिकार्ड नहीं है।

खून को लेकर रिकार्ड ठीक से मेंटेन नहीं किया गया
सोमवार को जब निवेदा अस्पताल के ब्लड सेंटर में ड्रग विभाग की पहुंची तो सभी स्टाफ और प्रभारी गायब थे। वैसे आरोपी संतोष कुमार के घर के फ्रिज से 45 यूनिट खून बरामद किया गया था। वहीं से निवेदा अस्पताल के रैपर और लेटर पैड बरामद हुआ था।सोमवार को ड्रग इंस्पेक्टरों को जांच के दौरान पता चला कि निवेदा अस्पताल के ब्लड बैंक में खून का लेन-देन का रिकार्ड ठीक से मेनटेन नहीं किया गया है। हालांकि बैंक में जितने भी इससे संबंधित कागजात की कॉपी ली गई है। निवेदा अस्पताल के ब्लड सेंटर ने कोलकाता के एक ब्लड सेंटर से एक जुलाई से 22 जुलाई तक 533 यूनिट खून मंगाया गया है।

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