Fraud in Jabalpur Medical University, without admission and studies, 278 students awarded degrees

12.07.2022

मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर में 278 स्टूडेंट्स की परीक्षा के नाम पर फर्जीवाड़े का खुलासा है। व्यापमं घोटाले की तर्ज पर मेडिकल कॉलेज से लेकर नर्सिंग कॉलेज में प्रवेश से लेकर पढ़ाई में नामांकन नहीं होने के बाद भी परीक्षा में बैठाकर डिग्री बांट दी गई। उनके रिकॉर्ड में कई तरह की गड़बड़ी सामने आई है। ऐसे छात्रो ंने किसी भी कॉलेज में प्रवेश तक नहीं लिया।फर्जीवाड़े में मेडिकल कॉलेज, मेडिकल यूनिवर्सिटी और परीक्षा संचालित करने वाली एजेंसी माइंडलॉजिस्टिक इन्फ्राटेक की सांठगांठ उजागर हुई है। यह चौंकाने वाला खुलासा मप्र हाईकोर्ट में पेश हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस केके त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी की 42 पेज की रिपोर्ट में हुआ है।

फर्जीवाड़ा ऐसा कि बदल देते थे रिकॉर्ड
याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने बताया, परीक्षा संचालन एजेंसी माइंडलॉजिस्टिक इन्फ्राटेक के अफसरों से जांच कमेटी ने परीक्षाओं के सभी रेकॉर्ड मंगवाए। अफसरों से पूछताछ भी की गई। इसमें खुलासा हुआ कि परीक्षा के पहले ही एजेंसी को छात्रों की जानकारी एनरोलमेंट नंबर सहित मिलती थी, जो एजेंसी के सर्वर पर रहती थी। परीक्षा का कार्यक्रम घोषित होने की सूचना एजेंसी को मिलने पर पोर्टल पर दी जाती थी। इसे संबंधित मेडिकल कॉलेज व छात्र एक्सेस करते थे। छात्र पोर्टल से परीक्षा फॉर्म भरते थे।

दोबारा यूनिवर्सिटी सुधार के लिए खोलती थी पोर्टल

कॉलेज के प्राचार्य परीक्षा फॉर्म चेक कर पोर्टल पर वापस डालने के साथ ही इसे एजेंसी को भेज देते थे। परीक्षा केंद्र और छात्रों की डिटेल्स चेक होने के बाद यह जानकारी पोर्टल पर अपलोड होती थी। साजिशपूर्ण तरीके से इसी दौरान एक विशेष छात्र के फॉर्म में गलती होने की सूचना देकर संबंधित मेडिकल कॉलेज यूनिवर्सिटी से फिर से सुधार के लिए पोर्टल खोलने की अनुमति मांगता था। यह अनुमति मिल जाती थी। एजेंसी के पोर्टल रिओपेन करने के बाद कॉलेज से संबंधित छात्र का इनरोलमेंट नंबर छोड़कर परीक्षार्थी की सारी जानकारी बदल जाती थी। इस आधार पर एजेंसी सॉफ्टवेयर ऑटोमेटिक एडमिट कार्ड जनरेट कर देता था।

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