केजीएमयू डॉक्टर मनपसंद कंपनी की दवा नहीं लिख सकेंगे

लखनऊ केजीएमयू में अब डॉक्टर मरीजों को चेहती कंपनियों की दवा नहीं लिख सकेंगे। डॉक्टर ओपीडी में मरीजों को कम्प्यूटर पर ही दवा लिखेंगे। उसका प्रिंट मरीजों को मिलेगा। इसके लिए केजीएमयू प्रशासन साफ्टवेयर तैयार करा रहा है। इसमें विभागवार दवाओं की सूची होगी। खास बात यह है कि यह सभी दवाएं जेनेरिक होंगी। जो किफायती होंगी। केजीएमयू परिसर में खुली हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) के मेडिकल स्टोर पर ज्यादातर दवाएं उपलब्ध रहेंगी।

सामान्य दिनों में केजीएमयू की ओपीडी में पांच से आठ हजार मरीज आते हैं। परिसर में सस्ती दवा के मेडिकल स्टोर खुले हैं। इसके बावजूद डॉक्टर मरीजों को बाहर की दवाएं लिख रहे हैं। खासबात यह है कि कुछ डॉक्टरों की दवाएं चुनिंदा मेडिकल स्टोर पर ही मिलती हैं। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। केजीएमयू प्रशासन की सख्ती के बावजूद डॉक्टर बाज नहीं आ रहे हैं। मरीजों को बाजार की महंगी दवाएं लिख रहे हैं।

 

डॉक्टर-कंपनियों का टूटेगा गठजोड़

केजीएमयू प्रशासन ने डॉक्टर व फार्मा कंपिनयों के गठजोड़ तोड़ने के लिए मरीजों को ऑनलाइन कम्प्यूटर पर दवाएं लिखने का फैसला किया है। इसके लिए खास तरह का साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। इसमें जेनेरिक दवाओं की सूची अपलोड की जाएगी। नई व्यवस्था में केजीएमयू की ओपीडी में डेस्कटॉप और प्रिंटर उपलब्ध कराए जाएंगे। कुलपति डॉ. बिपिन पुरी का दावा है कि यह दवाएं एचआरएफ के स्टोर पर उपलब्ध रहेंगी। उन्होंने बताया कि साफ्टवेयर के माध्यम से यह पता करना आसान होगा कि डॉक्टर ने कौन सी दवाएं लिखीं। इसकी समय-समय पर जांच भी होगी।

 

मरीजों को मिलेगी सस्ती दवाएं

नई व्यवस्था लागू होने से सबसे ज्यादा फायदा मरीजों को होगी। मरीजों को सस्ती दवाएं मिलेंगी। एचआरएफ के मेडिकल स्टोर पर 70 से 80 फीसदी कम कीमत पर मरीजों को दवाएं मिलेंगी।

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