नियमित व्यायाम रोकता है कोरोना से होने वाली मौत से, हुई खोज

दिन में थोड़ी सी चहलकदमी या भागदौड़ आपको कोरोना से दूर कर सकती है, या कम से कम मरने तो नहीं ही देगी ।

वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक शोध में बताया है की चलना, दौड़ना, एक्सरसाइज आदि से शरीर की मांस पेशियों में एक एंटीऑक्सीडेंट बनता है जो रक्त से होकर दिल फेंफड़ों और किडनीयों में पहुँचता है, वहां यह बाहरी हानिकारक तत्वों से टक्कर लेता है ।

खोजकर्ता श्री Zhen Yan, जो कि प्रोफेसर हैं वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के medicine, pharmacology, and molecular physiology and biological physics विभाग में । यान ने बताया कि ये एंटीऑक्सीडेंट EcSOD (Extracellular superoxide dismutase) है जो की फेफड़ों में ARDS (acute respiratory distress syndrome) की संभावनाओं को कम करता है, ARDS कोरोना मरीजों की मौत का सबसे बड़ा कारण है । कोविड-19 में होने वाली अधिकांश मौतें फेंफड़ों में ARDS से होती हैं और यह कुछ सप्ताह का नित्य व्यायाम आपको ARDS से बचाता है यानी कोरोना से होने वाली मौत से । कोरोना संक्रमित मरीजों में से करीब 13% लोगों की मौत ARDS से होती है। कोरोना से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों में से 30% में ARDS होता ही है, यानी हर तीसरे संक्रमित व्यक्ति को एक्सरसाइज से बनने वाला एंटीऑक्सीडेंट बचा सकता है, जो की एक बहुत बड़ी संख्या है ।

उन्होंने बताया की एक्सरसाइज वैसे भी हर तरह की बीमारी से बचाती ही है, लेकिन अगर एक्सरसाइज जैसे की तेज दौड़ना, उछलना, वजन उठाना आदि आप लगातार करते हैं तो कोरोना से भी मरने से बच सकते हैं । यान EcSOD एंटीऑक्सीडेंट को दो तरह से बनाने का भी प्रयास कर रहे हैं, एक दवा से और दूसरा एक व्यक्ति के खून से निकालकर दुसरे के अंदर डालने से, लेकिन उनका कहना है कि सबसे बढ़िया तरीका है की नियमित एक्सरसाइज करें और आपकी मांस पेशियाँ खूब इसे बनायेंगी और आप कोरोना से बच सकेंगे । खोजकर्ताओं का कहना है कि एक दिन की एक्सरसाइज उसी तरह है जैसे दवा की एक टेबलेट, इस से तो आप कोरोना से बचने से रहे, अतः आवश्यक है की आप एक्सरसाइज लगातार करें, कुछ सप्ताह में आपके शरीर में पर्याप्त एंटीऑक्सीडेंट उपलब्ध हो जायेगा । यान ने अपनी प्रयोगशाला में चूहों में परिक्षण किया और यह खोज हुई फिर इंसानों में भी समान स्थिति पाई ।

This research published :
Zhen Yan, of Virginia University’s Departments of Medicine, Pharmacology and Molecular Physiology and Biological Physics, conducted his review in collaboration with Mr. Hannah R. Spaulding, a postdoctoral researcher at UVA. They have published their review in the famous scientific journal Redox Biology.
This research was supported by the National Institutes of Health, grants R01-GM109473 and T32 HL007284-43. 

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