Under the Digital Health Mission, a digital directory of private and government hospitals and doctors is being built in Indore, patients will benefit for treatment.

14.06.2022
देश के कई राज्य जो डिजिटल हेल्थ मिशन लागू कर चुके हैं, लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार इस पर अब काम शुरू कर रही है। इसके तहत निजी व सरकारी अस्पतालों के साथ होम्योपैथी व आयुर्वेदिक हॉस्पिटल्स और डॉक्टरों की डिजिटल डायरी बनाई जा रही है, इसके जरिए मरीजों को पता चल सकेगा की कौन सा इलाज,कब और कहां मिलेगा। हर जिले में दो तरह की डायरेक्टरी बन रही है, एक डायरेक्टरी में निजी व सरकारी अस्पतालों की जानकारी होगी तो वहीं दूसरी में डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ, टेक्नीशियन आदि की जानकारी होगी। इससे एक ही फोरम से पता चल सकेगा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की क्या स्थिति है, किस जिले में कितने अस्पताल हैं। डायरेक्टरी से सरकार को कितने विशेषज्ञ चिकित्सक ,नर्सिंग कर्मी आदि काम कर रहे हैं,उनकी जानकारी आसानी से मिल सकेगी।

MBBS students fight on the roof of Mahatma Gandhi Memorial Medical College (MGM), Indore

14.06.2022
एमजीएम कॉलेज के छात्रों के दो गुटों में मारपीट हो गई।यह मामला कॉलेज कैंपस की छत का है। मनोज नाम का लड़का जो कि एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र है मेडिकल कॉलेज की छत पर बैठा हुआ था तभी वहां पर फाइनल ईयर का छात्र रवि आ गया और उससे अभद्र भाषा में बातें करने लग गया। जिसका मनोज ने विरोध किया। धीरे-धीरे बातों ने लड़ाई का रुख मोड़ लिया और दोनों ने अपने सहपाठियों को छत पर बुला लिया जिससे वहां पर आपस में दो गुटों में जमकर मारपीट हुई। एक गुट की तरफ से पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया है।

The Neurology Department of Delhi Government’s largest hospital Guru Tegh Bahadur (GTB) is closed for 10 years.

14.06.2022
दिल्ली की जनता को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करवाने वाली दिल्ली सरकार के दावों को उनके अस्पताल खुद ही आइना दिखा रहे हैं। दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों में कुछ विभाग बंद किए जा रहे हैं, तो कुछ मैं डॉक्टर ही नहीं है। ऐसा ही कुछ हाल जीटीबी अस्पताल का है, यहां का न्यूरोलॉजी विभाग करीबन 10 साल से बंद पड़ा हुआ है। पूरा विभाग कबाड़ में तब्दील हो गया है,जबकि वहां के ऑफिस में ताला लगा हुआ है। अस्पताल प्रबंधकों का कहना है कि जबसे न्यूरोलॉजी विभाग के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट (एचआरडी) डॉ. एमसी ठाकुर रिटायर हुए हैं, तभी से ही विभाग पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है। डॉ. ठाकुर के बाद किसी भी डॉक्टर की ना तो नियुक्ति हुई है और न अस्पताल प्रबंधन ने किसी को लगाने की कोशिश की है, और ना ही किसी न्यूरोलॉजी डॉक्टर को नियुक्ति दी है।

Fear of fourth wave of corona in Raipur, 18 infected found

14.06.2022
तीन-चार महीने के बाद राज्य में कोरोना के केस 50 के करीब पहुंचे हैं। कोरोना के लगातार बढ़ते केस से चौथी लहर की आशंका बढ़ गई है। इसने चिंता बढ़ा दी है। सोमवार को राज्य में 43 एक्टिव केस मिले। इसमें रायपुर में सर्वाधिक 18 नए मामले मिले। राहत की बात यही है कि केस जरूर बढ़े हैं लेकिन कोई भी मरीज गंभीर नहीं है। मौत भी नहीं हुई। फिर भी जानकारों का कहना है कि कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़ना चिंता का विषय है। सावधानी जरूरी है। लापरवाही होने पर यह रोग फैलेगा फिर इसे नियंत्रित करना मुश्किल होगा।कोरोना की तीसरी लहर के बाद स्थिति कुछ संभली थी। अप्रैल व मई में कोरोना के मामले कम थे। रफ्तार धीमी थी। अप्रैल के पूरे महीने में डेढ़ सौ से कम और मई के महीने में दो सौ से कम मरीज मिले। लेकिन जून के शुरुआती दिनों से ही कोरोना के मामले बढ़ने लगे। 1 से 13 जून तक राज्य में कुल 226 केस मिले।इसमें सर्वाधिक रायपुर में 83 कोरोना केस हैं। पिछले 24 घंटे में राज्य में कोरोना के 3677 लोगों की जांच की गई। इसमें से 43 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। संक्रमण दर 1.17 प्रतिशत रहा। रविवार को भी संक्रमण दर एक प्रतिशत से अधिक था। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि अगले दस दिन महत्वपूर्ण हैं। पूरे ट्रेंड पर नजर बनाए रख रहे हैं। अगर केस में आगे भी ऐसी ही बढ़ोत्तरी दिखी तो सख्ती भी बढ़ायी जाएगी।वहीं डॉ. सुभाष मिश्रा, डायरेक्टर एपिडेमिक का कहना है किमरीजों की संख्या लगातार बढ़ना चौथी लहर की ओर इशारा कर रहा है। इसलिए सावधान हो जाए। मास्क का उपयोग करें। लक्षण होने पर टेस्ट करा लें। घबराएं नहीं। अधिकांश मरीज घर से ही ठीक हो रहे हैं। अस्पतालों, केयर सेंटर में बिस्तर पर्याप्त हैं।

Cancer Institute will be built in Jodhpur, will be built in 3 phases on 13 acres of land of ground water department headquarter located in Shastri Nagar.

14.06.2022
शहर में बनने वाले महत्वाकांक्षी रीजनल कैंसर इंस्टीट्यूट का ब्लूप्रिंट तैयार हो गया है। इंस्टीट्यूट शास्त्रीनगर स्थित भूजल विभाग के मुख्यालय की 13 एकड़ जमीन पर तीन फेज में बनेगा। इस पर 75 करोड़ से ज्यादा राशि खर्च होगी। पहले फेज में 6.7 एकड़ (27,000 वर्गमीटर) जमीन पर रीजनल कैंसर इंस्टीट्यूट की 7 मंजिला (बी+जी+5) मुख्य इमारत तैयार होगी। इसके बाद दूसरे फेज में 6.1 एकड़ जमीन पर डेंटल कॉलेज तथा तीसरे फेज में 2.93 एकड़ जमीन पर पब्लिक हेल्थ कॉलेज भी बनेगी। फिलहाल निर्माण एजेंसी द्वारा रीजनल कैंसर इंस्टीट्यूट की सात मंजिला इमारत बनना ही प्रस्तावित है। इसके लिए दिल्ली के एक आर्किटेक्ट ने निगम दक्षिण में बी+जी+5 मंजिला इंस्टीट्यूट की मुख्य इमारत का प्रस्तावित मानचित्र पेश किया। इसमें कुछ संशोधन के पश्चात नक्शा पारित कर दिया गया है।. फर्स्ट फेज: 27000 वर्गमीटर में मुख्य इमारत, ग्रीन स्पेस व पार्किंग,प्रस्तावित मैप में निर्माण एजेंसी ने 6.7 एकड़ जमीन पार्किंग, ग्रीन स्पेस व एडमिन ऑफिस व कैंटीन बनाई जाएगी। फर्स्ट फेज की सात मंजिला मुख्य इमारत के लिए फिलहाल 18 करोड़ रु. का बजट स्वीकृत हुआ है। मानचित्र पारित होने के साथ ही युद्धस्तर पर इसका निर्माण होगा। सैकंड फेज: 24913 व.मी. में बनेगा डेंटल कॉलेज व स्टाफ क्वाटर्स कैंसर इंस्टीट्यूट की सात मंजिला इमारत के बाद दूसरे फेज में 6.1 एकड़ (यानी 24913 वर्गमीटर जमीन पर डेंटल कॉलेज का निर्माण प्रस्तावित है। कॉलेज की इमारत के आगे बड़ा ग्रीन स्पेस व पार्किंग बनेगी। इसके अलावा आवासीय व स्टाफ क्वाटर्स के साथ गेस्ट हॉस्टल भी बनना प्रस्तावित है।थर्ड फेज: 11886 वर्गमीटर में बनेगा पब्लिक हेल्थ कॉलेज,इंस्टीट्यूट की मुख्य इमारत के समीप 2.93 एकड़ (यानी 11886 वर्गमीटर) जमीन पर पब्लिक हेल्थ कॉलेज का निर्माण प्रस्तावित है। इसके अलावा आवासीय क्वाटर्स व पार्किंग भी बनाई जाएगी।B+G+6 मंजिल का मैप, एक मंजिल अस्वीकृत,दिल्ली की आर्किटेक्ट कंपनी ने निगम दक्षिण बी+जी+सिक्स मंजिला इंस्टीट्यूट का नक्शा पेश किया। हालांकि निगम दक्षिण ने छठी मंजिल काे नामंजूर करते हुए मानचित्र पारित कर दिया है। निगम दक्षिण महापौर वनिता सेठ व आयुक्त अरुणकुमार पुरोहित ने इसकी गंभीरता को समझते हुए इंस्टीट्यूट के मानचित्र की पत्रावली को तुरंत चलाकर पारित करने को कहा। एसटीपी व एटीपी सहित सिविल विंग ने भी पेश मानचित्र को पारित करने की कार्रवाई अमल में लाई। हालांकि आर्किटेक्ट से कुछ तकनीकी जानकारी (मानचित्र में अस्पष्ट दिख रही) भी मांगी है, लेकिन मानचित्र को पारित कर दिया है।

Nursing worker threatened to kill the doctor in Shergarh, Jodhpur

14.06.2022
डॉ. गजेंद्र जीनगर जोकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शेरगढ़ में कार्यरत है। 7 जून को दोपहर बाद 3:15 बजे आपातकालीन ड्यूटी पर थे। इसी दौरान नर्सिंगकर्मी धर्मवीर सिंह ने शराब के नशे में उनके साथ मारपीट की व परिजनों को जान से मारने की धमकी दे डाली। स्टाफ ने किसी तरह से बीच-बचाव किया। डॉक्टर गजेंद्र जीनगर ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पहले भी इस आदतन शराबी आरोपी की ऐसी हरकतों की शिकायत अधिकारियों से की जा चुकी है,परंतु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। डॉ.गजेंद्र जीनगर पर हाथ उठाने के बाद अब लगता है, कि उस पर कुछ कार्रवाई हो। इसलिए पुलिस अधिकारियों से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

42,248 units collected and 93,248 supplied in the blood bank of JLN (Jawaharlal Nehru Medical College), Ajmer.

14.06.2022
किसी की जिंदगी को बचाने के लिए खून की क्या अहमियत होती है। यह शायद इन लोगों से बेहतर कोई नहीं जान सकता। रोल के चंद्रशेखर ने बताया कि दोस्त के रिश्तेदार की बच्ची को ब्लड नहीं मिलने की वजह से उनकी जान चली गई। इसी वजह से चार लोगों ने मिलकर डेढ साल पहले ग्रुप बनाया। लोग रक्तदान के लिए जुड़ते गए तो रजिस्टर में एंट्री करके ऑन कॉल सेवा दिलाते रहे।लेकिन संख्या बढ़ी और रिकॉर्ड रखना मुश्किल हुआ तो गूगल पर एप्लिकेशन बनवा दी, नाम रखा मौसंबी ग्रुप। यह नाम मौसंबी फल की तर्ज पर रखा गया कि रक्तदान के समय मौसंबी का ज्यूस पीने से व्यक्ति रिकवर होता है। इसलिए फल के नाम से ही ग्रुप बना लिया। यह एप्प कुछ समय पहले ही लाँच किया गया और लगातार काम चल रहा है।इस ग्रुप से देशभर में लोग धीरे-धीरे जुड़ रहे है। हालांकि प्रदेश में सबसे ज्यादा जयपुर, जोधपुर, नागौर और अजमेर से ब्लड की मांग के लिए कॉल आते है और उनकी सेवा करते है।आईएएस डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने 2018 में रक्तदान के लिए फाउंडेशन बनाया था। जिसके लिए वेबसाइट, एप्प आदि से राज्य भर से लोगों को जोड़ा गया। इस फाउंडेशन ने चार साल में 500 से अधिक शिविर आयोजित कर 60 हजार यूनिट रक्तदान करवाकर मरीजों की हेल्प की। डॉ. सोनी जब 2015 में जालोर के कलेक्टर थे उस दौरान वाट्सएप ग्रुप से जुड़े थे तथा इसके बाद ही यहां से फाउंडेशन बना लिया गया।इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष रामगोपाल विश्नोई बताते है कि देश भर के महानगरो में भी यह फाउंडेशन काम कर रहा है। वहीं समय समय पर सम्मान समारोह आयोजित कर कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया जाता है। सोनी खुद अब तक 77 बार रक्तदान कर चुके है। इसी प्रकर तेजा दशमी से तेजा भक्तों ने रक्तदान अभियान चलाकर वाट्सएप ग्रुप से रक्तदान करवा रहे है। अब तक 7600 के करीब रक्तदाता रक्तदान इस ग्रुप के माध्यम से कर चुके है।ब्लड बैंक के मोहम्मद अली ने बताया कि हर रोज 10 से 15 यूनिट के बीच रक्त की खपत होती है। पिछले रविवार को कुल 120 रक्त की खपत हुई। हर महीने 400 यूनिट की खपत हो जाती है। पिछले वर्ष का सालाना कलेक्शन 5000 यूनिट हुआ था। मोहम्मद अली ने बताया कि अस्पताल में ए, बी व ओ ब्लड कैटेगरी में पॉजिटिव वोल ब्लड की डिमांड ज्यादा रहती है।इस लिए रक्तदाता बुलाने पड़ते है। जिले में कुचामन, डीडवाना व नागौर में ब्लड बैंक है, साथ ही जिले में दो जगहों पर स्टोरेज है। ब्लड बैंक प्रभारी धर्मवीर ने बताया कि पिछले 5 वर्षों में सालाना 2000 से 5000 यूनिट का कलेक्शन हो रहा है। लोगों में रक्तदान करने की जागरुकता आई है, लेकिन शहरों को छोड़कर ग्रामीण इलाकों में आज भी रक्तदान करने के लिए कैंप लगाकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है।इसमें शहर का नाम व ग्रुप सर्च करना पड़ता है। आईएएस जितेंद्र कुमार सोनी ने बताया कि रक्तदान महादान है, जिसके माध्यम से हम निस्वार्थ भाव से तत्पर रहकर जरुरतमंद व्यक्ति के लिए स्वयं रक्तदान करके एवं अन्य व्यक्तियों को प्रेरित कर पुनीत कार्य कर सकते है।

The ENT (Ear, Nose and Throat) department, which was closed since the Corona period, resumed at New Nehru Hospital Extension (NHE), Chandigarh.

13.06.2022
पीजीआई स्थित न्यू नेहरू हॉस्पिटल एक्सटेंशन में कोरोना काल से बंद ईएनटी डिपार्टमेंट दोबारा से शुरू कर दिया गया है, इसका शुभारंभ पीजीआई डायरेक्टर प्रो.विवेक लाल ने किया। मौके पर डीडीए कुमार गौरव धवन, एमएस विपिन कौशल और ईएनटी डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो. नरेश के पांडा,प्रोफेसर संजीव बंसल आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे। पीजीआई के नेहरू हॉस्पिटल एक्सेंटेशन में 10 ओपीडी फंक्शनल कर दी थी,उसके बाद में ईएनटी डिपार्टमेंट शुरू करने का फैसला लिया गया था। डिपार्टमेंट और ऑपरेशन थिएटर खुलने के बाद ईएनटी के मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, जिससे उनको काफी फायदा मिलेगा।

According to the instructions of the National Medical Council, from June 12 to 21, MBBS first year students will do yoga in Patna.

13.06.2022
एमबीबीएस में 10 घंटे की योग क्लास जरूरी है इसको लेकर एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र 12 से 21 जून तक योग पढ़ेंगे। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) के सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट और योग इंचार्ज डॉ रत्नेश चौधरी ने कहा कि योगा क्लास एनाटॉमी विभाग के पास आरंभ हुआ है, कोरना काल में योग और व्यायाम की वजह से लॉन्ग कोविड-19, सांस फूलने, ब्रेन फोग सहित अन्य समस्या में लोगों को काफी फायदा हुआ है। इसको देखते हुए योगा क्लास में 100 छात्रों ने हिस्सा लिया है, इस मौके पर डीन प्रोफेसर वीएम दयाल, मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुधीर, माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. नम्रता, डॉ. प्रियंका, हार्टफुलनेस मेडिटेशन के सुधांशु,नलिन शेखर, कृष्णा प्रसाद उपस्थित थे। गौरतलब है कि 21 जून को योग दिवस है, जिसकी वजह से 12 से 21 जून तक योगा क्लास चलेगा और इससे छात्रों को भी काफी फायदा मिलेगा

Government Maharaj Tukojirao Kholkar (MTH) Hospital of Indore lost power due to rat entering the feeder, the hospital depended on generator for 6 hours

13.06.2022
सरकारी महाराज तुकोजीराव होलकर (एमटीएच) अस्पताल में शनिवार को अजीब स्थिति बन गई। अचानक बिजली गई तो जनरेटर शुरू हो गया, लेकिन इसके बाद जब बिजली वापस आई तब भी जनरेटर का बैकअप कट नहीं हुआ। बिजली का जो फीडर लगा है, वह चालू नहीं हुआ। डॉक्टर्स व स्टाफ परेशान होते रहे। स्थिति यह हो गई कि डीन को खुद रात को अस्पताल जाना पड़ा। करीब छह घंटे मशक्कत चली। फीडर को जांचा गया तब जाकर पता लगा कि उसमें चूहा घुस गया है।मेडिकल कॉलेज के अधिकारी पीडब्ल्यूडी के अफसरों को बार-बार फोन लगाते रहे। रात करीब साढ़े तीन बजे चूहा पकड़ में आया तब जाकर अस्पताल कर्मियों ने राहत की सांस ली। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित का कहना है कि बार-बार बिजली फॉल्ट होने की सूचना मिली थी। जनरेटर चालू था, लेकिन फीडर में कुछ परेशानी थी, जिसके कारण ऐसी स्थिति बनी। मरीजों को कोई परेशानी नहीं हुई। हम सभी अस्पतालों में व्यवस्थाओं की जांच करवा रहे है।एमटीएच में बिजली फीडर के साथ जनरेटर भी उपलब्ध है। इसकी क्षमता आठ से दस घंटे की है। शनिवार को बारिश शुरू होने के करीब छह घंटे तक बिजली फॉल्ट बना रहा। जब फीडर से बिजली बैकअप नहीं आया तो सभी का ध्यान गया। यदि थोड़ी देर यही स्थिति रहती तो अस्पताल में सभी परेशानी में आ जाते। यहां रोजाना 70 से 80 प्रसव होेते हैं।